इंदौर। जिले में गुरुवार को एसटीएफ की टीम ने कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक मेडिकल स्टोर संचालक और एमआर है, जिसके पास से एसटीएफ को रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद हुई है.
- ऐसे पकड़े गए आरोपी
एसटीएफ ने गुरुवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन 20,000 रुपए में बेचने के मामले में मेडिकल संचालक और उसके साथ एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था. आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने अब तक 50 इंजेक्शन गैरकानूनी रुप से बेचे हैं. वहीं, इस मामले को लेकर एसटीएफ के एसपी मनीष खत्री ने बताया कि पुलिस ने ग्राहक बनकर मेडिकल संचालक अनुराग सिसोदिया और एमआर ज्ञानेश्वर को गिरफ्तार किया है, शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने शहर में 50 से अधिक इंजेक्शन बेचने की बात कबूली है. पुलिस के मुताबिक, यह आरोपी इंजेक्शन कहां से लाए थे इसका अब तक पता नहीं लग पाया है.
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- रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी
दरअसल, शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी समय से कमी चल रही थी, जिसके कारण इसकी कालाबाजारी भी तेजी से हो रही थी. वहीं, इसे देखते हुए गुरुवार को प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन के 200 बॉक्स जिनमें 9264 इंजेक्शन हैं, इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से 42 बॉक्स भोपाल, 7 रतलाम और 4 खंडवा पहुंचाए गए थे. इसके अलावा स्टेट प्लेन से 19 बॉक्स ग्वालियर, 18 रीवा, 39 जबलपुर और 14 बॉक्स सागर पहुंचाए गए हैं. 57 बॉक्स इंदौर के लिए रखे गए हैं. प्रदेश में कई दिनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखने को मिल रही थी, जिसके बाद ही प्रदेश सरकार ने इसकी आपूर्ति के लिए यह कदम उठाया है.