इंदौर। पूरे प्रदेश में राजस्व के मामले में इंदौर जिले में सबसे अधिक पेंडेंसी मिली है. चुनाव के दौरान इस पेंडेंसी को खत्म किया जा सकता था लेकिन अधिकारी ने चुनाव के नाम पर काम को पूरा नहीं किया. जिसे लेकर संभागायुक्त ने अधिकारियों को फटकार लगाई और बैठक में अलग-अलग विभागों के कार्यों की समीक्षा की.
लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के तहत सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा की. बैठक में सबसे अधिक जोर राजस्व प्रकरणों के निराकरण पर दिया. संभागायुक्त ने सभी जिलों के कलेक्टर से राजस्व वसूली और राजस्व प्रकरण को लेकर जानकारी ली. सबसे अधिक पेंडेंसी इंदौर जिले में मिलने के बाद उन्होंने सभी अधिकारियों को फटकार लगाई और मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए.
संभाग आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया कि सभी कलेक्टरों को आगामी माह में सभी पेंडिंग प्रकरणों को निपटाने के निर्देश दिए. सीमांकन के साथ-साथ जरीब से सीमांकन की अनुमति दी. जिसके बाद उन्होंने प्रत्येक तहसील के विशेष दल बनाकर सीमांकन के प्रकरण निराकरण के निर्देश दिए. बैठक में नदी पुनर्जीवन और जल संरक्षण पर भी समीक्षा की गई. जिसमें संभाग के खंडवा जिले द्वारा सबसे अधिक कार्य किया गया. वहीं अन्य जिलों को भी और काम करने के निर्देश दिए गए.