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रावण का परम भक्त है 'मिनी मुंबई' का ये परिवार, दशहरे पर करता है 'लंकेश' की पूजा

इंदौर में हर साल दशहरे पर 30 सदस्यों वाला गौहर परिवार रावण की आराधना करता है. साथ ही रावण का मंदिर भी स्थापति किया है.

दशहरे के दिन होती है रावण की पूजा
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Published : Oct 8, 2019, 7:00 PM IST

Updated : Oct 8, 2019, 9:54 PM IST

इंदौर। एक ओर जहां पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरे पर रावण का दहन किया जाता है, जबकि मिनी मुंबई में एक परिवार ऐसा है, जो सालों से रावण की पूजा करता आ रहा है. इंदौर का 30 सदस्यों वाला गौहर परिवार रावण की आराधना करता है. मुखिया की दी सीख के बाद से गौहर परिवार पिछले कई सालों से रावण की भक्ति में लीन है.

गौहर परिवार हर दशहरे पर रावण की भव्य आरती करने के साथ ही यज्ञ-हवन भी करता है. इसके लिए रावण का एक मंदिर भी बनाया गया है. पुराणों की माने तो लंकेश या दशानन कहे जाने वाला रावण दुनिया का सबसे बड़ा विद्वान था और रावण जैसा ज्ञानी दुनिया में दूसरा कोई नहीं था, लेकिन कहते हैं कि विनाश काले विपरीत बुद्धि और यही वजह रही कि रावण का ऐसा अंत हुआ, जो आज भी भुलाए नहीं भूलता.

दशहरे के दिन होती है रावण की पूजा

इंदौर का गौहर परिवार रावण का परम भक्त है और साथ ही परिवार की आस्था भी ऐसी है कि परिवार की नई पीढ़ियों के नाम भी लंकेश, कुंभकर्ण, मेघनाद और सूर्पणखा सरीखे रखे गए हैं. गौहर परिवार को उम्मीद है कि आने वाले समय में सभी को इस बात का एहसास होगा कि रावण जैसे महान पंडित का पुतला नहीं जलाना चाहिए. इसीलिए वो हर साल बड़ा आयोजन कर आम जनता में ये संदेश देने का प्रयास भी करते हैं.

इंदौर। एक ओर जहां पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरे पर रावण का दहन किया जाता है, जबकि मिनी मुंबई में एक परिवार ऐसा है, जो सालों से रावण की पूजा करता आ रहा है. इंदौर का 30 सदस्यों वाला गौहर परिवार रावण की आराधना करता है. मुखिया की दी सीख के बाद से गौहर परिवार पिछले कई सालों से रावण की भक्ति में लीन है.

गौहर परिवार हर दशहरे पर रावण की भव्य आरती करने के साथ ही यज्ञ-हवन भी करता है. इसके लिए रावण का एक मंदिर भी बनाया गया है. पुराणों की माने तो लंकेश या दशानन कहे जाने वाला रावण दुनिया का सबसे बड़ा विद्वान था और रावण जैसा ज्ञानी दुनिया में दूसरा कोई नहीं था, लेकिन कहते हैं कि विनाश काले विपरीत बुद्धि और यही वजह रही कि रावण का ऐसा अंत हुआ, जो आज भी भुलाए नहीं भूलता.

दशहरे के दिन होती है रावण की पूजा

इंदौर का गौहर परिवार रावण का परम भक्त है और साथ ही परिवार की आस्था भी ऐसी है कि परिवार की नई पीढ़ियों के नाम भी लंकेश, कुंभकर्ण, मेघनाद और सूर्पणखा सरीखे रखे गए हैं. गौहर परिवार को उम्मीद है कि आने वाले समय में सभी को इस बात का एहसास होगा कि रावण जैसे महान पंडित का पुतला नहीं जलाना चाहिए. इसीलिए वो हर साल बड़ा आयोजन कर आम जनता में ये संदेश देने का प्रयास भी करते हैं.

Intro:एक और जहां पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रावण का दहन कर दशहरा उत्सव मनाया जाता है वहीं दौर में एक परिवार ऐसा भी है जो सालों से रावण की पूजा करता आ रहा है


Body:इंदौर में दशहरा नजदीक आते ही रावण को पूजने वाले भी अपना समर्पित प्रेम प्रदर्शित कर रहे हैं हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की जहां 30 सदस्य एक परिवार रावण की आराधना में जुटा हुआ है यह परिवार अपने मुखिया द्वारा दी सिख के बाद पिछले कई वर्षों से रावण की भक्ति में लीन है और हर दशहरे के दिन रावण की भव्य आरती करने के साथ ही यज्ञ और हवन भी किया जाता है इसके लिए बकायदा रावण का एक मंदिर भी बनाया गया है पुराणों की मानें तो लंकेश या दशानन कहे जाने वाला रावण दुनिया का सबसे बड़ा विद्वान पंडित था और रावण जैसा ज्ञानी दुनिया में कोई नहीं था लेकिन कहते हैं कि विनाश काले विपरीत बुद्धि और यही वजह थी कि रावण का ऐसा अंत हुआ जो आज भी भुलाए नहीं भूला जाता लेकिन इंदौर का गोहर परिवार रावण का परम भक्त है और साथ ही परिवार की आस्था भी ऐसी है कि परिवार की नई पीढ़ियों के नाम भी लंकेश कुंभकरण मेघनाथ और सूरन पंखा जैसे रखे गए हैं

बाईट - महेश गौहर, रावण भक्त


Conclusion:गोहर परिवार की आशा है कि आने वाले समय में सभी को इस बात का एहसास होगा कि रावण जैसे महान पंडित का पुतला नहीं चलाना चाहिए और इसीलिए वे हर साल बड़ा आयोजन कर आम जनता में यह संदेश देने का प्रयास भी करते हैं
Last Updated : Oct 8, 2019, 9:54 PM IST
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