इंदौर। जहरीली शराब की बिक्री रोकने के लिए आबकारी विभाग समय-समय पर विभिन्न तरह की गाइडलाइन जारी करता रहता है, पिछले दिनों आबकारी विभाग ने शराब दुकानों पर बिल रजिस्टर रखना अनिवार्य किया था, साथ ही शराब की बिक्री के साथ ही ग्राहकों को शराब का बिल देना भी अनिवार्य किया है. ताकि शराब निर्धारित मूल्य से अधिक रेट पर न बिके और नकली शराब की बिक्री भी रुक सके. हालांकि, इंदौर शहर में कई शराब दुकानों पर बिल उपभोक्ता को मुहैया नहीं करवाए जा रहे हैं, जिसकी जमीनी पड़ताल ईटीवी भारत ने किया है.
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इंदौर में शराब ठेकेदारों के बीच हुआ था गैंगवार
इंदौर शहर में करीब 200 से अधिक शराब दुकानें हैं, जिसमें देसी और अंग्रेजी शराब की दुकानें शामिल हैं, पिछले दिनों इंदौर में सिंडिकेट गिरोह के बीच विवाद भी हुआ था और एक गिरोह के सदस्यों ने दूसरे गिरोह के सदस्यों पर फायरिंग भी कर दिया था, उसके बाद आबकारी विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस ने मिलकर संयुक्त कार्रवाई की थी. अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए जारी गाइडलाइन के तहत शराब दुकान संचालक दुकानों पर रजिस्टर मेंटेन करेंगे और जो भी उपभोक्ता शराब खरीदता है, उसे बिल भी देंगे. साथ ही रजिस्टर में खरीदार के नाम के साथ ब्रांड और मूल्य का जिक्र भी करेंगे.
अवैध शराब की बिक्री रोकने की नई पहल
इंदौर संभाग में काफी दिनों से अवैध शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा था, राज्य सरकार को भी कई जनप्रतिनिधियों ने शिकायतें की थी, उसी को देखते हुए आबकारी विभाग ने इस तरह के फरमान शराब दुकान संचालकों के लिए जारी किए हैं, आबकारी विभाग के अधिकारियों को ऐसी आशंका थी कि इंदौर शहर के कई दुकान संचालक ही अवैध तरीके से दुकानों पर आने वाली विभिन्न ब्रांड की शराब दूसरों के जरिए दूसरी दुकानों के क्षेत्र में सस्ते में बिकवाते हैं. इसी वजह से आबकारी विभाग ने संबंधित दुकान संचालकों को बिल रजिस्टर रखने का फरमान जारी किया है.
बिल-रजिस्टर जांच के लिए एक अधिकारी तय
साथ ही एक अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई है, जोकि समय-समय पर शराब दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण करेगा. इस दौरान उपभोक्ता से भी आबकारी अधिकारी बात करते हैं कि कहीं एमआरपी रेट से अधिक में तो शराब उपभोक्ता को नहीं बेची जा रही है, यदि किसी दुकान संचालक की शिकायत मिलती है तो उसके वहां जांच पड़ताल करते हुए उस पर पेनल्टी भी लगाई जाती है.
दुकानदार बिल के साथ मेंटेन करते हैं रजिस्टर
इंदौर शहर में अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए ही आबकारी विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है, जबकि शराब दुकान संचालक भी बाकायदा बिल-रजिस्टर अपने पास रखते हैं और इसकी इंट्री की जाती है. वहीं दुकान संचालकों का भी कहना है कि दिन भर में करीब 200 से 300 शराब की बोतलों की बिक्री कर दी जाती है, जिसकी रजिस्टर में एंट्री भी की जाती है.