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वंडर ब्वॉय अवि को मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, पीएम मोदी ने की बातचीत, कहा- कैसे कर पाते हो इतना काम - पीएम मोदी और अवि शर्मा की बातचीत

इंदौर के अवि शर्मा को 250 शब्दों में रामायण लिखने के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवि शर्मा से बातचीत भी कीं. उन्होंने अवि के उज्जवल भविष्य की कामना भी कीं. (indore avi sharma won National Child Award 2022)

indore avi sharma won National Child Award 2022
अवि शर्मा
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Published : Jan 24, 2022, 3:55 PM IST

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विभिन्न राज्यों की बाल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से पुरस्कृत किया. इन पुरस्कारों में पहला पुरस्कार मध्य प्रदेश के अवि शर्मा (indore avi sharma won National Child Award 2022) को बाल मुखी रामायण लिखने के साथ वंडर ब्वॉय के रूप में तरह-तरह की उपलब्धियों को हासिल करने को लेकर मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान वंडर ब्वॉय से चर्चा करते हुए भाजपा नेत्री उमा भारती को भी बाल प्रतिभा बताते हुए उनके बचपन को याद किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अवि की बात के कुछ अंश

कौन हैं अवि शर्मा
दरअसल, 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले बाल पुरस्कारों की घोषणा आज की गई है. इसमें विभिन्न राज्यों की बाल प्रतिभाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन पुरस्कृत कर उनसे चर्चा की. इस दौरान इंदौर के मास्टर अवि शर्मा को प्रधानमंत्री (pm modi and avi sharma interaction) ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवि को शैक्षणिक उपलब्धि की श्रेणी में यह पुरस्कार दिया है. अवि शर्मा इंदौर के लेखक प्रेरक वक्ता वैदिक गणित के सबसे युवा संरक्षक हैं. जिन्होंने बाल मुखी रामायण की रचना की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अवि की बात के कुछ अंश

पीएम मोदीः अवि आप लेखक भी हैं और प्रेरक भी. आपने बाल मुखी रामायण भी लिखी है. इतना सारा काम कैसे कर पाते हो ?
अवि शर्माः सर, यह भगवान श्रीराम का आशीर्वाद है कि मैं इतना सब कुछ कर पा रहा हूं. गीता में भी लिखा है कि मनुष्य में जो सामर्थ्य है, वह भगवान के आशीर्वाद के कारण है.

पीएम मोदीः रामायण लिखने का विचार आपके मन में सबसे पहले कैसे आया ?
अवि शर्माः सर, रामायण लिखने के लिए भी कहीं न कहीं प्रेरणा स्त्रोत लॉकडाउन से आया. लॉकडाउन में हम लोग पूरी तरह हताश थे. तब टीवी पर रामायण सीरियल प्रसारित हुआ. उस दौरान मैंने रामायण देखी तो मुझे भगवान श्रीराम से प्रेरणा मिली. मुझे लगा कि हम लोग राम के चरित्र को भूल रहे हैं. इसके बाद मैंने 250 शब्दों में रामायण (avi sharma ramayana indore) लिखी. भगवान ने जो आदर्श स्थापित किए जैसे कि सम्मान, धैर्य, आदर्श बच्चे उन्हें भूलते जा रहे हैं.

पीएम मोदी ने की अवि की तारीफ

(प्रधानमंत्री की सहमति से अवि शर्मा ने उन्हें छंद भी सुनाएं.)

पीएम मोदीः रामायण में ऐसा कौन सा चरित्र है, जो आपको बहुत प्रभावित करता है ?
अवि शर्माः भगवान श्रीराम जी मेरे आदर्श हैं. वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. एक आदर्श को कैसा होना चाहिए यह भगवान राम ने त्रेता युग में ही बता दिया था. वह कैसे सबको साथ लेकर चलते थे. सबका कितना आदर करते थे. ऐसी काफी सारी चीजें हैं, जो मैंने भगवान श्रीराम से सीखी हैं.

पीएम मोदीः तुम दिन भर रामायण में लगे रहते हो, घरवाले तो इससे परेशान हो जाते होंगे ?
अवि शर्माः नहीं सर, मैं बचपन से ही रामायण पढ़ता रहा हूं. कोई भी आदत जब हम बचपन में विकसित कर लेते हैं, तो वह जीवन भर आपके साथ रहती है.

पीएम मोदीः जैसे वकील घर में धाराओं का उपयोग करके लड़ते हैं. उसी तरह तुम शास्त्रों का उपयोग करके लड़ाई लड़ते हो क्या ?
अवि शर्माः नहीं सर, रामायण में मैंने जो सीखा है उसका उपयोग में अपनी तरह अन्य बच्चों को सिखाने में करता हूं. बच्चों को भारतीय कल्चर और संस्कृति से जोड़ने के लिए उन्हें पढ़ाता भी हूं.

पीएम मोदीः क्या मध्यप्रदेश के पानी में ही इस तरह की विशेषता है कि वहां ऐसे बच्चे तैयार होते हैं ?
अवि शर्माः जी हां सर, यह मालवा भूमि इतनी सुंदर है कि यहां लता मंगेशकर, अहिल्याबाई जैसे प्रतिभाशाली महान व्यक्तित्व पैदा हुए हैं.

मोदी ने सुनाई उमा भारती के बचपन की कहानी
सम्मान समारोह के बीच ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपकी ही तरह उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं. वह बहुत छोटी थीं, तब वह व्याख्यान करती थीं. गुजरात के अहमदनगर में 50 साल पहले मणि नगर इलाके में उनका व्याख्यान था. अखबारों में उनकी चर्चा होती थी. एक बार हम भी उन्हें सुनने के लिए चले गए. मैं हैरान था कि इतनी छोटी उम्र में जिस प्रकार से वह धारा प्रवाह वक्तव्य देती थीं. जिस प्रकार शास्त्रों का बहुत सटीक रूप से शास्त्रों का उल्लेख करती थीं. संस्कृत बोल देती थीं. चौपाई गा देती थीं. अपनी बचपन की हरकतें भी करती थीं. बैठे-बैठे मैं बहुत प्रभावित था. तब वह बहुत छोटी थी. मुझे लगा मध्यप्रदेश में ताकत ऐसी है कि यहां सब इसी प्रकार के विद्वान लोग बचपन से ही तैयार हो जाते हैं.

एमपी के तीन बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: इंदौर के अवि शर्मा, अनूपपुर की बनिता और हरदा के अनुज से पीएम मोदी ने किया संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवि के माता-पिता को प्रणाम कर कहा कि जो मां-बाप अपने बच्चों को इस तरह के काम में जाने देते हैं. यह उल्लेखनीय है. पीएम मोदी ने कहा कि आपकी उम्र और आपका काम इस बात को साबित करता है कि बड़े काम करने के लिए उम्र जरूरी नहीं. पूरे समाज को यह करना चाहिए. आप जो भी करें पूरा मन लगाकर करें, इस सोच के साथ करें कि मेरा काम देश को कैसे लाभ पहुंचाएगा. यह प्रतिभा का असर खुद पर न आने दें. इसके बाद उन्होंने अवि शर्मा को आने वाले जीवन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं दीं

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विभिन्न राज्यों की बाल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से पुरस्कृत किया. इन पुरस्कारों में पहला पुरस्कार मध्य प्रदेश के अवि शर्मा (indore avi sharma won National Child Award 2022) को बाल मुखी रामायण लिखने के साथ वंडर ब्वॉय के रूप में तरह-तरह की उपलब्धियों को हासिल करने को लेकर मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान वंडर ब्वॉय से चर्चा करते हुए भाजपा नेत्री उमा भारती को भी बाल प्रतिभा बताते हुए उनके बचपन को याद किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अवि की बात के कुछ अंश

कौन हैं अवि शर्मा
दरअसल, 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले बाल पुरस्कारों की घोषणा आज की गई है. इसमें विभिन्न राज्यों की बाल प्रतिभाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन पुरस्कृत कर उनसे चर्चा की. इस दौरान इंदौर के मास्टर अवि शर्मा को प्रधानमंत्री (pm modi and avi sharma interaction) ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवि को शैक्षणिक उपलब्धि की श्रेणी में यह पुरस्कार दिया है. अवि शर्मा इंदौर के लेखक प्रेरक वक्ता वैदिक गणित के सबसे युवा संरक्षक हैं. जिन्होंने बाल मुखी रामायण की रचना की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अवि की बात के कुछ अंश

पीएम मोदीः अवि आप लेखक भी हैं और प्रेरक भी. आपने बाल मुखी रामायण भी लिखी है. इतना सारा काम कैसे कर पाते हो ?
अवि शर्माः सर, यह भगवान श्रीराम का आशीर्वाद है कि मैं इतना सब कुछ कर पा रहा हूं. गीता में भी लिखा है कि मनुष्य में जो सामर्थ्य है, वह भगवान के आशीर्वाद के कारण है.

पीएम मोदीः रामायण लिखने का विचार आपके मन में सबसे पहले कैसे आया ?
अवि शर्माः सर, रामायण लिखने के लिए भी कहीं न कहीं प्रेरणा स्त्रोत लॉकडाउन से आया. लॉकडाउन में हम लोग पूरी तरह हताश थे. तब टीवी पर रामायण सीरियल प्रसारित हुआ. उस दौरान मैंने रामायण देखी तो मुझे भगवान श्रीराम से प्रेरणा मिली. मुझे लगा कि हम लोग राम के चरित्र को भूल रहे हैं. इसके बाद मैंने 250 शब्दों में रामायण (avi sharma ramayana indore) लिखी. भगवान ने जो आदर्श स्थापित किए जैसे कि सम्मान, धैर्य, आदर्श बच्चे उन्हें भूलते जा रहे हैं.

पीएम मोदी ने की अवि की तारीफ

(प्रधानमंत्री की सहमति से अवि शर्मा ने उन्हें छंद भी सुनाएं.)

पीएम मोदीः रामायण में ऐसा कौन सा चरित्र है, जो आपको बहुत प्रभावित करता है ?
अवि शर्माः भगवान श्रीराम जी मेरे आदर्श हैं. वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. एक आदर्श को कैसा होना चाहिए यह भगवान राम ने त्रेता युग में ही बता दिया था. वह कैसे सबको साथ लेकर चलते थे. सबका कितना आदर करते थे. ऐसी काफी सारी चीजें हैं, जो मैंने भगवान श्रीराम से सीखी हैं.

पीएम मोदीः तुम दिन भर रामायण में लगे रहते हो, घरवाले तो इससे परेशान हो जाते होंगे ?
अवि शर्माः नहीं सर, मैं बचपन से ही रामायण पढ़ता रहा हूं. कोई भी आदत जब हम बचपन में विकसित कर लेते हैं, तो वह जीवन भर आपके साथ रहती है.

पीएम मोदीः जैसे वकील घर में धाराओं का उपयोग करके लड़ते हैं. उसी तरह तुम शास्त्रों का उपयोग करके लड़ाई लड़ते हो क्या ?
अवि शर्माः नहीं सर, रामायण में मैंने जो सीखा है उसका उपयोग में अपनी तरह अन्य बच्चों को सिखाने में करता हूं. बच्चों को भारतीय कल्चर और संस्कृति से जोड़ने के लिए उन्हें पढ़ाता भी हूं.

पीएम मोदीः क्या मध्यप्रदेश के पानी में ही इस तरह की विशेषता है कि वहां ऐसे बच्चे तैयार होते हैं ?
अवि शर्माः जी हां सर, यह मालवा भूमि इतनी सुंदर है कि यहां लता मंगेशकर, अहिल्याबाई जैसे प्रतिभाशाली महान व्यक्तित्व पैदा हुए हैं.

मोदी ने सुनाई उमा भारती के बचपन की कहानी
सम्मान समारोह के बीच ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपकी ही तरह उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं. वह बहुत छोटी थीं, तब वह व्याख्यान करती थीं. गुजरात के अहमदनगर में 50 साल पहले मणि नगर इलाके में उनका व्याख्यान था. अखबारों में उनकी चर्चा होती थी. एक बार हम भी उन्हें सुनने के लिए चले गए. मैं हैरान था कि इतनी छोटी उम्र में जिस प्रकार से वह धारा प्रवाह वक्तव्य देती थीं. जिस प्रकार शास्त्रों का बहुत सटीक रूप से शास्त्रों का उल्लेख करती थीं. संस्कृत बोल देती थीं. चौपाई गा देती थीं. अपनी बचपन की हरकतें भी करती थीं. बैठे-बैठे मैं बहुत प्रभावित था. तब वह बहुत छोटी थी. मुझे लगा मध्यप्रदेश में ताकत ऐसी है कि यहां सब इसी प्रकार के विद्वान लोग बचपन से ही तैयार हो जाते हैं.

एमपी के तीन बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: इंदौर के अवि शर्मा, अनूपपुर की बनिता और हरदा के अनुज से पीएम मोदी ने किया संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवि के माता-पिता को प्रणाम कर कहा कि जो मां-बाप अपने बच्चों को इस तरह के काम में जाने देते हैं. यह उल्लेखनीय है. पीएम मोदी ने कहा कि आपकी उम्र और आपका काम इस बात को साबित करता है कि बड़े काम करने के लिए उम्र जरूरी नहीं. पूरे समाज को यह करना चाहिए. आप जो भी करें पूरा मन लगाकर करें, इस सोच के साथ करें कि मेरा काम देश को कैसे लाभ पहुंचाएगा. यह प्रतिभा का असर खुद पर न आने दें. इसके बाद उन्होंने अवि शर्मा को आने वाले जीवन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं दीं

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