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इंदौर के सैकड़ों कैदियों को मिली परोल, एमपी हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जेल प्रबंधन ने छोड़ा - prisoners of Indore got parole

एमपी हाईकोर्ट के कैदियों को परोल पर छोड़ने के निर्देश के बाद इंदौर जेल से भी सैकड़ों कैदियों को परोल पर छोड़ा गया है.बता दें कि परोल ऐसे कैदियों को दी जाती है जिन की अनुशंसा जेल महानिदेशक या स्थानीय कलेक्टर द्वारा की जाती है. साथ ही ऐसे मुजरिम जो सजायाफ्ता हों और उनका व्यवहार जेल में अच्छा हो.

सैकड़ों कैदियों को मिली परोल
सैकड़ों कैदियों को मिली परोल
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Published : May 27, 2021, 8:14 PM IST

इंदौर। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को परोल पर छोड़ने के आदेश जारी हुए थे. जिसके तहत इंदौर के केंद्रीय कारागार से भी 396 कैदियों को परोल पर छोड़ा गया है. आपको बता दें कि महामारी के इस दौर में जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे जा रहे हैं जिसके चलते कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करना संभव नहीं हो पा रहा है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में जेल विभाग को यह निर्देश दिए थे कि वह कैदियों को परोल पर छोड़ें, जिससे जेलों में कैदियों की संख्या कम हो सके. इसी के चलते जेल विभाग ने लगभग 60 दिन की परोल का प्रावधान रख कैदियों को परोल पर छोड़ा है.बता दें कि परोल ऐसे कैदियों को दी जाती है जिन की अनुशंसा जेल महानिदेशक या स्थानीय कलेक्टर द्वारा की जाती है. साथ ही ऐसे मुजरिम जो सजायाफ्ता हों और उनका व्यवहार जेल में अच्छा हो.

396 कैदियों को 60 दिन की परोल पर छोड़ा

जेल में कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो पा रहा पालन

महामारी के इस दौर में प्रदेश की जेलों में रह रहे कैदी भी कोरोना संक्रमित हुए हैं. आमतौर पर मध्य प्रदेश की सभी बड़ी जेलों में क्षमता से अधिक कैदी सजा भोग रहे हैं जिससे जेल में कॉविड गाइडलाइन का पालन करना मुश्किल हो रहा है, जिसके चलते मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कैदियों को परोल पर छोड़ने के आदेश दिए हैं.

इंदौर। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को परोल पर छोड़ने के आदेश जारी हुए थे. जिसके तहत इंदौर के केंद्रीय कारागार से भी 396 कैदियों को परोल पर छोड़ा गया है. आपको बता दें कि महामारी के इस दौर में जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे जा रहे हैं जिसके चलते कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करना संभव नहीं हो पा रहा है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में जेल विभाग को यह निर्देश दिए थे कि वह कैदियों को परोल पर छोड़ें, जिससे जेलों में कैदियों की संख्या कम हो सके. इसी के चलते जेल विभाग ने लगभग 60 दिन की परोल का प्रावधान रख कैदियों को परोल पर छोड़ा है.बता दें कि परोल ऐसे कैदियों को दी जाती है जिन की अनुशंसा जेल महानिदेशक या स्थानीय कलेक्टर द्वारा की जाती है. साथ ही ऐसे मुजरिम जो सजायाफ्ता हों और उनका व्यवहार जेल में अच्छा हो.

396 कैदियों को 60 दिन की परोल पर छोड़ा

जेल में कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो पा रहा पालन

महामारी के इस दौर में प्रदेश की जेलों में रह रहे कैदी भी कोरोना संक्रमित हुए हैं. आमतौर पर मध्य प्रदेश की सभी बड़ी जेलों में क्षमता से अधिक कैदी सजा भोग रहे हैं जिससे जेल में कॉविड गाइडलाइन का पालन करना मुश्किल हो रहा है, जिसके चलते मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कैदियों को परोल पर छोड़ने के आदेश दिए हैं.

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