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PDS घोटालाः सरगना भरत दवे और श्याम दवे समेत दो गिरफ्तार

इंदौर में उजागर हुए 80 लाख रुपए के राशन घोटाले के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने दो मुख्य आरोपी समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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Published : Jan 23, 2021, 8:26 PM IST

Updated : Jan 23, 2021, 9:04 PM IST

Bharat Dave and Shyam Dave
भरत दवे और श्याम दवे

इंदौर। 80 लाख रुपए के बहुचर्चित राशन घोटाले के मुख्य आरोपी भरत दवे और श्याम दवे को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके अलावा पुलिस ने दो और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है, जो राशन घोटाले में लिप्त बताए जा रहे हैं. सरगर्मी से हो रही मामले की जांच में भंवरकुंआ थाना पुलिस ने चारों आरपियों को दबोचा है. अब इन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जिसके बाद कई बड़े राशन घोटालों के खुलासे हो सकते हैं.

भरत दवे और श्याम दवे गिरफ्तार

80 लाख से ज्यादा का राशन घोटाला

शहर में 80 लाख रुपए से ज्यादा का राशन घोटाला हुआ था, जिसमें 12 राशन दुकानों से करीब 51,000 गरीब परिवारों के निवाले पर डाका डाला गया है. इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन ने कई दुकानों पर छापेमारा. साथ ही तीन आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई भी की.

पढे़ं- भूखों के निवाले पर डाका! 80 लाख के राशन घोटाले में 31 पर FIR, तीन पर NSA

इस पूरे मामले में 51 हजार 96 हितग्राहियों के अनाज की कालाबाजारी की गई. इन लोगों को प्राथमिक आवश्यकता से वंचित किया गया, जो सिर्फ कानून ही नहीं बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम अपराध है. प्रशासन ने जांच के दौरान पाया कि दुकानदार योजना के तहत राशन का फायदा उठाकर उस में गड़बड़ी कर रहे थे. उसे वितरित नहीं कर रहे थे. जिन दुकानों में खाद्यान्न का स्टॉक कम प्राप्त हुआ है, उन दुकानों में इस हेराफेरी का खुलासा हुआ है.

चार आरोपी गिरफ्तार

शहर में जांच के दौरान भंवरकुआं पुलिस ने राजीव गांधी चौराहे के पास सर्चिंग के दौरान भरत दवे और श्याम दवे के अलावा धीरेंद्र और कमलेश को गिरफ्तार किया है. भवरकुआं थाना प्रभारी संतोष दूधी ने बताया कि चारों आरोपियों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसके बाद पूछताछ में आरोपियों से खाद्यान्न घोटाले से जुड़े कई मामले उजागर हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस रिमांड के दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी भी गहन पूछताछ कर सकते हैं.

प्रभारी फूड कंट्रोलर भी थे राशन माफियाओं के साथ संलिप्त

प्रभारी फूड कंट्रोलर आरसी मीणा की भूमिका इन राशन माफियाओं के साथ संलिप्त पाई गई थी. राशन गरीबों को उनके हक के अनुसार सही वितरण हों, इस संबंध में आरसी मीणा की जिम्मेदारी थी, लेकिन कई बार आपूर्ति अधिकारियों द्वारा जांच करने पर आरसी मीणा उन्हें रोक दिया करते थे. खाद्य निरीक्षकों का भविष्य खराब करने की धमकी भी देते थे. हालांकि, अब प्रभारी फूड कंट्रोलर को निलंबित किया जा चुका है. निलंबन के दौरान उनका जिला अलीराजपुर किया गया है, ताकि यहां पर जांच पूरी हो सकें.

किया गया SIT का गठन

80 लाख रुपए से ज्यादा के हुए राशन घोटाले की जांच के लिए SIT गठित की गई है. इस SIT में ASP, CSP सहित तीन टीआई को शामिल किया गया है.

पढ़ें- 80 लाख के राशन घोटाले की जांच के लिए SIT, 6 थानों में 10 से अधिक प्रकरण दर्ज

संपत्ति बेचकर की जाएगी वसूली

इस पूरे घोटाले में प्रशासन वसूली के लिए अभियान शुरू करने वाला है. आरोपियों की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. इसके बाद रिकवरी का काम शुरू किया जाएगा. जांच दल के प्रमुख अधिकारी ADM अभय बेडेकर ने बताया प्रदेश में ये पहला मामला होगा, जिसमें राशन माफिया की संपत्तियों को नीलाम करते हुए उनसे भू-राजस्व की वसूली की तरह ही नोटिस देकर रिकवरी की जाएगी. इधर आरोपियों के 28 परिचितों और 12 समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की भी संपत्तियों की जांच हो रही है. इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं. इन्हें भी वसूली के दायरे में लाया गया है. रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज संपत्तियों के रिकॉर्ड की भी जांच की गई. जिसमें श्याम दवे और भरत दवे के नाम पर कुछ मकान और बहुमंजिला इमारतों का पता चला है.

पढ़ें- राशन माफिया ने छीना था गरीबों का निवाला, संपत्ति बेचकर की जाएगी वसूली

इंदौर। 80 लाख रुपए के बहुचर्चित राशन घोटाले के मुख्य आरोपी भरत दवे और श्याम दवे को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके अलावा पुलिस ने दो और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है, जो राशन घोटाले में लिप्त बताए जा रहे हैं. सरगर्मी से हो रही मामले की जांच में भंवरकुंआ थाना पुलिस ने चारों आरपियों को दबोचा है. अब इन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जिसके बाद कई बड़े राशन घोटालों के खुलासे हो सकते हैं.

भरत दवे और श्याम दवे गिरफ्तार

80 लाख से ज्यादा का राशन घोटाला

शहर में 80 लाख रुपए से ज्यादा का राशन घोटाला हुआ था, जिसमें 12 राशन दुकानों से करीब 51,000 गरीब परिवारों के निवाले पर डाका डाला गया है. इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन ने कई दुकानों पर छापेमारा. साथ ही तीन आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई भी की.

पढे़ं- भूखों के निवाले पर डाका! 80 लाख के राशन घोटाले में 31 पर FIR, तीन पर NSA

इस पूरे मामले में 51 हजार 96 हितग्राहियों के अनाज की कालाबाजारी की गई. इन लोगों को प्राथमिक आवश्यकता से वंचित किया गया, जो सिर्फ कानून ही नहीं बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम अपराध है. प्रशासन ने जांच के दौरान पाया कि दुकानदार योजना के तहत राशन का फायदा उठाकर उस में गड़बड़ी कर रहे थे. उसे वितरित नहीं कर रहे थे. जिन दुकानों में खाद्यान्न का स्टॉक कम प्राप्त हुआ है, उन दुकानों में इस हेराफेरी का खुलासा हुआ है.

चार आरोपी गिरफ्तार

शहर में जांच के दौरान भंवरकुआं पुलिस ने राजीव गांधी चौराहे के पास सर्चिंग के दौरान भरत दवे और श्याम दवे के अलावा धीरेंद्र और कमलेश को गिरफ्तार किया है. भवरकुआं थाना प्रभारी संतोष दूधी ने बताया कि चारों आरोपियों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसके बाद पूछताछ में आरोपियों से खाद्यान्न घोटाले से जुड़े कई मामले उजागर हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस रिमांड के दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी भी गहन पूछताछ कर सकते हैं.

प्रभारी फूड कंट्रोलर भी थे राशन माफियाओं के साथ संलिप्त

प्रभारी फूड कंट्रोलर आरसी मीणा की भूमिका इन राशन माफियाओं के साथ संलिप्त पाई गई थी. राशन गरीबों को उनके हक के अनुसार सही वितरण हों, इस संबंध में आरसी मीणा की जिम्मेदारी थी, लेकिन कई बार आपूर्ति अधिकारियों द्वारा जांच करने पर आरसी मीणा उन्हें रोक दिया करते थे. खाद्य निरीक्षकों का भविष्य खराब करने की धमकी भी देते थे. हालांकि, अब प्रभारी फूड कंट्रोलर को निलंबित किया जा चुका है. निलंबन के दौरान उनका जिला अलीराजपुर किया गया है, ताकि यहां पर जांच पूरी हो सकें.

किया गया SIT का गठन

80 लाख रुपए से ज्यादा के हुए राशन घोटाले की जांच के लिए SIT गठित की गई है. इस SIT में ASP, CSP सहित तीन टीआई को शामिल किया गया है.

पढ़ें- 80 लाख के राशन घोटाले की जांच के लिए SIT, 6 थानों में 10 से अधिक प्रकरण दर्ज

संपत्ति बेचकर की जाएगी वसूली

इस पूरे घोटाले में प्रशासन वसूली के लिए अभियान शुरू करने वाला है. आरोपियों की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. इसके बाद रिकवरी का काम शुरू किया जाएगा. जांच दल के प्रमुख अधिकारी ADM अभय बेडेकर ने बताया प्रदेश में ये पहला मामला होगा, जिसमें राशन माफिया की संपत्तियों को नीलाम करते हुए उनसे भू-राजस्व की वसूली की तरह ही नोटिस देकर रिकवरी की जाएगी. इधर आरोपियों के 28 परिचितों और 12 समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की भी संपत्तियों की जांच हो रही है. इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं. इन्हें भी वसूली के दायरे में लाया गया है. रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज संपत्तियों के रिकॉर्ड की भी जांच की गई. जिसमें श्याम दवे और भरत दवे के नाम पर कुछ मकान और बहुमंजिला इमारतों का पता चला है.

पढ़ें- राशन माफिया ने छीना था गरीबों का निवाला, संपत्ति बेचकर की जाएगी वसूली

Last Updated : Jan 23, 2021, 9:04 PM IST
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