इंदौर। हाईकोर्ट में वैक्सीनेशन को लेकर एक याचिका लगाई गई थी. याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीड ने सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता की विभिन्न तरह की दलील सुनी. वहीं याचिकाकर्ता के द्वारा वैक्सीन को लेकर कई तरह के सवाल कोर्ट के समक्ष रखे गए.
कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर को लेकर दायर की थी याचिका
कोरोना वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ने वैक्सीन लगाने की पॉलिसी बदल दी है. अब केंद्र सरकार ही निजी कंपनी से वैक्सीन खरीदेगी. इधर, सरकार ने कोर्ट में कहा कि वैक्सीन मिलने पर राज्यों को उनकी जनसंख्या के हिसाब से वितरित की जाएगी. राज्यों को अपने स्तर पर वैक्सीन के इंतजाम नहीं करने होंगे. हर राज्य को लगातार आपूर्ति होती रहेगी. इस जवाब पर याचिकाकर्ता के द्वारा रिज्वाइंडर पेश किया जाएगा.
कोरोना संक्रमण को लेकर हाई कोर्ट की एमपी सरकार को फटकार
हाई कोर्ट में यह याचिका याचिकाकर्ता सुनील गुप्ता की ओर से एडवोकेट सिद्धार्थ गुप्ता ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने अंतरिम आवेदन भी पेश किया था. इसमें कहा गया कि निजी अस्पतालों को 25 फीसदी वैक्सीन दिए जाने की व्यवस्था को बंद किया जाए. हालांकि सरकार द्वारा यह नीति बदल दी गई है, जिसके बाद याचिकाकर्ता दोबारा याचिका दायर करने का सोच रहे हैं क्योंकि अभी वैक्सीनेशन को लेकर कई तरह उपाय भी किये जा रहे हैं.
याचिकाकर्ता ने वैक्सीनेशन को लेकर उठाए सवाल
याचिकाकर्ता ने इंदौर हाईकोर्ट के समक्ष याचिका प्रस्तुत करते हुए विभिन्न तरह के सवाल वैक्सीनेशन को लेकर लगाए थे. उस पूरे वैक्सीनेशन को लेकर याचिकाकर्ता ने जिस तरह के सवाल खड़े किए हैं. उसी पर सुनवाई करते हुए इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई की.