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कोविड मरीजों को इंजेक्शन आपूर्ति को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

इंदौर की संस्था शांति मंच की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, मामले में चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने पूरे मामले में सुनवाई की जा रही है.

Indore Bench
इंदौर खंडपीठ
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Published : Apr 29, 2021, 7:18 PM IST

इंदौर। शहर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. वहीं इलाज के लिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के दौरान मरीजों को रेमडेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की किल्लत भी हो रही है. इस पूरे मामले को लेकर संस्था शांति मंच की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, मामले में चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने पूरे मामले में सुनवाई की जा रही है.

सरकार ने पेश किया जवाब

कोर्ट के निर्देशों पर सरकार द्वारा पूरे मामले में अपना जवाब पेश किया गया है. करीब 57 पेज के जवाब में सरकार ने बताया है कि वर्तमान हालात में किस तरह से काम किए जा रहे हैं, जिस इंजेक्शन की कमी बताई जा रही है, यह इंजेक्शन निजी कंपनी बनाती है. इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. ऑक्सीजन का उत्पादन और ऑक्सीजन की अन्य राज्यों से आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है.

Covid Care Center
कोविड केयर सेंटर

एमपी में कम हुए कोविड के मामले, CM ने स्वास्थ्य कर्मियों का जताया आभार

कोविड केयर सेंटर के बारे में दी गई जानकारी

हाई कोर्ट में लगाए गए आवेदन में शासन की ओर से एसीएस स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने जो आप पेश किया हालांकि कोर्ट द्वारा मुख्य सचिव को तलब किया गया था. परंतु कोरोना संक्रमित होने की वजह से वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके. याचिकाकर्ता संस्था शांति मंच की ओर से पैरवी करने वाले वकील अभिनव धनोतकर का कहना है कि हाई कोर्ट द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों को समय पर इंजेक्शन मुहैया कराने के आदेश जारी किए गए, जिसका पालन नहीं होने पर आवेदन हाई कोर्ट में लगाया गया था. जिस पर सरकार द्वारा अपना पक्ष रखा गया है. इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट को लेकर भी बात रखी गई. शहर में शुरू किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के बारे में भी जानकारी दी गई है. गुरुवार को भी कोर्ट में पूरे मामले की सुनवाई हुई और अब तक कोर्ट की ओर से फैसला नहीं आया है.

इंदौर। शहर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. वहीं इलाज के लिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के दौरान मरीजों को रेमडेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की किल्लत भी हो रही है. इस पूरे मामले को लेकर संस्था शांति मंच की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, मामले में चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने पूरे मामले में सुनवाई की जा रही है.

सरकार ने पेश किया जवाब

कोर्ट के निर्देशों पर सरकार द्वारा पूरे मामले में अपना जवाब पेश किया गया है. करीब 57 पेज के जवाब में सरकार ने बताया है कि वर्तमान हालात में किस तरह से काम किए जा रहे हैं, जिस इंजेक्शन की कमी बताई जा रही है, यह इंजेक्शन निजी कंपनी बनाती है. इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. ऑक्सीजन का उत्पादन और ऑक्सीजन की अन्य राज्यों से आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है.

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कोविड केयर सेंटर के बारे में दी गई जानकारी

हाई कोर्ट में लगाए गए आवेदन में शासन की ओर से एसीएस स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने जो आप पेश किया हालांकि कोर्ट द्वारा मुख्य सचिव को तलब किया गया था. परंतु कोरोना संक्रमित होने की वजह से वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके. याचिकाकर्ता संस्था शांति मंच की ओर से पैरवी करने वाले वकील अभिनव धनोतकर का कहना है कि हाई कोर्ट द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों को समय पर इंजेक्शन मुहैया कराने के आदेश जारी किए गए, जिसका पालन नहीं होने पर आवेदन हाई कोर्ट में लगाया गया था. जिस पर सरकार द्वारा अपना पक्ष रखा गया है. इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट को लेकर भी बात रखी गई. शहर में शुरू किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के बारे में भी जानकारी दी गई है. गुरुवार को भी कोर्ट में पूरे मामले की सुनवाई हुई और अब तक कोर्ट की ओर से फैसला नहीं आया है.

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