इंदौर। हाईकोर्ट ने शराब का अवैध परिवाहन करते पकड़ाए आरोपियों को अनोखी सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा है कि, अगर आरोपियों को जमानत चाहिए तो धार जिला आस्पताल में 5-5 लीटर अच्छी क्वालिटी का सैनिटाइजर और 200-200 मास्क का दान करना होगा. साथ ही आरोपियों को जिला कोर्ट में 40-40 हजार रुपए की जमानत और इतनी ही राशि का मुचलका पेश करने पर जमानत दी जाएगी.
बता दें कि धार जिले की पुलिस ने सरोज राजपूत और रामकृष्ण नागर नामक दो आरोपियों को को पुलिस ने नागदा से इंदौर 51 लीटर अवैध लेकर जाते हुए गिरफ्तार किया था. जिसके बाद दोनों को 21 मई को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया था. आरोपियों के वकील ने हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका लगाई थी. याचिका में आरोपी के वकील ने कोर्ट के समक्ष तर्क रखते हुए कहा कि मामले में पुलिस द्वारा जांच पूरी करने के बाद चालान पेश कर दिया गया है. इस वक्त कोरोना महामारी को देखते हुए मामले की सुनवाई लंबी चलने की आशंका है. ऐसे में दोनों आरोपियों को जमानत दे देना चाहिए.
इस पर हाई कोर्ट के न्यायधीश विवेक रूसिया ने याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया है कि, आरोपियों को जमानत पर रिहा करने से पहले उनकी कोरोना जांच जरूर करवाई जाए. वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया की यदि दोनों आरोपी 5-5 लीटर की अच्छी क्वालिटी का सैनिटाइजर और 200-200 मास्क धार जिला अस्पताल में दान करेंगे. इसके साथ ही जिला कोर्ट में 40-40 हजार रुपए की जमानत और इतनी ही राशि का मुचलका पेश करने पर जमानत दी जाएगी.