इंदौर। शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगातार धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में एक मामला सामने आया इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में जहां एक कंपनी के नाम का उपयोग करते हुए धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया गया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
किसने की ठगी
दरअसल, एक व्हील शाइनर नाम की कंपनी ने अलग-अलग देश के लोगों से लाखों रुपए की ठगी की है. वहीं इंदौर के भी कुछ युवक धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं. जांच में यह बात भी सामने आई कि इस कंपनी को चार अलग-अलग युवक मिलकर संचालित कर रहे थे. इन्होने इंदौर में करीब 10 लोगों से पचास-पचास हजार रुपए की धोखाधड़ी की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की है.
तीन सौ लोगों को ठगा
ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों के बारे में पुलिस को यह जानकारी मिली है कि यह बिहार राज्य से जुड़ा गैंग है. इंदौर में उन्होंने हेड-ऑफिस खोल रखा है. इसी हेड ऑफिस के माध्यम से तकरीबन देशभर के 300 लोगों को निशाना बनाया गया और उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस को यह भी जानकारी लगी है कि इन ठगों ने एक कंपनी बनाई और फिर उसकी फ्रेंचाइजी लोगों को दे दी. फ्रेंचाइजी में जो काम होता था वह तो लोग करते हैं लेकिन उस काम के एवज में आने वाला रुपया ठगों के खातों में जाता था.
कैसे होती थी ठगी
पुलिस को यह भी जानकारी लगी है कि व्हील शाइनर कंपनी के माध्यम से धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देने वाले लोगों के देश के कई राज्यों में कनेक्शन्स हैं. कंपनी को शिवम जायसवाल, विवेक कुमार, विवेक सिंह, राहुल कुमार और अन्य लोगों के माध्यम से संचालित किया जा रहा था. इन लोगों के माध्यम से सोशल मीडिया पर विज्ञापन करते हुए कंपनी की फ्रेंचाइजी देने की पेशकश की जाती थी. कंपनी कार वाशिंग और सर्विसिंग की बताई गई. इन ठगों ने देश के अलग-अलग शहरों में लोगों से संपर्क कर कहा कि उनकी कंपनी एक कंसेप्ट लेकर आई है. जिन लोगों के पास खुद की जमीन है उन्हे फ्रेंचाइजी दिया जाएगा. इसके लिए 50 हजार रुपए जमा करना होगा. साथ ही शर्त रखी जाती थी कि कार वाशिंग और सर्विसिंग के ग्राहक भी पहुंचाए जाएंगे. फ्रेंचाइजी लेने वालों को सिर्फ कार वाशिंग और सर्विसिंग करना है. रुपया कंपनी के खाते में आएंगा. हिसाब होने के बाद माह के अंत में रुपए फ्रेंचाइजी लेने वालों को दिया जाएगा. कई लोग इनकी ठगी का शिकार हुए और आखिर मे इन ठगों ने हाथ खड़े कर दिए. शिकायत के बाद से कंपनी संचालित करने वालों का अता पता नहीं है.