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Indore Crime News: प्राचार्य ने पुलिस को दिया बयान, छात्र आक्रोश में कर रहा था बात, फिर छिड़कने लगा पेट्रोल - इंदौर बीएम कॉलेज

इंदौर के सिमरोल थाना क्षेत्र में फार्मेसी कालेज की प्राचार्य पर पेट्रोल डालकर आग लगाने के मामले में पुलिस लगातार जांच कर रही है. प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने घायल प्राचार्य और आरोपी के पुलिस ने बयान ले लिया है. दोनों ने अपने बयान में घटना को लेकर पूरा विवरण पुलिस को बताया है. देखिए रिपोर्ट...

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इंदौर बीएम कॉलेज का छात्र प्रिंसिपल को जलाया
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Published : Feb 21, 2023, 11:01 PM IST

इंदौर। जिले के बीएम कॉलेज के फॉर्मेसी डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल को छात्र ने जिंदा जलाने की घटना को अंजाम दिया है. छात्र ने बताया कि, कॉलेज प्रबंधन द्वारा मार्कशीट ना दिए जाने से वह नाराज था. इस मामले में इंदौर के शिक्षाविद का गुस्सा भड़का है. उनका कहना है कि, अगर पुलिस समय पर जाग जाती तो इस तरह की घटना नहीं होती. मामले को लेकर पुलिस लगातार जांच कर रही है. पुलिस ने आरोपी और घायल प्राचार्य का भी बयान दर्ज किया है.

छात्र आक्रोश में कर रहा था बात: प्रिंसिपल ने बताया कि, जब आरोपी आशुतोष उनसे बात करने के लिए कॉलेज में पहुंचा तो वह काफी एग्रेसिव होकर बात कर रहा था. इस दौरान उसे काफी समझाने का भी प्रयास किया गया, लेकिन युवक अपने एक बॉटल लिया था. उसमें पेट्रोल था. वह उनके ऊपर डालने लगा. इस दौरान उस बॉटल को आरोपी के पास से छीनने का प्रयास किया, लेकिन कुछ पेट्रोल गिर गया. बाटल छीनने के दौरान कुछ पेट्रोल आरोपी के ऊपर भी गिरा था.

प्राचार्य की स्थिति गम्भीर: प्राचार्य और आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव दोनों चपेट में आ गए. प्राचार्य 80% से अधिक जल गई. तो वहीं आशुतोष तकरीबन 40% के आसपास जला हैस, लेकिन प्राचार्य की स्थिति गम्भीर होने के चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. आने वाले दिनों में उनके विस्तृत बयान लिए जाएंगे. घटना में घायल हुए आशुतोष श्रीवास्तव को इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. उससे मुलाकात करने के लिए उसके पिता और छोटा भाई पहुंचे थे.

डिग्री नहीं मिलने से था परेशान: इस पूरे मामले में पुलिस ने पकड़े गए आरोपी युवक आशुतोष श्रीवास्तव से जब पूछताछ की तो वह किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दे रहा था. इसके बाद उसके पारिवारिक पृष्ठभूमि को खंगाला गया तो यह जानकारी सामने आई कि, उसके पिता ऑटोमोबाइल कंपनी में मैनेजर के पद पर पदस्थ है, लेकिन कोरोना में उनकी नौकरी चली गई. इसके बाद डिलीवरी का काम करने के साथ ड्राइवर का काम करने लगा. पिता ने पुलिस को जांच में जानकारी दी कि, 100000 सेटेलमेंट के लिए मांगे जा रहे थे, लेकिन परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी. जब आशुतोष को लगा कि अब वह इतने पैसे कॉलेज में जमा नहीं कर पाएगा और उसे डिग्री नहीं मिल पाएगी तो उसने इस तरह का कदम उठा लिया.

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आईजी स्तर के अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग: फिलहाल पूरा मामला काफी हाई प्रोफाइल होने के कारण आईजी स्तर के अधिकारी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वह लगातार थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों से घटना को लेकर अपडेट ले रहे हैं. आने वाले दिनों में इस मामले में पुलिस आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ ही जल्द कोर्ट के समक्ष रखेगी.

इंदौर। जिले के बीएम कॉलेज के फॉर्मेसी डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल को छात्र ने जिंदा जलाने की घटना को अंजाम दिया है. छात्र ने बताया कि, कॉलेज प्रबंधन द्वारा मार्कशीट ना दिए जाने से वह नाराज था. इस मामले में इंदौर के शिक्षाविद का गुस्सा भड़का है. उनका कहना है कि, अगर पुलिस समय पर जाग जाती तो इस तरह की घटना नहीं होती. मामले को लेकर पुलिस लगातार जांच कर रही है. पुलिस ने आरोपी और घायल प्राचार्य का भी बयान दर्ज किया है.

छात्र आक्रोश में कर रहा था बात: प्रिंसिपल ने बताया कि, जब आरोपी आशुतोष उनसे बात करने के लिए कॉलेज में पहुंचा तो वह काफी एग्रेसिव होकर बात कर रहा था. इस दौरान उसे काफी समझाने का भी प्रयास किया गया, लेकिन युवक अपने एक बॉटल लिया था. उसमें पेट्रोल था. वह उनके ऊपर डालने लगा. इस दौरान उस बॉटल को आरोपी के पास से छीनने का प्रयास किया, लेकिन कुछ पेट्रोल गिर गया. बाटल छीनने के दौरान कुछ पेट्रोल आरोपी के ऊपर भी गिरा था.

प्राचार्य की स्थिति गम्भीर: प्राचार्य और आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव दोनों चपेट में आ गए. प्राचार्य 80% से अधिक जल गई. तो वहीं आशुतोष तकरीबन 40% के आसपास जला हैस, लेकिन प्राचार्य की स्थिति गम्भीर होने के चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. आने वाले दिनों में उनके विस्तृत बयान लिए जाएंगे. घटना में घायल हुए आशुतोष श्रीवास्तव को इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. उससे मुलाकात करने के लिए उसके पिता और छोटा भाई पहुंचे थे.

डिग्री नहीं मिलने से था परेशान: इस पूरे मामले में पुलिस ने पकड़े गए आरोपी युवक आशुतोष श्रीवास्तव से जब पूछताछ की तो वह किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दे रहा था. इसके बाद उसके पारिवारिक पृष्ठभूमि को खंगाला गया तो यह जानकारी सामने आई कि, उसके पिता ऑटोमोबाइल कंपनी में मैनेजर के पद पर पदस्थ है, लेकिन कोरोना में उनकी नौकरी चली गई. इसके बाद डिलीवरी का काम करने के साथ ड्राइवर का काम करने लगा. पिता ने पुलिस को जांच में जानकारी दी कि, 100000 सेटेलमेंट के लिए मांगे जा रहे थे, लेकिन परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी. जब आशुतोष को लगा कि अब वह इतने पैसे कॉलेज में जमा नहीं कर पाएगा और उसे डिग्री नहीं मिल पाएगी तो उसने इस तरह का कदम उठा लिया.

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आईजी स्तर के अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग: फिलहाल पूरा मामला काफी हाई प्रोफाइल होने के कारण आईजी स्तर के अधिकारी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वह लगातार थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों से घटना को लेकर अपडेट ले रहे हैं. आने वाले दिनों में इस मामले में पुलिस आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ ही जल्द कोर्ट के समक्ष रखेगी.

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