इंदौर। नगर निगम के मेन गेट के सामने बना एक जर्जर मकान धराशायी हो गया. जिसके बाद नगर निगम के अमले ने धराशायी मकान का मलबा हटाने का काम शुरू किया. शहर में खतरनाक भवनों की सूची में इस मकान का नाम नहीं था फिर भी यह पहली ही बारिश में भरभरा कर गिर गया.
इंदौर में जर्जर मकानों को तोड़ने के दौरान ही भाजपा विधायक का नगर निगम से विवाद हो गया था, जिसके बाद से निगम के द्वारा मकान तोड़ने की कार्रवाई रुकी हुई थी. हालांकि यह जर्जर मकान निगम की 26 मकानों की सूची में शामिल नहीं था, जो कि इंदौर में खतरनाक घोषित किए गए थे और जिन्हें निगम के द्वारा गिराया जाना था.
मकान के धराशायी होने के बाद निगम अफसरों का कहना है कि भवनों को गिराने की कार्रवाई शहर की आम जनता के हित के लिए ही की जाती है. लेकिन विवाद के बाद उसे रोकना पड़ा. हालांकि इस पूरे मामले में निगम की भी लापरवाही सामने आयी है.