इंदौर। अक्सर दिव्यांगता के कारण परिवारों के बीच कई बार बोझ समझे जाने वाले बेरोजगार दिव्यांगों को अब उनकी योग्यता के आधार पर सम्मानजनक जॉब भी मिल सकेगा. दरअसल इंदौर की सामाजिक संस्था यंग इंडियन अब मूक बधिर और शारीरिक रूप से दिव्यांग युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए जॉब फेयर का प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही है. जिसके जरिए अब बेरोजगार दिव्यांगों को दर-दर भटकने के बजाय खुद प्लेसमेंट देने वाली कंपनियां उन्हें रोजगार देने जॉब फेयर में उनके पास पहुंच रही है.
यंग इंडियन संस्था की पहल: दरअसल, भीषण बेरोजगारी के दौर में जहां सामान्य और योग्य लोगों को जब मिलना किसी चुनौती से कम नहीं है. वहीं दिव्यांगों के बीच न केवल अवसरों की कमी है, बल्कि वह खुद चाह कर भी उन कंपनियों तक नहीं पहुंच पाते. जहां वे दिव्यांग के बावजूद अपना कैरियर बना सके. इस स्थिति के मध्य नगर सामाजिक संस्था यंग इंडियन द्वारा मूक बधिर से लेकर शारीरिक रूप से दिव्यांग युवाओं को उनके रोजगार के रूप में आत्म सम्मान दिलाने की पहल की जा रही है.
दिव्यांगों की तलाश में इंदौर पहुंची कंपनियां: गौरतलब है अप्रैल माह से जॉब फेयर की शुरुआत के बाद शहर के 70 दिव्यांगों के बीच से 15 बेरोजगार दिव्यांगों को अलग-अलग कंपनी में वाइट कॉलर और ब्लू कॉलर कैटेगरी का जॉब मिल चुका है. जब इन कर्मचारियों ने अपनी योग्यता के अनुसार अच्छा काम किया तो सस्ते और अच्छे की तलाश में एक बार फिर दो दर्जन से ज्यादा कंपनियां इंदौर के दूसरे अन्य दिव्यांगों को तलाशने के लिए इंदौर पहुंची हैं. आज फिर यहां दर्जनों युवाओं को शॉर्ट लिस्ट किया गया है. जिनमें से अधिकांश युवाओं को उनकी इच्छा और योग्यता का अनुरूप कॉरपोरेट कंपनियों में रोजगार मिल सकेगा.
दिव्यांग श्रेणी आरक्षित पद भरना चाहती है कंपनियां: दरअसल दिव्यांगों को कई कंपनियां इसलिए भी रोजगार दे रही हैं, क्योंकि कॉरपोरेट सेक्टर की CSR श्रेणी में ऐसे युवाओं को रोजगार की पात्रता है. वहीं कई कंपनियां अब अपनी कंपनियों में दिव्यांग श्रेणी के आरक्षित पद भी उपयुक्त दावेदारों से भरना चाहती हैं. जिसका सीधे तौर पर फायदा फिलहाल जरूरतमंद दिव्यांग बेरोजगारों को हो रहा है.