इंदौर। जय किसान कर्जमाफी योजना के तहत की जा रही कर्जमाफी में फर्जीवाड़ा की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. इंदौर के कुछ किसानों ने सेवा सहकारी समितियों में हुये भ्रष्टाचार की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की है. कुछ किसान तो ऐसे हैं जिन्होंने लोन लिया ही नहीं और उनका नाम कर्जमाफी सूची में आया है.
ताजा मामला सिमरोल की सेवा सहकारी समिति से सामने आया है, यहां के कुछ किसानों का आरोप है कि उन्होंने अब तक किसी प्रकार का लोन नहीं लिया तो उनका नाम कर्जमाफी सूची में कैसा गया, जिसकी शिकायत किसानों ने प्रशासिनक अधिकारियों से भी की, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.
किसानों ने आरोप लगाया है कि समिति ने फर्जी तरीके से उसके नाम से लोन निकाल लिया है. वहीं इस मामले में समिति प्रबंधक का कहना है कि किसानों के आरोप झूठे हैं. उन्होंने बताया कि वह शिकायतों के संबंध में बड़े अधिकारियों को जवाब दे चुके हैं, जबकि कलेक्टर लोकेश जाटव ने शिकायतों की जांच करने की बात कही और कहा कि अगर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पायी जाती है, तो दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, प्रथम चरण में इंदौर के करीब पच्चीस हजार किसानों का कर्ज माफ होना है. लेकिन सहकारी समितियों में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं. जिन पर प्रशासन कार्रवाई की बात कर रहा है, लेकिन सवाल खड़ा होता है कि जब किसानों ने कर्ज लिया ही नहीं तो उनका नाम कर्ज माफी की सूची में कैसे पहुंचा.