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स्मार्ट टेक्नोलॉजी होने के बाद भी 40 फीडर से हो रही बिजली चोरी

पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं से सख्ती से निपटने के लिए विभिन्न तरह के प्रयास कर रही है, लेकिन उसके बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में बिजली चोरी की घटनाएं सामने आ रही है.

Electricity theft
बिजली चोरी
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Published : Feb 2, 2021, 8:53 PM IST

इंदौर। बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन उसके बाद भी शहर में 40 फीडर ऐसे हैं, जहां से बिजली चोरी हो रही है. फिलहाल इन्हें रोकने के लिए अब विभाग अलग-अलग तरह से योजना बनाने में जुटी हुई है.

पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी बिजली चोरों से काफी परेशान है. इसको लेकर विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न तरह से योजना भी चलाई जाती है. वहीं बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने पिछले दिनों स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की. इस मीटर से विभाग को फायदा भी मिला, जहां पर बिजली चोरी होने की सूचना इन स्मार्ट मीटर के माध्यम से विभाग को प्राप्त हुई. वहां पर विभाग ने कार्रवाई की. इसके अलावा कई जगहों पर विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई भी की गई.

दो तरह से रोकता है विभाग बिजली चोरी
बता दें कि, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी दो तरह से बिजली चोरी रोकने का काम करती है. एक तो स्मार्ट मीटर और दूसरा एमआरडीएम योजना. इस योजना के तहत अधिकारी और कर्मचारी लगातार उपभोक्ताओं के बिजली लोड पर नजर रखते हैं. जहां पर कुछ भी गड़बड़ी नजर आती है, वहां पर छापामार कार्रवाई की जाती है.

कामेश श्रीवास्तव , सिटी यंत्री
इंदौर में 6 लाख से अधिक उपभोक्ता विद्युत वितरण कंपनी के 6 लाख 88 हजार उपभोक्ता हैं. उनमें से तकरीबन 6000 बिजली चोरी करते हुए विभाग को मिले, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई. विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली चोरी रोकने के लिए विभिन्न दल बना रखे हैं. एक तो विजलेंश के माध्यम से बिजली चोरों की धरपकड़ की जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर प्रत्येक जोन में एक उड़नदस्ता विभाग द्वारा बनाया गया है, जो बिजली चोरी की सूचना मिलने पर मौका स्थल पर जाकर कार्रवाई करता है.सीजन के मुताबिक भी पकड़ी जाती है बिजली चोरी विभाग द्वारा सीजन के मुताबिक भी बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर कार्रवाई की जाती है. प्रत्येक उपभोक्ता का समय-समय पर लोड चेक किया जाता है. इस दौरान अगर किसी उपभोक्ता के लोड में कमी या भार मिलता है, तो विभाग उन पर कार्रवाई करती है. लॉकडाउन के दौरान आया यूनिट में उतार-चढ़ाव लॉकडाउन के दौरान वॉल्टेज में जरूर उतार-चढ़ाव देखने को मिला. अगर यूनिट खपत की बात की जाए, तो लॉकडाउन की वजह से प्रति 33 करोड़ यूनिट की कमी पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी को आई. वहीं घरेलू बिजली में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.471 फीडर में से 40 फीडर में होती है चोरी शहर में पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के तकरीबन 471 फीडर मौजूद है, लेकिन 40 फीडर ऐसे है, जहां से लगातार बिजली चोरी की शिकायतें विभाग को मिल रही है. इन 40 फीडरों से बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग द्वारा प्रत्येक फीडर पर अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. धारा 135 के तहत की जाती है कार्रवाईबिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है. उर्जा धारा-135 के तहत विभाग बिजली चोरों पर कार्रवाई कर उन्हें नोटिस जारी करता है.10 किलो वॉट के 29 लाख उपभोक्ता शहर में 29 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके पास 10 किलोवॉट से अधिक का कनेक्शन है. समय-समय पर इन उपभोक्ताओं के घर पर बिजली चोरी के संबंध में दबिश दी जाती है. पिछले दिनों ही एक ऐसे ही उपभोक्ता के घर पर 9 लाख रुपये की बिजली चोरी विभाग ने पकड़ी थी.

इंदौर। बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन उसके बाद भी शहर में 40 फीडर ऐसे हैं, जहां से बिजली चोरी हो रही है. फिलहाल इन्हें रोकने के लिए अब विभाग अलग-अलग तरह से योजना बनाने में जुटी हुई है.

पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी बिजली चोरों से काफी परेशान है. इसको लेकर विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न तरह से योजना भी चलाई जाती है. वहीं बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने पिछले दिनों स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की. इस मीटर से विभाग को फायदा भी मिला, जहां पर बिजली चोरी होने की सूचना इन स्मार्ट मीटर के माध्यम से विभाग को प्राप्त हुई. वहां पर विभाग ने कार्रवाई की. इसके अलावा कई जगहों पर विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई भी की गई.

दो तरह से रोकता है विभाग बिजली चोरी
बता दें कि, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी दो तरह से बिजली चोरी रोकने का काम करती है. एक तो स्मार्ट मीटर और दूसरा एमआरडीएम योजना. इस योजना के तहत अधिकारी और कर्मचारी लगातार उपभोक्ताओं के बिजली लोड पर नजर रखते हैं. जहां पर कुछ भी गड़बड़ी नजर आती है, वहां पर छापामार कार्रवाई की जाती है.

कामेश श्रीवास्तव , सिटी यंत्री
इंदौर में 6 लाख से अधिक उपभोक्ता विद्युत वितरण कंपनी के 6 लाख 88 हजार उपभोक्ता हैं. उनमें से तकरीबन 6000 बिजली चोरी करते हुए विभाग को मिले, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई. विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली चोरी रोकने के लिए विभिन्न दल बना रखे हैं. एक तो विजलेंश के माध्यम से बिजली चोरों की धरपकड़ की जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर प्रत्येक जोन में एक उड़नदस्ता विभाग द्वारा बनाया गया है, जो बिजली चोरी की सूचना मिलने पर मौका स्थल पर जाकर कार्रवाई करता है.सीजन के मुताबिक भी पकड़ी जाती है बिजली चोरी विभाग द्वारा सीजन के मुताबिक भी बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर कार्रवाई की जाती है. प्रत्येक उपभोक्ता का समय-समय पर लोड चेक किया जाता है. इस दौरान अगर किसी उपभोक्ता के लोड में कमी या भार मिलता है, तो विभाग उन पर कार्रवाई करती है. लॉकडाउन के दौरान आया यूनिट में उतार-चढ़ाव लॉकडाउन के दौरान वॉल्टेज में जरूर उतार-चढ़ाव देखने को मिला. अगर यूनिट खपत की बात की जाए, तो लॉकडाउन की वजह से प्रति 33 करोड़ यूनिट की कमी पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी को आई. वहीं घरेलू बिजली में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.471 फीडर में से 40 फीडर में होती है चोरी शहर में पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के तकरीबन 471 फीडर मौजूद है, लेकिन 40 फीडर ऐसे है, जहां से लगातार बिजली चोरी की शिकायतें विभाग को मिल रही है. इन 40 फीडरों से बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग द्वारा प्रत्येक फीडर पर अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. धारा 135 के तहत की जाती है कार्रवाईबिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है. उर्जा धारा-135 के तहत विभाग बिजली चोरों पर कार्रवाई कर उन्हें नोटिस जारी करता है.10 किलो वॉट के 29 लाख उपभोक्ता शहर में 29 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके पास 10 किलोवॉट से अधिक का कनेक्शन है. समय-समय पर इन उपभोक्ताओं के घर पर बिजली चोरी के संबंध में दबिश दी जाती है. पिछले दिनों ही एक ऐसे ही उपभोक्ता के घर पर 9 लाख रुपये की बिजली चोरी विभाग ने पकड़ी थी.
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