इंदौर। शहर के पलासिया चौराहे पर पुलिसकर्मियों ने चक्का जाम कर रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था. इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों ने थाना प्रभारी और सरकार ने डीसीपी को अपने पद से हटा दिया था. इस मामले में अभी जांच चल रही है. तीन से चार थाना प्रभारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. इस घटनाक्रम को लेकर इंदौर पुलिस लामबंद हो गई है. इंदौर पुलिस के अधिकारी सोशल मीडिया पर कार्रवाई के विरोध में पोस्ट कर रहे हैं.
डीसीपी व टीआई को हटाया : बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने पर थाना प्रभारी पर सबसे पहले गाज गिरी. इसके बाद सरकार ने डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया को हटा दिया. मामले की जांच एडीजी विपिन माहेश्वरी द्वारा की जा रही है. जांच के तहत पुलिसकर्मियों और बजरंग दल कार्यकर्ताओं के बयान लिए गए.अब पुलिस कर्मियों ने इस घटना को लेकर कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए और इसके बाद बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने भी थाना प्रभारी के साथ जिस तरह से बात हुई, उसके ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए.
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एकतरफा कार्रवाई का विरोध : अब इंदौर पुलिस के अधिकारियों में एकतरफा कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है. कई थाना प्रभारी व पुलिसकर्मी लामबंद होकर सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध दर्ज करवा रहे हैं. कई थाना प्रभारियों एवं पुलिस कर्मियों ने लिखा कि "खाकी का भी तो मान है ना". मात्र इन दो लाइनों में उन्होंने अपनी पूरी बात लिख कर स्टेटस पर अपलोड किया. इसके कई मतलब भी निकाले जा रहे हैं. वहीं, बजरंग दल के विभाग संयोजक तनु शर्मा का कहना है कि यदि पुलिस वाले अपनी वर्दी का मान रख लेते तो यह घटना घटित ही नहीं होती.