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ज्यादा उत्पादन के बाद भी देरी से आएगी गेहूं की फसल, जानें क्यों

इंदौर में बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते रबी और गेहूं की फसल की बुवाई में देरी हो गई है.

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Published : Nov 18, 2019, 10:13 PM IST

उत्पादन के बाद भी गेंहू की फसल में देरी

इंदौर। प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते रबी की फसलों की बुवाई में देरी हो गई है. वहीं मालवा में भी गेंहू की फसल की बुवाई देरी से की जा रही है, जिसके चलते गेंहू की फसल एक महीने देर से आएगी.

इंदौर जिले में किसानों ने रबी सीजन की बुवाई की तैयारियां कर ली हैं, लेकिन भारी बारिश के कारण खेतों से नमी नहीं गई है. जिसके चलते 15 अक्टूबर से होने वाली रबी की बुवाई बड़ी मुश्किल से नंवबर के पहले सप्ताह में शुरु हो पाई.

उत्पादन के बाद भी गेंहू की फसल में देरी

इस बार अच्छा होगा गेहूं का उत्पादन
कृषि अनुसंधान केंद्र इंदौर के वैज्ञानिकों का कहना है कि, इस बार गेहूं का उत्पादन बहुत अच्छा होने की उम्मीद है. गेहूं के लिए जो तापमान चाहिए वो बरकरार है, साथ ही वायुमंडल में नमी बनी हुई है, जो कि गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त है.

इंदौर। प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते रबी की फसलों की बुवाई में देरी हो गई है. वहीं मालवा में भी गेंहू की फसल की बुवाई देरी से की जा रही है, जिसके चलते गेंहू की फसल एक महीने देर से आएगी.

इंदौर जिले में किसानों ने रबी सीजन की बुवाई की तैयारियां कर ली हैं, लेकिन भारी बारिश के कारण खेतों से नमी नहीं गई है. जिसके चलते 15 अक्टूबर से होने वाली रबी की बुवाई बड़ी मुश्किल से नंवबर के पहले सप्ताह में शुरु हो पाई.

उत्पादन के बाद भी गेंहू की फसल में देरी

इस बार अच्छा होगा गेहूं का उत्पादन
कृषि अनुसंधान केंद्र इंदौर के वैज्ञानिकों का कहना है कि, इस बार गेहूं का उत्पादन बहुत अच्छा होने की उम्मीद है. गेहूं के लिए जो तापमान चाहिए वो बरकरार है, साथ ही वायुमंडल में नमी बनी हुई है, जो कि गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त है.

Intro: इंदौर, प्रदेश में बीते मानसून के दौरान ज्यादा वर्षा होने के कारण रबी सीजन की फसलों की बुवाई देरी से हो रही है। मालवा की बात करें तो गेहूं की फसल की बुवाई भी यहां देरी से की जा रही है। जिसके चलते हैं गेहूं की फसल 15 दिन देरी से करीब 1 माह तक देरी से आएगी।।
Body:इंदौर जिले में किसानों द्वारा रबी सीजन की बुवाई की तैयारियां कर ली है लेकिन इस बार खेतों की नमी अब भी नहीं गई है। इन हालातों में जिले में 15 अक्टूबर से शुरू होने वाली रबी की बोवनी नवंबर के प्रथम सप्ताह में बमुश्किल शुरू हो सकी है, ज्यादा बारिश के कारण पहली बार ऐसा हुआ है कि सबसे पहले बोवनी करने वाला प्रदेश का मालवा अंचल इस बार बुवाई के मामले में पिछड़ गया है। कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि यह समय बुवाई के लिए उपयुक्त है खेती में नमी बनी हुई है। कृषि अनुसंधान केंद्र इंदौर के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार गेहूं का उत्पादन बहुत अच्छा रहने की उम्मीद है गेहूं के लिए जो तापमान चाहिए वह बरकरार है, साथ ही वायुमंडल में नमी बनी हुई है ,जो कि गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त है । वैज्ञानिक यह भी कह रहे हैं कि किसानों को खाने वाले गेहूं को 25 किलोग्राम प्रति बीघा के हिसाब से बोनी करनी चाहिए, और जो मालवा क्षेत्र में गेहूं बोया जाता है, जिसे मालवीय गेहूं कहते हैं वह 30 किलोग्राम प्रति बीघा बोना चाहिए ,जिससे उन्हें उत्पादन अच्छा मिलेगा।Conclusion:बाइट डॉ जंग बहादुर सिंह कृषि वैज्ञानिक इंदौर
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