इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर में 5 और 6 जनवरी को रूरल इनोवेटर्स कॉन्क्लेव का आयोजित किया गया. कॉन्क्लेव के माध्यम से इनोवेटर्स और उद्यमियों के एक बड़े समूह को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने उसके माध्यम से सहायता करने और ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपने नवाचारों को लेकर विचार साझा करने का एक मंच प्रदान किया गया. इस दौरान प्रतिभागियों ने कॉन्क्लेव में अपने उत्पाद प्रदर्शित किए. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के सामने आने वाली समस्याओं से अवगत कराया और उनके लिए संभावित समाधान बताए.
14 इनोवेशन पेश किए : कॉन्क्लेव में 14 से अधिक इनोवेटर्स ने भी अपने इनोवेशन का प्रदर्शन किया. कॉन्क्लेव में ग्रामीण इनोवेटर्स के सामने आने वाली चुनौतियों और आने वाले 10 वर्षों में अपेक्षित ग्रामीण इनोवेशन पर चर्चा शामिल रही. यह कॉन्क्लेव ग्रामीण विकास एवं प्रौद्योगिकी केंद्र आईआईटी इंदौर द्वारा विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड के सहयोग से आयोजित किया गया. ग्रामीण विकास और प्रौद्योगिकी केंद्र आईआईटी इंदौर का लक्ष्य कौशल विकास लघु-स्तरीय उद्यमिता मूल्य वर्धित उत्पादों का विकास, लैंगिक विविधता के लिए पहुंच तथा अवसर पर चर्चा हुई.
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ग्रामीण गतिविधियों पर चर्चा : इन इनोवोशन का मकसद विभिन्न ग्रामीण गतिविधियों से जुड़े ई-प्लेटफॉर्म लॉन्च करने हेतु उपयोगकर्ता के लिए आसान इंटरफेस विकसित करना है. जिससे ग्रामीण उद्यमियों को प्रौद्योगिकी तक आसान पहुंच के साथ अपने उत्पादों को विकसित करने और बेचने में मदद मिले. आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने बताया कि ग्रामीण भारत के सामने आने वाली समस्या की पहचान करने के लिए आस-पास के संस्थानों और संगठनों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.