इंदौर (भाषा)। जिले के एक उपभोक्ता आयोग ने कथित रूप से 'छल-कपट भरे व्यवहार’ और ‘अनुचित व्यापार प्रथा’ को लेकर बायजूस के एक स्थानीय प्रबंधक और इस शिक्षा प्रौद्योगिकी कम्पनी का विज्ञापन करने वाले अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ आदेश जारी किया है. आयोग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अफसर बनने की हसरत के साथ बायजूस के कोचिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाली एक युवती की शिकायत पर यह आदेश जारी किया है.
ब्याज समेत फीस लौटाने का आदेश: आयोग ने आदेश में कहा है कि इस महिला द्वारा पाठ्यक्रम में दाखिले के वक्त वर्ष 2021 में जमा कराई 1.08 लाख रुपये की फीस 12 प्रतिशत के सालाना ब्याज समेत लौटाई जाए. मुकदमा लड़ने के खर्च के रूप में उसे 5,000 रुपये अदा किए जाएं और आर्थिक व मानसिक नुकसान के एवज में उसे 50,000 रुपये का मुआवजा भी दिया जाए. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने स्थानीय निवासी प्रियंका दीक्षित द्वारा बायजूस के स्थानीय प्रबंधक और शाहरुख खान के खिलाफ दायर शिकायत पर यह आदेश दिया और कहा कि प्रतिवादी गण शिकायतकर्ता को मिलकर और अलग-अलग यह रकम चुकाएं.
नोटिस के बाद भी शाहरुख खान रहे अनुपस्थित: गौरतलब है कि कानूनी संदर्भों में "संयुक्ततः व पृथकतः" शब्द से तात्पर्य किसी ऐसी भागीदारी को निरूपित करने से है. जिसमें इस भागीदारी से जुड़ा हर पक्ष किसी देनदारी के संबंध में बराबर रूप से उत्तरदायी होता है. आयोग ने आदेश में कहा कि बायजूस प्रबंधक और शाहरुख खान मामले में नोटिस तामील होने के बाद भी अनुपस्थित रहे और उनकी ओर से कोई जवाब भी पेश नहीं किया गया, इसलिए उनके खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई की गई.
शाहरुख का विज्ञापन देख लिया एडमिशन: आयोग ने आदेश में कहा ‘विपक्षी गण की ओर से मिथ्या और भ्रामक ऑनलाइन विज्ञापन देकर महिला शिकायतकर्ता को बायजूस कोचिंग में प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया और फीस प्राप्त करने के बाद किसी प्रकार की कोचिंग सुविधा नहीं दी गई. रकम लौटाने का आश्वासन देने के बावजूद फीस नहीं लौटाई गई, जो अपने आप में छल-कपटपूर्ण व्यवहार है और अनुचित व्यापार प्रथा को प्रकट करता है. जानकारों ने कानूनी प्रावधानों के हवाले से बताया कि अगर कोई पक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के किसी आदेश से असंतुष्ट होता है, तो इसके 30 दिन के भीतर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में अपील दायर कर इसे चुनौती दे सकता है. दीक्षित ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में दायर शिकायत में शाहरुख खान को यह दावा करते हुए प्रतिवादियों में शामिल किया कि बायजूस के लिए उनके द्वारा किए गए विज्ञापन से प्रभावित होने के बाद उन्होंने 13 जनवरी 2021 को 1.08 लाख रुपये की फीस जमा कर कम्पनी के कोचिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था, ताकि वह आईएएस अफसर बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा की तैयारी कर सके.
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बायजूस और शाहरुख खान के खिलाफ शिकायत: शिकायत में यह दावा भी किया गया कि फीस लेते समय बायजूस की ओर से दीक्षित को आश्वासन दिया गया था कि कोचिंग पाठ्यक्रम के तहत उन्हें अच्छे शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाएगा और 14 जनवरी, 2021 से उनकी कक्षाएं शुरू हो जाएगी, लेकिन इस तारीख से ये कक्षाएं शुरू नहीं की गई. दीक्षित ने शिकायत में कहा कि कोचिंग सेवा से असंतुष्ट होकर उन्होंने बायजूस को 27 जनवरी 2021 को इस पाठ्यक्रम से अपना दाखिला निरस्त करने को कहा और फीस वापस मांगी, लेकिन कई बार मांगे जाने के बावजूद कम्पनी ने उन्हें फीस कथित रूप से नहीं लौटाई. दीक्षित के वकील सुरेश कांगा ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के मुताबिक कोई उपभोक्ता किसी कंपनी की सेवाओं में त्रुटि पर इस कम्पनी के साथ ही इसका विज्ञापन करने वाले लोगों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करा सकता है. उन्होंने कहा कि हमने उपभोक्ता आयोग में इन्हीं प्रावधानों के तहत बायजूस के साथ ही शाहरुख खान के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई, क्योंकि शाहरुख खान ने इस कंपनी के लिए वह विज्ञापन किया था. जिसे देखकर मेरी मुवक्किल कोचिंग पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्रेरित हुई.