इंदौर| देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ली जाने वाली कॉमन इंटरेस्ट टेस्ट परीक्षा मजाक बनकर रह गई है. पहले चरण में कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक ये तय नहीं कर पाया है कि प्रवेश के लिए छात्रों को कौन सी प्रक्रिया से गुजरना होगा. विश्वविद्यालय की परीक्षा में करीब 1300 से अधिक छात्र गड़बड़ियों के कारण परीक्षा नहीं दे पाए थे. जिन्हें लेकर अभी तक विश्वविद्यालय ने कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि कुलपति के नहीं होने से ये समस्या और भी जटिल होती जा रही है.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 23 जून को परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की गई थी और उसमें हुई गड़बड़ियों के चलते 24 जून को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लगा दी गई थी. जिसके चलते कुलपति को भी अपने पद से हटना पड़ा. 23 जून को ली गई प्रवेश परीक्षा का परिणाम 28 जून को विश्वविद्यालय की तरफ से जारी किया जाना था, लेकिन अभी तक वेबसाइट से परीक्षा परिणाम गायब है. इसका सबसे बड़ा कारण कुलपति का हटाया जाना और मौजूदा अधिकारियों द्वारा कोई निर्णय नहीं ले पाना है.
शासन के आदेश के बाद एकेडमिक कैलेंडर को ध्यान में रखकर यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया समय से शुरू की थी, लेकिन सीईटी में हुई गड़बड़ियों के बाद हजारों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया. कुलपति के नहीं होने से भी विश्वविद्यालय में निर्णय लेने के लिए कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं है, जिसका खामियाजा लगभग 17 हजार से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.