इंदौर। खेतों से पक्षियों को उड़ाने के लिए तरह-तरह के जतन होते तो आपने देखे होंगे, लेकिन इंदौर एयरपोर्ट संभवतः देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा जहां पक्षियों को उड़ाने के लिए बंदूकों के अलावा तोपों का भी सहारा लिया जा रहा है. यहां उतरने और उड़ान भरने वाले विमानों से पक्षियों के टकराने के कारण एयरपोर्ट पर कोई बड़ा हादसा ना हो जाए इसलिए एयरपोर्ट प्रशासन अब बंदूकों के अलावा एयरपोर्ट परिसर में तोपों की गर्जना कर रहा है.
बर्ड चेसर कर रहे हैं फायरिंग
एयरपोर्ट प्रशासन ने पक्षियों को भगाने के लिए बकायदा कर्मचारियों की नियुक्ति कर रखी है. जिसे बर्ड चेसर कहा जाता है. फिलहाल ये बर्ड चेसर प्लेन के आने और जाने से पहले हवाई पट्टी के आसपास पक्षियों को उड़ाने के लिए लगातार तेज आवाज करके चिंगारी छोड़ने वाली सिक्स शॉट लांचर बंदूक से फायरिंग कर पक्षियों को भगा रहे हैं.
हवाई पट्टी पर बजा रहे हैं लठ
बर्ड हिट नियंत्रण के लिए जब प्लेन की आवाजाही बंद रहती है, उस दौरान कर्मचारियों को यहां पक्षियों को खोजने और डंडे फटकारने के लिए भेजा जाता है. इस दौरान शोर मचाना, एयर फायरिंग की गतिविधियां की जाती हैं. जिससे कि पक्षी हवाई पट्टी के आसपास उड़ान न भर सकें, साथ ही उनकी आवाजाही स्थाई तौर पर रोकी जा सके.
इस तरह हो सकती है घटनाएं
आमतौर पर विमान का इंजन इतना शक्तिशाली होता है की वो किसी भी पक्षी या विमान के आसपास उड़ रही वस्तु को पंखे में खींच लेता है. पक्षी या वस्तु पंखे से कटकर इंजन में चला जाता है, जिससे इंजन अचानक बंद होने और विमान के बाहरी हिस्से के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है. हालांकि विमान को इतना संवेदनशील बनाया जाता है कि कोई भी चीज विमान की सतह से टकराने पर उसकी सूचना और आभास दर्ज हो जाता है, जिस पर पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा पूरी निगरानी रखी जाती है.
ये भी जानिए
- इंदौर एयरपोर्ट बर्ड हिट केस को लेकर है काफी संवेदनशील
- एमपी में सबसे ज्यादा बर्ड हिट केस इंदौर एयरपोर्ट पर आए
- इंदौर एयरपोर्ट एमपी का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है
- एयरपोर्ट से देश के सभी बड़े शहरों के लिए हवाई सेवा संचालित होती है
- खाड़ी देशों के लिए भी इंदौर से फ्लाइट्स उपलब्ध हैं
- हाल ही में मिशन वंदे भारत के तहत इंदौर एयरपोर्ट का भी इस्तेमाल हुआ