इंदौर। देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी द्वारा ओस्लो विश्वविद्यालय के साथ ग्लोबल हेल्थ क्राइसिस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान राष्ट्रीय निर्माण में 'विज्ञान की भूमिका' विषय पर एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया. इसका शुभारंभ आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निर्देशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन द्वारा किया गया. इस मौके पर प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे शामिल हुए.
अनिल सहस्त्र बुद्धे ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे सभ्य देश में से एक है. यहां की सभ्यता में निरंतरता है. भारत में शिक्षा प्रणाली और विश्वविद्यालयों का आविष्कार किया गया है. स्कूली शिक्षा और विश्वविद्यालय प्रणाली बनाने वाले देशों में से हम एक हैं. दिल्ली में लौह स्तंभ प्राचीन भारतीय विज्ञान का एक जीवंत उदाहरण है, जो सदियों से खड़ा है. इसके निर्माण में प्रयुक्त धातुओं की जंग प्रतियोगी रचना के लिए प्रसिद्ध है. भारत सरकार के तत्वाधान में एआईसीटीई ने भारतीय ज्ञान प्रणाली की स्थापना की है.
IIT ने ओस्लो विश्वविद्यालय के साथ आयोजित किया व्याख्यान श्रृंखला - आईआईटी इंदौर
आईआईटी इंदौर ने ओस्लो विश्वविद्यालय के साथ ग्लोबल हेल्थ क्राइसिस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे शामिल हुए.
इंदौर। देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी द्वारा ओस्लो विश्वविद्यालय के साथ ग्लोबल हेल्थ क्राइसिस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान राष्ट्रीय निर्माण में 'विज्ञान की भूमिका' विषय पर एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया. इसका शुभारंभ आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निर्देशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन द्वारा किया गया. इस मौके पर प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे शामिल हुए.
अनिल सहस्त्र बुद्धे ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे सभ्य देश में से एक है. यहां की सभ्यता में निरंतरता है. भारत में शिक्षा प्रणाली और विश्वविद्यालयों का आविष्कार किया गया है. स्कूली शिक्षा और विश्वविद्यालय प्रणाली बनाने वाले देशों में से हम एक हैं. दिल्ली में लौह स्तंभ प्राचीन भारतीय विज्ञान का एक जीवंत उदाहरण है, जो सदियों से खड़ा है. इसके निर्माण में प्रयुक्त धातुओं की जंग प्रतियोगी रचना के लिए प्रसिद्ध है. भारत सरकार के तत्वाधान में एआईसीटीई ने भारतीय ज्ञान प्रणाली की स्थापना की है.