इंदौर। बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन उसके बाद भी शहर में 40 फीडर ऐसे हैं, जहां से बिजली चोरी हो रही है. फिलहाल इन्हें रोकने के लिए अब विभाग अलग-अलग तरह से योजना बनाने में जुटी हुई है.
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी बिजली चोरों से काफी परेशान है. इसको लेकर विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न तरह से योजना भी चलाई जाती है. वहीं बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने पिछले दिनों स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की. इस मीटर से विभाग को फायदा भी मिला, जहां पर बिजली चोरी होने की सूचना इन स्मार्ट मीटर के माध्यम से विभाग को प्राप्त हुई. वहां पर विभाग ने कार्रवाई की. इसके अलावा कई जगहों पर विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई भी की गई.
दो तरह से रोकता है विभाग बिजली चोरी
बता दें कि, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी दो तरह से बिजली चोरी रोकने का काम करती है. एक तो स्मार्ट मीटर और दूसरा एमआरडीएम योजना. इस योजना के तहत अधिकारी और कर्मचारी लगातार उपभोक्ताओं के बिजली लोड पर नजर रखते हैं. जहां पर कुछ भी गड़बड़ी नजर आती है, वहां पर छापामार कार्रवाई की जाती है.
स्मार्ट टेक्नोलॉजी होने के बाद भी 40 फीडर से हो रही बिजली चोरी
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं से सख्ती से निपटने के लिए विभिन्न तरह के प्रयास कर रही है, लेकिन उसके बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में बिजली चोरी की घटनाएं सामने आ रही है.
इंदौर। बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ताओं पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन उसके बाद भी शहर में 40 फीडर ऐसे हैं, जहां से बिजली चोरी हो रही है. फिलहाल इन्हें रोकने के लिए अब विभाग अलग-अलग तरह से योजना बनाने में जुटी हुई है.
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी बिजली चोरों से काफी परेशान है. इसको लेकर विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न तरह से योजना भी चलाई जाती है. वहीं बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने पिछले दिनों स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की. इस मीटर से विभाग को फायदा भी मिला, जहां पर बिजली चोरी होने की सूचना इन स्मार्ट मीटर के माध्यम से विभाग को प्राप्त हुई. वहां पर विभाग ने कार्रवाई की. इसके अलावा कई जगहों पर विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई भी की गई.
दो तरह से रोकता है विभाग बिजली चोरी
बता दें कि, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी दो तरह से बिजली चोरी रोकने का काम करती है. एक तो स्मार्ट मीटर और दूसरा एमआरडीएम योजना. इस योजना के तहत अधिकारी और कर्मचारी लगातार उपभोक्ताओं के बिजली लोड पर नजर रखते हैं. जहां पर कुछ भी गड़बड़ी नजर आती है, वहां पर छापामार कार्रवाई की जाती है.