इंदौर। मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव के केंद्र में भले ही किसान हो, लेकिन बर्बाद फसल के मुआवजे के इंतजार और चुनावी वायदों से परेशान किसान कोई राहत न मिलते देख, अब खेतों में खड़ी अपनी सोयाबीन की बर्बाद फसल जलाने को मजबूर है. इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में ही आलम ये है कि यहां 18,500 हेक्टेयर में बोई गई फसल बर्बाद हो चुकी है. वहीं किसान अब अगली फसल बोने की मजबूरी के चलते सोयाबीन की फसल अपने-अपने खेतों में जला रहे हैं.
इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा क्षेत्र में ही बोनी के बाद लगातार बारिश के चलते सोयाबीन की अधिकांश फसल बर्बाद हो गई. सोयाबीन के जिन पौधों में फलियां लगीं, उनमें खेतों के पानी से भरे होने के कारण बीज नहीं आ पाए. वहीं अधिक बारिश के कारण जिन खेतों में फसल बची रह गई, उनमें भी दाने नहीं आ पाए हैं. ऐसी स्थिति में क्षेत्र के किसानों के लिए अनुपयोगी हो चुकी सोयाबीन की फसल को जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. क्षेत्र के अधिकांश किसान ऐसे हैं, जिन्होंने बारिश के सीजन में सोयाबीन की फसल बोई थी, लेकिन लागत की तुलना में एक फीसदी भी फसल नहीं हो पाई. इसके बाद किसानों को राज्य सरकार की ओर से जो आश्वासन दिया गया, वो भी सरकार पूरा नहीं कर पाई है, क्योंकि अधिकांश इलाके में अब तक सर्वे दल ही नहीं पहुंच पाए हैं.
अब जबकि बारिश के बाद अधिकांश किसानों को अपने-अपने खेतों को साफ करने के बाद गेहूं की बुवाई करनी है तो खेतों में सड़ चुकी सोयाबीन की फसल को जलाकर नष्ट करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. जिसके फलस्वरूप इन दिनों क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्रों में किसान खुद अपनी-अपनी फसलें जलाते नजर आ रहे हैं.