इंदौर। करीब 2 साल पहले इंदौर के पलासिया पुलिस ने हनी ट्रैप मामले में भोपाल की 5 महिलाओं और एक युवक को गिरफ्तार किया था. इस मामले में जेल में बंद आरोपी महिलाएं एक के बाद एक जमानत पर रिहा हो गईं. मामले की इंदौर की जिला कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है. पिछले दिनों हनीट्रैप मामले की मुख्य आरोपी आरती दयाल, श्वेता पति स्वप्निल जैन, श्वेता पति विजय जैन एवं बरखा सोनी ने आवेदन लगाकर एसआईटी द्वारा जो इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जब्त किए हैं, उन्हें देने की मांग की थी.
इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस कोर्ट परिसर में ही देखें : सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि इससे संबंधित फरियादियों की निजता का हनन होगा. इसलिए उन इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को आरोपियों को नहीं दिया जा सकता. साथ ही यह भी आदेश दिया कि यदि आरोपी उन इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को देखना चाहें तो कोर्ट परिसर में ही देख सकते हैं. जितनी बार देखने को कहेंगे उतनी बार कोर्ट इन इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को दिखा सकता है. बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस में एसआईटी ने आरोपियों के वीडियो और कुछ वॉइस रिकॉर्डिंग जब्त की है. उन्हीं को मांगने के लिए आरोपियों की ओर से एक आवेदन जिला कोर्ट में लगाया गया था.
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फ्रीज एकाउंट ओपन करने की याचिका : इसी के साथ पिछले दिनों आरोपी आरती दयाल, श्वेता विजय जैन, स्वेता पति स्वप्निल जैन एवं बरखा सोनी ने कोर्ट के समक्ष उनके फ्रीज अकाउंट खोलने के लिए याचिका लगाई थी. इस पर भी इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई हुई. इस पूरे मामले में सरकारी अधिवक्ता अभिजीत सिंह का कहना है कि आरोपी महिलाओं द्वारा ब्लैकमेल कर अकाउंट में करोड़ों रुपये रखा हुआ है. उन्हीं पैसों को निकालने के लिए उन्होंने कोर्ट के समक्ष आवेदन लगाया है. लेकिन हमारी मांग रहेगी कि आरोपी महिलाओं के द्वारा अकाउंट में जो पैसा जमा है उसे फ्रीज ही रखा जाए. (Court refused to give electronic evidence) (View Evidence in Court premises only)