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जब लोन ही नहीं लिया तो कैसे आया कर्जमाफी की सूची में नामः किसान

सिमरोल की सेवा सहकारी समिति से सामने आया है, यहां के कुछ किसानों का आरोप है कि उन्होंने अब तक किसी प्रकार का लोन नहीं लिया तो उनका नाम कर्जमाफी सूची में कैसा गया, जिसकी शिकायत किसानों ने प्रशासिनक अधिकारियों से भी की, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.

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Published : Feb 14, 2019, 12:07 AM IST

इंदौर। जय किसान कर्जमाफी योजना के तहत की जा रही कर्जमाफी में फर्जीवाड़ा की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. इंदौर के कुछ किसानों ने सेवा सहकारी समितियों में हुये भ्रष्टाचार की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की है. कुछ किसान तो ऐसे हैं जिन्होंने लोन लिया ही नहीं और उनका नाम कर्जमाफी सूची में आया है.

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ताजा मामला सिमरोल की सेवा सहकारी समिति से सामने आया है, यहां के कुछ किसानों का आरोप है कि उन्होंने अब तक किसी प्रकार का लोन नहीं लिया तो उनका नाम कर्जमाफी सूची में कैसा गया, जिसकी शिकायत किसानों ने प्रशासिनक अधिकारियों से भी की, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.

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किसानों ने आरोप लगाया है कि समिति ने फर्जी तरीके से उसके नाम से लोन निकाल लिया है. वहीं इस मामले में समिति प्रबंधक का कहना है कि किसानों के आरोप झूठे हैं. उन्होंने बताया कि वह शिकायतों के संबंध में बड़े अधिकारियों को जवाब दे चुके हैं, जबकि कलेक्टर लोकेश जाटव ने शिकायतों की जांच करने की बात कही और कहा कि अगर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पायी जाती है, तो दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, प्रथम चरण में इंदौर के करीब पच्चीस हजार किसानों का कर्ज माफ होना है. लेकिन सहकारी समितियों में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं. जिन पर प्रशासन कार्रवाई की बात कर रहा है, लेकिन सवाल खड़ा होता है कि जब किसानों ने कर्ज लिया ही नहीं तो उनका नाम कर्ज माफी की सूची में कैसे पहुंचा.

इंदौर। जय किसान कर्जमाफी योजना के तहत की जा रही कर्जमाफी में फर्जीवाड़ा की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. इंदौर के कुछ किसानों ने सेवा सहकारी समितियों में हुये भ्रष्टाचार की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की है. कुछ किसान तो ऐसे हैं जिन्होंने लोन लिया ही नहीं और उनका नाम कर्जमाफी सूची में आया है.

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ताजा मामला सिमरोल की सेवा सहकारी समिति से सामने आया है, यहां के कुछ किसानों का आरोप है कि उन्होंने अब तक किसी प्रकार का लोन नहीं लिया तो उनका नाम कर्जमाफी सूची में कैसा गया, जिसकी शिकायत किसानों ने प्रशासिनक अधिकारियों से भी की, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.

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किसानों ने आरोप लगाया है कि समिति ने फर्जी तरीके से उसके नाम से लोन निकाल लिया है. वहीं इस मामले में समिति प्रबंधक का कहना है कि किसानों के आरोप झूठे हैं. उन्होंने बताया कि वह शिकायतों के संबंध में बड़े अधिकारियों को जवाब दे चुके हैं, जबकि कलेक्टर लोकेश जाटव ने शिकायतों की जांच करने की बात कही और कहा कि अगर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पायी जाती है, तो दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, प्रथम चरण में इंदौर के करीब पच्चीस हजार किसानों का कर्ज माफ होना है. लेकिन सहकारी समितियों में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं. जिन पर प्रशासन कार्रवाई की बात कर रहा है, लेकिन सवाल खड़ा होता है कि जब किसानों ने कर्ज लिया ही नहीं तो उनका नाम कर्ज माफी की सूची में कैसे पहुंचा.

Intro:एंकर - प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सरकार में अपने वचन पत्र में किए वादे किसानों की कर्ज माफी की कार्यवाही शुरू की जिसके बाद जय किसान कर्ज माफी योजना लागू की गई परंतु किसानों की कर्ज माफी को लेकर एक बड़ा सवाल प्रदेश में इसके नियम और इसकी अंतिम सफलता पर खड़े हो रहे हैं क्योंकि इस योजना में कहीं जगह पर बड़ी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की शिकायतें की जा रही है कर्ज माफी की योजना लागू होते ही प्रदेशभर में जगह-जगह और सेवा सहकारी समितियों में गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार सामने आ रहे हैं कई जगह पर किसानों ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कर्ज नहीं लिया गया परंतु उनका नाम कर्ज माफी की सूची में दर्शाया गया है इस योजना में एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है


Body:इंदौर जिले में प्रथम चरण में लगभग 25000 से अधिक किसानों का कर्ज माफ होना है परंतु इंदौर की कई सेवा सहकारी समितियों में गड़बड़ियों की शिकायत प्रशासन को किसानों द्वारा की गई है प्रशासन मिल रही शिकायतों पर जांच कर उचित कार्यवाही की बात कर रहा है परंतु सवाल खड़ा हो रहा है कि जब किसानों ने कर्ज लिया ही नहीं तो उनका नाम कर्ज माफी की सूची में कैसे पहुंचा जिलेभर में लगभग 10 से अधिक सेवा सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार की शिकायतें प्रशासनिक अधिकारियों को की गई है
इंदौर के समीप ग्राम सिमरोल की सेवा सहकारी समिति में एक बड़ा भ्रस्टाचार और गड़बड़ी सामने आई है जिसमें किसानों का आरोप है कि हमने ऋण अन्य बैंक से लिया है हमने सहकारिता समिति से कोई ऋण लिया ही नहीं है परंतु हमारा नाम कर्ज माफी की सूची में दर्शाया गया है हमने इसकी शिकायत प्रशासन के अधिकारियों को किया परंतु हमारी शिकायत पर किसी भी तरह का निराकरण सुनवाई नहीं की जा रही है वही क्षेत्र के ऐसे कई किसान है जिन्होंने ऋण लिया ही नहीं है परंतु उनका नाम कर्ज माफी की सूची में शामिल किया गया है जिससे क्षेत्र की सेवा सहकारी समिति का एक बड़ा भ्रस्टाचार सामने आ रहा है किसानों की शिकायत पर जब ईटीवी भारत ने संस्था प्रबंधक से बात की तो उन्होंने किसानों के आरोपो को गलत ठहराया और कहा कि हमारे द्वारा किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई है हम शिकायतों के संदर्भ में वरिष्ठ अधिकारियों को अपना जवाब दे चुके हैं


Conclusion:इस पूरे मामले में जब इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव से बात की गई तो उनका कहना था कि किसानों की कर्ज माफी को लेकर कई तरह की शिकायतें मिल रही है हम शिकायतों की जांच कर रहे हैं अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो संस्था के प्रबंधक ओर गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी वहीं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मान चुके हैं कि प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है जिसकी जांच की जा रही है जांच में पाए गए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी परंतु इस पूरे मामले में यह देखना होगा कि जब किसानों ने ऋण लिया ही नहीं तो उनका नाम सूची तक पहुंचा कैसे जब सूची में उनका नाम सम्मिलित किया गया है तो क्या जो जिन किसानों ने लिया ही नहीं उसे उन्हें भरना होगा या प्रशासन इस पूरे मामले में किस तरह की कार्यवाही करता है

विज्वल - किसान सूची , देखते किसान

बाइट - श्रीराम काकरवाल पीड़ित किसान (काली शर्ट)
बाइट - चेनसिंह दायले सेवा सहकारिता समिति (टीशर्ट)
बाइट - लोकेश जाटव कलेक्टर
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