इंदौर। करवाचौथ पर पत्नी के ससुराल नहीं आने पर पति इस कदर दुखी हो गया, कि उसने रात में जहर खाकर अपनी जान दे दी. बताया जा रहा है, मृतक पति, पत्नी के मायके से ससुराल नहीं लौटने के कारण डिप्रेशन में चल रहा था. मामला इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र का है, जहां डिप्रेशन में चल में चल रहे युवक ने कोई जहरीली चीज खा ली, जब परिजनों को इसकी जानकारी लगी, तो उसे एमवाय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसने दम तोड़ दिया. फिलहाल एरोड्रम पुलिस मामले की जांच कर रही है.
तनाव में दे दी जान
परिजनों का कहना है कि कुछ दिन पहले रंजीत का पत्नी के साथ मामूली विवाद हुआ था. विवाद के बाद रंजीत ने गुस्से में पत्नी पर हाथ उठा दिया था. जिसके बाद बहू अपने परिजनों को बुलाकर उनके साथ घर चली गई थी. जिसके बाद उसे लगा था कि पत्नी करवाचौथ को वापस आ जाएगी, लेकिन उसके हाथ उदासी लगी और उसने इसी तनाव में आकर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.
रात में खाया जहर
जांच अधिकारी का कहना है कि एरोड्रम थाना क्षेत्र स्थित रूप नगर में रहने वाले रंजीत बड़जात्या नामक युवक ने रात में घर पर जहर खा लिया था. उसे बेसुध पड़ा देख परिजन एमवाय अस्पातल लेकर पहुंचे. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. इलाज के दौरान ही रंजीत की मौत हो गई.
दो साल पहले हुई थी शादी
पुलिस का कहना है कि रंजीत की दो साल पहले ही शादी हुई थी, इस दौरान उनके बीच छोटा-मोटा विवाद चलता रहता था, लेकिन करवा चौथ से ठीक 8 दिन पहले जिस तरह से विवाद हुआ और उसके बाद पत्नी अपने मायके चली गई और लाख गुहार करने के बाद भी नहीं लौटी, तो निश्चित तौर पर कोई बड़ा विवाद हुआ होगा.
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने इस पूरे ही मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिजन इसे पत्नी के न लौटने का डिप्रेशन ही बता रहे हैं. पुलिस का कहना है कि मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, पूरे मामले की जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा.
पुलिस का संजीवनी डेस्क फेल
एक पति ने अपनी पत्नी के वियोग के चलते करवा चौथ की शाम आत्महत्या करने का प्रयास किया यह गौर करने लायक है. लेकिन इंदौर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लगातार आत्महत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं. पुलिस ने बढ़ती आत्महत्याओं के मामलों को रोकने के लिए संजीवनी डेस्क की शुरुआत भी की है और संजीवनी डेस्क के माध्यम से पुलिस लगातार डिप्रेशन में रहने वाले व्यक्तियों की काउंसलिंग भी करती है, लेकिन आत्महत्याओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है.