भोपाल। दुनिया भर में वैश्विक कोरोना महामारी के चलते जहां अधिकांश संपन्न देश आर्थिक संकट की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान होने जा रहा है. इसे लेकर भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में खुलासा किया है कि, कोरोना के कारण भारतीय उद्योगों को करीब 20 लाख करोड़ की क्षति होने जा रही है. यही नहीं कोरोना की सुनामी में बड़ी संख्या में रोजगार जाएंगे. वहीं ऑटोमोबाइल, कंस्ट्रक्शन, होटल, टूरिज्म, उड्डयन और ट्रांसपोर्ट को भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ेगा.
24 मार्च के बाद से ही देशभर में लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण भारत ही, नहीं बल्कि पूरी दुनिया की आर्थिक गतिविधियां ठप हो चुकी हैं. अब जबकि कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते सवा महीना गुजर चुका है, ऐसे में देश के आगामी परिदृश्य को लेकर भारत के व्यापारिक संगठनों के संगठन, फिक्की ने अपनी रिपोर्ट में आशंका जताई है कि कोरोना की महामारी के फल स्वरुप भारतीय उद्योगों को करीब 20 लाख करोड़ रुपए की क्षति होने जा रही है.
इस रिपोर्ट को स्पष्ट करते हुए आर्थिक जानकार और पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने स्पष्ट किया कि अब तक देश को 8 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. सारी व्यापारिक गतिविधियां ठप होने के कारण उद्योगों को प्रतिदिन 40 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है, जबकि केंद्र सरकार का पूरा फोकस उद्योगों और अर्थव्यवस्था को अपने हाल पर छोड़ कर लॉक डाउन और राहत कार्यों पर है.
ऐसी स्थिति में लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी उद्योगों में आर्थिक मंदी और दुर्दशा को संभालना मुश्किल होगा. कोठारी ने स्पष्ट किया कि, देश भर में आर्थिक दुर्दशा के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने जो पैकेज जारी किए हैं, वह भी टाइमपास से ज्यादा कुछ नहीं हैं, क्योंकि आम लोगों को बैंक किस्तों में रियायत के नाम पर एक साथ वसूली होगी. यही स्थिति उद्योगों को लेकर भी है.
उद्योगों को चलाना मुश्किल होगा
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने अब उद्योगों को धीरे- धीरे व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति जारी की हैं, लेकिन उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के घर लौटने के कारण अब एकदम काम शुरू किया जाना मुश्किल होगा. यही नहीं, केंद्र के निर्देशों के मुताबिक उद्योगों में 12 घंटे की शिफ्ट चालू करना भी संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में केंद्र ने कर्मचारियों को सेवा से मुक्त नहीं कर पूरा वेतन देने संबंधी जो दिशा निर्देश दिए हैं, उसी स्थिति में दोहरी लागत पर उद्योगों को चलाना मुश्किल होगा.
इन सेक्टर पर रहेगी कोरोना की सर्वाधिक मार
कोरोना की महामारी के कारण सर्वाधिक नुकसान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को होने जा रहा है. इसमें भी खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर को भारी नुकसान से जूझना पड़ेगा. इस स्थिति का अंदाजा इस बात से लगता है कि देश कि सर्वाधिक ऑटोमोबाइल सेक्टर की बड़ी कंपनियों के वाहनों की बिक्री ना के बराबर है. इसके अलावा रियल स्टेट कंस्ट्रक्शन सेक्टर को भी आर्थिक मंदी के बावजूद कोरोनावायरस की दोहरी मार झेलनी होगी. सर्विस सेक्टर में सर्वाधिक नुकसान होटल और टूरिज्म इंडस्ट्री को होने जा रहा है. इसके अलावा एविएशन और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी इस महामारी का भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
फार्मा सेक्टर में आएगा बूम
वैश्विक महामारी के कारण अन्य तमाम सेक्टर के संकट में आने के साथ अब फार्मा सेक्टर और मेडिकल सेक्टर की जबरदस्त बूम रहेगी. इसके अलावा मेडिकल सेक्टर से जुड़े अन्य उद्योगों में भी लगातार उछाल आएगा.