इंदौर। आधार कार्ड और प्रवेश पत्र में लिखी स्पेलिंग में अंतर होने की वजह से एक छात्रा पशुपालन और डेयरी डिप्लोमा कोर्स के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा नहीं दे सकी. व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने उस छात्रा को परीक्षा देने से रोक दिया. छात्रा ने इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शासन और व्यवसायिक परीक्षा मंडल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि परीक्षा का परिणाम इस याचिका के अंतिम निराकरण के अधीन रहेगा.
रतलाम की निवासी है छात्रा
व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने इस साल 7 नवंबर को एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी. रतलाम की आफरीन शाह ने भी परीक्षा का फार्म भरा था. वो परीक्षा देने गई, लेकिन उसके आधार कार्ड और प्रवेश पत्र में लिखे नाम की स्पेलिंग में अंतर था. इस पर छात्रा को परीक्षा देने से रोक दिया गया. छात्रा ने एडवोकेट मेघा जैन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई जस्टिस रोहित आर्य के समक्ष हुई.
दो हफ्ते बाद फिर सुनवाई
याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि नाम के स्पेलिंग में अंतर व्यवसायिक परीक्षा मंडल की गलती है. इसके लिए छात्रा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. कोर्ट ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल और शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने आदेश मेें यह भी स्पष्ट कर दिया है कि प्रवेश परीक्षा का अंतिम परिणाम इस याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन रहेगा. मामले में अब दो हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी.