इंदौर। एक ओर जहां पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरे पर रावण का दहन किया जाता है, जबकि मिनी मुंबई में एक परिवार ऐसा है, जो सालों से रावण की पूजा करता आ रहा है. इंदौर का 30 सदस्यों वाला गौहर परिवार रावण की आराधना करता है. मुखिया की दी सीख के बाद से गौहर परिवार पिछले कई सालों से रावण की भक्ति में लीन है.
गौहर परिवार हर दशहरे पर रावण की भव्य आरती करने के साथ ही यज्ञ-हवन भी करता है. इसके लिए रावण का एक मंदिर भी बनाया गया है. पुराणों की माने तो लंकेश या दशानन कहे जाने वाला रावण दुनिया का सबसे बड़ा विद्वान था और रावण जैसा ज्ञानी दुनिया में दूसरा कोई नहीं था, लेकिन कहते हैं कि विनाश काले विपरीत बुद्धि और यही वजह रही कि रावण का ऐसा अंत हुआ, जो आज भी भुलाए नहीं भूलता.
इंदौर का गौहर परिवार रावण का परम भक्त है और साथ ही परिवार की आस्था भी ऐसी है कि परिवार की नई पीढ़ियों के नाम भी लंकेश, कुंभकर्ण, मेघनाद और सूर्पणखा सरीखे रखे गए हैं. गौहर परिवार को उम्मीद है कि आने वाले समय में सभी को इस बात का एहसास होगा कि रावण जैसे महान पंडित का पुतला नहीं जलाना चाहिए. इसीलिए वो हर साल बड़ा आयोजन कर आम जनता में ये संदेश देने का प्रयास भी करते हैं.