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डॉक्टर वसीम खान का प्रोजेक्ट रिसर्च के लिए हुआ चयनित, उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जाएंगे प्रयास

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Published : Jan 18, 2020, 10:13 AM IST

Updated : Jan 18, 2020, 12:09 PM IST

स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डॉक्टर वसीम खान के प्रोजेक्ट को कृषि के क्षेत्र में तकनीकों को बढ़ावा देने को लेकर रिसर्च के लिए चयनित किया गया है. जिसमें मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए रिसर्च किया जाएगा.

Agricultural techniques will be studied
कृषि तकनीकों का किया जाएगा अध्ययन

इंदौर। कृषि के क्षेत्र में तकनीकों को बढ़ावा देने और वर्तमान तकनीकों पर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च करेगा. स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किया गया प्रोजेक्ट रिसर्च के लिए चयनित किया गया है. यह मध्य प्रदेश का एकमात्र प्रोजेक्ट है जिसका चयन हुआ है.

कृषि तकनीकों का किया जाएगा अध्ययन


स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स विश्वविद्यालय के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट को इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च द्वारा चयनित किया गया है. जिसके लिए करीब 10 लाख की राशि भी जारी की गई है. रिसर्च के तहत 2 सालों के अंदर प्रदेश के अलग-अलग गांव में कृषि के विभिन्न तौर तरीकों की जानकारी ली जाएगी. वहीं यह भी जाना जाएगा कि वर्तमान में किसान किस तरह की तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं. कृषि कार्य में फसलों की बुवाई से लेकर कटाई तक की सभी तकनीकों का अध्ययन किया जाएगा. साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पारंपरिक और नवीन तकनीकों के प्रयोग में कितना अंतर है और किस के उपयोग से किसानों को अधिक फायदा होगा.

कृषि तकनीकों का किया जाएगा अध्ययन


प्रोफेसर वसीम खान ने बताया कि देशभर में करीब 60 से 70 फीसदी लोग कृषि का काम कर रहे हैं. लेकिन देश की जीडीपी में कृषि का मात्र 13 प्रतिशत ही भाग शामिल होता है. ऐसे में अब यह जानना होगा कि किस तरह की तकनीकों के प्रयोग से कृषि के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए वर्तमान में उपयोग किए जा रहे तौर-तरीकों का अध्ययन किया जाएगा और कृषि को नवीन तकनीकों से जोड़ा जाएगा ताकि उत्पादन में वृद्धि की जा सके.

इंदौर। कृषि के क्षेत्र में तकनीकों को बढ़ावा देने और वर्तमान तकनीकों पर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च करेगा. स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किया गया प्रोजेक्ट रिसर्च के लिए चयनित किया गया है. यह मध्य प्रदेश का एकमात्र प्रोजेक्ट है जिसका चयन हुआ है.

कृषि तकनीकों का किया जाएगा अध्ययन


स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स विश्वविद्यालय के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट को इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च द्वारा चयनित किया गया है. जिसके लिए करीब 10 लाख की राशि भी जारी की गई है. रिसर्च के तहत 2 सालों के अंदर प्रदेश के अलग-अलग गांव में कृषि के विभिन्न तौर तरीकों की जानकारी ली जाएगी. वहीं यह भी जाना जाएगा कि वर्तमान में किसान किस तरह की तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं. कृषि कार्य में फसलों की बुवाई से लेकर कटाई तक की सभी तकनीकों का अध्ययन किया जाएगा. साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पारंपरिक और नवीन तकनीकों के प्रयोग में कितना अंतर है और किस के उपयोग से किसानों को अधिक फायदा होगा.

कृषि तकनीकों का किया जाएगा अध्ययन


प्रोफेसर वसीम खान ने बताया कि देशभर में करीब 60 से 70 फीसदी लोग कृषि का काम कर रहे हैं. लेकिन देश की जीडीपी में कृषि का मात्र 13 प्रतिशत ही भाग शामिल होता है. ऐसे में अब यह जानना होगा कि किस तरह की तकनीकों के प्रयोग से कृषि के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए वर्तमान में उपयोग किए जा रहे तौर-तरीकों का अध्ययन किया जाएगा और कृषि को नवीन तकनीकों से जोड़ा जाएगा ताकि उत्पादन में वृद्धि की जा सके.

Intro:कृषि के क्षेत्र में तकनीकों को बढ़ावा देने और वर्तमान तकनीकों पर स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स रिसर्च करेगा स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किया गया प्रोजेक्ट रिसर्च के लिए चयनित किया गया है यह मध्य प्रदेश का एकमात्र प्रोजेक्ट है जो चयनित किया गया है


Body:विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डॉक्टर वसीम खान द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट को इंडियन काउंसिल आफ सोशल साइंस रिसर्च द्वारा चयनित किया गया है जिसके लिए करीब ₹1000000 की राशि भी जारी की गई है रिसर्च के तहत 2 वर्षों के भीतर प्रदेश के अलग-अलग गांव में कृषि के विभिन्न तौर तरीकों की जानकारी ली जाएगी वहीं यह भी जाना जाएगा कि वर्तमान में किसान किस तरह की तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं कृषि कार्य में फसलों की बुवाई से लेकर कटाई तक की सभी तकनीकों का अध्ययन किया जाएगा वहीं यह भी देखा जाएगा कि पारंपरिक और नवीन तकनीकों के प्रयोग में कितना अंतर है और किस के उपयोग से किसानों को अधिक फायदा होगा


Conclusion:प्रोफेसर वसीम खान का कहना है कि देशभर में करीब 60 से 70 फ़ीसदी लोग कृषि का काम कर रहे हैं परंतु देश की जीडीपी में कृषि का मात्र 13% ही भागे ऐसे में अब यह जानना होगा कि किस तरह की तकनीकों के प्रयोग से कृषि के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है वर्तमान में कृषि के क्षेत्र में जितने लोग काम कर रहे हैं उतनी क्षमता के अनुरूप उत्पादन नहीं हो रहा है कृषि के उत्पादन को बढ़ाया जाना है इसके लिए वर्तमान में उपयोग किए जा रहे तौर-तरीकों का अध्ययन किया जाएगा और कृषि को नवीन तकनीकों से जोड़ा जाएगा ताकि उत्पादन में वृद्धि की जा सके


बाइट डॉक्टर वसीम खान प्रोफेसर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स
Last Updated : Jan 18, 2020, 12:09 PM IST
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