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Medicinal Plants : पौधों से गंभीर रोगों का इलाज होगा संभव, कैंसर हॉस्पिटल में प्रदर्शनी, इन बीमारियों में कारगर हैं ये पौधे

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Published : Nov 8, 2022, 6:13 PM IST

देश और दुनिया में एलोपैथी के घातक साइड इफेक्ट और बीमारियों का स्थाई इलाज नहीं हो पाने के कारण चिकित्सा विशेषज्ञ अब औषधि पौधों के महत्व को समझने लगे हैं. यही वजह है कि आयुर्वेद और नेचुरोपैथी जैसी उपचार प्रणालियों में अब औषधीय पौधों का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है (complex diseases cure by plants) इतना ही नहीं, अब घातक बीमारियों में भी पौधों का उपयोग समझाने के लिए औषधीय पौधों की प्रदर्शनी भी अस्पतालों में लग रही है.

Indore complex diseases cure possible by plants
पौधों जटिल बीमारियों का इलाज होगा संभव

इंदौर। भारतीय वनस्पति में अनगिनत ऐसे पौधे हैं, जिनके किसी ना किसी भाग से औषधि बनाई जाती है. इसके अलावा भारतीय आयुर्वेद में प्रसिद्ध विद्वान चरक ने विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों का विभिन्न बीमारियों में उपयोग विस्तार से दर्शाया है. अब जबकि विभिन्न बीमारियों में औषधीय पौधों का महत्व समझा जाने लगा है और बड़ी मात्रा में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में भी औषधि पौधों से बनी दवाइयों का उपयोग बढ़ रहा है तो इन पौधों के प्रति आम लोगों में जागरूकता के भी प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे पर इंदौर के कैंसर हॉस्पिटल में रेडिएशन रोकने के साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियों में उपयोगी पौधों का प्रस्तुतीकरण किया गया. वहीं कार्यक्रम में जन जागरूकता के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे भी वितरित किए गए.

पौधों जटिल बीमारियों का इलाज होगा संभव

किन पौधों में क्या गुण :

स्नेक प्लांट : लंबे समय तक विकिरण को अवशोषित करने के लिए स्नेक प्लांट का उपयोग होता है. ये पौधे आमतौर पर गमलों में नजर आते हैं. स्नेक प्लांट कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करने के लिए प्रसिद्ध पौधा है. इसके अलावा यह सर्वोत्तम एयर प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है.

एलोवेरा या ग्वारपाठा : एलोवेरा आपके घर में होने वाला एक सामान्य पौधा है, जिसका भरपूर औषधीय उपयोग है. यह पौधा भी पर्यावरण में विकिरण को अवशोषित करने की क्षमता रखता है. इसके अलावा त्वचा रोग समेत पाचन तंत्र एवं विभिन्न प्रकार की बीमारियों में एलोवेरा उपयोग में लाया जाता है.

स्पाइडर प्लांट : स्पाइडर प्लांट खतरनाक केमिकल को हटाने के लिहाज से उपयोगी पौधा है. इसका वैज्ञानिक नाम क्लोरो आइटम है, जो घरेलू प्रदूषण को नियंत्रित करता है.

इन्सुलिन प्लांट : इन्सुलिन प्लांट का उपयोग शुगर के मरीजों के लिए किया जाता है. इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर शुगर के मरीजों को पिलाया जाता है, जिससे उनकी शुगर लेवल नियंत्रित रहती है. यह पौधा ग्लूकोस के हाई लेवल को कम करके सामान्य करता है. इसके अलावा सर्दी प्रचार संक्रमण आंखों के संक्रमण फेफड़े के रोग आदि बीमारियों में भी इस प्लांट के पत्तों का उपयोग होता है.

सूरजमुखी : सूरजमुखी के पौधे का व्यापक उपयोग है. इसके फूल से तेल बनाया जाता है. यह औषधि वनस्पति है. सूरजमुखी के फूल में सेलेनियम और आयरन मौजूद होता है. इसके अलावा उच्च मात्रा में विटामिन ए और डी इसमें पाए जाते हैं.

शतावरी : शतावरी पौधे का व्यापक उपयोग है. अनिद्रा रोग के अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी का सेवन उपयोग माना जाता है. इसके अलावा स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए अथवा शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए और स्टेमिना को बढ़ाने के लिए शतावरी का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा श्वांस रोग और अपच की समस्या में भी शतावरी का बहुत उपयोग है.

पारिजात : पारिजात के पत्ते सर्दी खांसी के अलावा अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. इसके अलावा हड्डी संबंधी रोगों और पेट के कीड़ों को मारने में भी परिजात के पौधों का उपयोग किया जाता है.

250 से अधिक औषधीय पौधों का अनुपम संग्रह, पीएम मोदी भी कर चुके हैं सराहना

पत्थरचट्टा : पत्थरचट्टा एक मशहूर औषधि पौधा है. इसका उपयोग एग्जिमा और रैशेज के अलावा किडनी संबंधी रोगों में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा गुर्दों में पथरी के उपचार के लिए भी पत्थरचट्टा के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है. वहीं ब्लड प्रेशर के नियंत्रण के लिए भी इस पौधों की पत्तियों का उपयोग किया जाता है.

करंज : करंज एक सामान्य पौधा है लेकिन बालों के झड़ने से लेकर मालिश करने और इसके बीज का उपयोग आंखों के रोग आदि में किया जाता है. वहीं दांतों की बीमारियों में भी करंज उपयोग होता है. इसके अलावा उदर रोग में भी कई चिकित्सकों द्वारा करंज का उपयोग किया जाता है.

इंदौर। भारतीय वनस्पति में अनगिनत ऐसे पौधे हैं, जिनके किसी ना किसी भाग से औषधि बनाई जाती है. इसके अलावा भारतीय आयुर्वेद में प्रसिद्ध विद्वान चरक ने विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों का विभिन्न बीमारियों में उपयोग विस्तार से दर्शाया है. अब जबकि विभिन्न बीमारियों में औषधीय पौधों का महत्व समझा जाने लगा है और बड़ी मात्रा में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में भी औषधि पौधों से बनी दवाइयों का उपयोग बढ़ रहा है तो इन पौधों के प्रति आम लोगों में जागरूकता के भी प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को वर्ल्ड रेडियोग्राफी डे पर इंदौर के कैंसर हॉस्पिटल में रेडिएशन रोकने के साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियों में उपयोगी पौधों का प्रस्तुतीकरण किया गया. वहीं कार्यक्रम में जन जागरूकता के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे भी वितरित किए गए.

पौधों जटिल बीमारियों का इलाज होगा संभव

किन पौधों में क्या गुण :

स्नेक प्लांट : लंबे समय तक विकिरण को अवशोषित करने के लिए स्नेक प्लांट का उपयोग होता है. ये पौधे आमतौर पर गमलों में नजर आते हैं. स्नेक प्लांट कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करने के लिए प्रसिद्ध पौधा है. इसके अलावा यह सर्वोत्तम एयर प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है.

एलोवेरा या ग्वारपाठा : एलोवेरा आपके घर में होने वाला एक सामान्य पौधा है, जिसका भरपूर औषधीय उपयोग है. यह पौधा भी पर्यावरण में विकिरण को अवशोषित करने की क्षमता रखता है. इसके अलावा त्वचा रोग समेत पाचन तंत्र एवं विभिन्न प्रकार की बीमारियों में एलोवेरा उपयोग में लाया जाता है.

स्पाइडर प्लांट : स्पाइडर प्लांट खतरनाक केमिकल को हटाने के लिहाज से उपयोगी पौधा है. इसका वैज्ञानिक नाम क्लोरो आइटम है, जो घरेलू प्रदूषण को नियंत्रित करता है.

इन्सुलिन प्लांट : इन्सुलिन प्लांट का उपयोग शुगर के मरीजों के लिए किया जाता है. इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर शुगर के मरीजों को पिलाया जाता है, जिससे उनकी शुगर लेवल नियंत्रित रहती है. यह पौधा ग्लूकोस के हाई लेवल को कम करके सामान्य करता है. इसके अलावा सर्दी प्रचार संक्रमण आंखों के संक्रमण फेफड़े के रोग आदि बीमारियों में भी इस प्लांट के पत्तों का उपयोग होता है.

सूरजमुखी : सूरजमुखी के पौधे का व्यापक उपयोग है. इसके फूल से तेल बनाया जाता है. यह औषधि वनस्पति है. सूरजमुखी के फूल में सेलेनियम और आयरन मौजूद होता है. इसके अलावा उच्च मात्रा में विटामिन ए और डी इसमें पाए जाते हैं.

शतावरी : शतावरी पौधे का व्यापक उपयोग है. अनिद्रा रोग के अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी का सेवन उपयोग माना जाता है. इसके अलावा स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए अथवा शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए और स्टेमिना को बढ़ाने के लिए शतावरी का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा श्वांस रोग और अपच की समस्या में भी शतावरी का बहुत उपयोग है.

पारिजात : पारिजात के पत्ते सर्दी खांसी के अलावा अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. इसके अलावा हड्डी संबंधी रोगों और पेट के कीड़ों को मारने में भी परिजात के पौधों का उपयोग किया जाता है.

250 से अधिक औषधीय पौधों का अनुपम संग्रह, पीएम मोदी भी कर चुके हैं सराहना

पत्थरचट्टा : पत्थरचट्टा एक मशहूर औषधि पौधा है. इसका उपयोग एग्जिमा और रैशेज के अलावा किडनी संबंधी रोगों में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा गुर्दों में पथरी के उपचार के लिए भी पत्थरचट्टा के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है. वहीं ब्लड प्रेशर के नियंत्रण के लिए भी इस पौधों की पत्तियों का उपयोग किया जाता है.

करंज : करंज एक सामान्य पौधा है लेकिन बालों के झड़ने से लेकर मालिश करने और इसके बीज का उपयोग आंखों के रोग आदि में किया जाता है. वहीं दांतों की बीमारियों में भी करंज उपयोग होता है. इसके अलावा उदर रोग में भी कई चिकित्सकों द्वारा करंज का उपयोग किया जाता है.

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