इंदौर। आज देश जहां आजादी के बलिदानों को याद कर स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. वही इंदौर की ऐतिहासिक इमारत और आजादी के आंदोलन से जुड़ी धरोहर में मौजूद अमर शहीदों की शहादत को ही दरकिनार कर उनके चित्रों को गांधी हॉल से हटा दिया गया है. आज यह मामला ईटीवी भारत ने सार्वजनिक किया तो प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी गांधी हॉल जीर्णोद्धार के बाद अब चित्रों को नए सिरे से तैयार कर जल्द लगवाने का दावा कर रहे हैं. हालांकि चित्रों को हटाए हुए अब कई साल बीत चुके हैं.
इंदौर में मौजूद है गांधी टाउन हॉल: दरअसल इंदौर का गांधी टाउन हॉल एक ऐतिहासिक इमारत है. जिसका निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था. यहां ब्रिटेन की घड़ी लगी होने के कारण इसे घंटाघर भी कहते थे. इसी भारत का निर्माण 1904 में ढाई लाख रुपए में किया गया था, जिसका नाम किंग एडवर्ड हॉल रखा गया था. भवन का उद्घाटन 1905 में प्रिंसेस ऑफ वेल्स ने भारत आगमन के दौरान किया था. वर्ष 1947 में देश के स्वतंत्र होने के बाद इसका नाम गांधी हॉल कर दिया गया, क्योंकि यहां गांधी जी आए थे. भवन का निर्माण अंग्रेज वास्तुकार स्टीवेंसन ने किया था. भवन के ऊपर राजपूताना शैली के घटक गुंबद और मीनारे हैं. सफेद इमारत सिवनी और पाटन के पत्थरों से इंडो गोथिक शैली में तैयार की गई है. जबकि इसकी आंतरिक सजावट प्लास्टर ऑफ पेरिस से की गई है. इमारत का फर्श सफेद संगमरमर से सजाया गया है.
गांधी हॉल से गायब तस्वीरें: इस इमारत के ऊपरी भाग में चारों ओर एक घड़ी लगी है. यह घड़ी इतनी बड़ी है कि दूर से ही दिखाई देती है. इसलिए इसे घंटाघर कहा जाता है. इंदौर में इस इमारत का उपयोग गरिमामय सार्वजनिक आयोजन अथवा महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए किया जाता है. गांधी हाल का जीर्णोद्धार इंदौर नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अगस्त 2021 में करीब 6.15 करोड़ की लागत से किया गया था. इस दौरान गांधी हॉल में इंदौर और महू के वीर सैनिकों और युद्धों में अभूतपूर्व प्रदर्शन करने वाले ब्रिगेडियरों की तस्वीर थी. जिन्होंने आजादी के आंदोलन से लेकर अलग-अलग युद्ध में लड़ाई लड़ते हुए शहीद हुए थे. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक इस तरह की करीब 18 फ्रेम की हुई फोटो वहां मौजूद थी. जिन्हें बिना किसी के संज्ञान में ले हटा दिया गया है. फिलहाल यह दुर्लभ तस्वीर किस हाल में कहां है. यह अधिकारी भी बता पाने की स्थिति में नहीं है. इधर जिन दिवंगत अमर शहीदों की फोटो लगी थी. उनके परिजनों को भी इसकी जानकारी नहीं है कि तस्वीर कहां गई. इस मामले में जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला गांधी हॉल से तो तस्वीरें गायब हैं, लेकिन वह स्मार्ट सिटी ऑफिस के किसी कक्ष में रखी गई हैं. हालांकि गांधी हॉल के जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट से जुड़े हुए सब इंजीनियर अभिनव राय का कहना है कि "सभी तस्वीरें नए सिरे से सुधरवाकर गांधी हॉल में लगाने की तैयारी है. सभी तस्वीरें सुरक्षित है." इस दौरान स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सुप्रिडिंग इंजीनियर डॉ लोधी का कहना था कि गांधी हॉल से तस्वीर हटाई गई हैं. संभवत सिविल इंजीनियर के संज्ञान में होगी कि कहां रखी हुई है."
आजादी के अमृत महोत्सव पर उठे सवाल: इस मामले में गांधी भवन ट्रस्ट की अध्यक्ष आशा गोविंद खादी वाला का कहना था कि "आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान सैन्य अफसर और दिवंगत अमर शहीदों के स्मृति चिन्हों को गांधी हाल से हटाना आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा पहले से ही गांधी हॉल का निर्माण ठीक नहीं है और अब जबकि निर्माण के बाद कई साल हो चुके हैं, तब भी फोटो नहीं लगाना नगर निगम की मनमानी ही है." वहीं इस मामले में इंदौर के इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया "वहां कई वर्षों से करीब 20 सैन्य अफसरों के फोटो लगे थे. जो भारत के विभिन्न देशों के साथ हुए युद्ध में शहीद हुए थे. यहां जब गुलाब प्रदर्शनी लगती थी, तब भी यह फोटो नजर आते थे, लेकिन गांधी हॉल के जीर्णोद्धार कार्य के बाद से वहां अब कोई फोटो नहीं है. तमाम तस्वीरें किस कमरे में बंद है, यह नगर निगम वाले ही बता सकते हैं.