इंदौर। कृषि के क्षेत्र में तकनीकों को बढ़ावा देने और वर्तमान तकनीकों पर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च करेगा. स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किया गया प्रोजेक्ट रिसर्च के लिए चयनित किया गया है. यह मध्य प्रदेश का एकमात्र प्रोजेक्ट है जिसका चयन हुआ है.
स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स विश्वविद्यालय के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट को इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च द्वारा चयनित किया गया है. जिसके लिए करीब 10 लाख की राशि भी जारी की गई है. रिसर्च के तहत 2 सालों के अंदर प्रदेश के अलग-अलग गांव में कृषि के विभिन्न तौर तरीकों की जानकारी ली जाएगी. वहीं यह भी जाना जाएगा कि वर्तमान में किसान किस तरह की तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं. कृषि कार्य में फसलों की बुवाई से लेकर कटाई तक की सभी तकनीकों का अध्ययन किया जाएगा. साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पारंपरिक और नवीन तकनीकों के प्रयोग में कितना अंतर है और किस के उपयोग से किसानों को अधिक फायदा होगा.
प्रोफेसर वसीम खान ने बताया कि देशभर में करीब 60 से 70 फीसदी लोग कृषि का काम कर रहे हैं. लेकिन देश की जीडीपी में कृषि का मात्र 13 प्रतिशत ही भाग शामिल होता है. ऐसे में अब यह जानना होगा कि किस तरह की तकनीकों के प्रयोग से कृषि के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए वर्तमान में उपयोग किए जा रहे तौर-तरीकों का अध्ययन किया जाएगा और कृषि को नवीन तकनीकों से जोड़ा जाएगा ताकि उत्पादन में वृद्धि की जा सके.