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देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बड़ी के बाद अधर में हजारों छात्रों का भविष्य

देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ली जाने वाली कॉमन इंटरेस्ट टेस्ट परीक्षा में हुई गड़बड़ियों का खामियाजा लगभग 17 हजार से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.

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Published : Jul 4, 2019, 6:05 PM IST

देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बड़ी

इंदौर| देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ली जाने वाली कॉमन इंटरेस्ट टेस्ट परीक्षा मजाक बनकर रह गई है. पहले चरण में कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक ये तय नहीं कर पाया है कि प्रवेश के लिए छात्रों को कौन सी प्रक्रिया से गुजरना होगा. विश्वविद्यालय की परीक्षा में करीब 1300 से अधिक छात्र गड़बड़ियों के कारण परीक्षा नहीं दे पाए थे. जिन्हें लेकर अभी तक विश्वविद्यालय ने कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि कुलपति के नहीं होने से ये समस्या और भी जटिल होती जा रही है.

देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बड़ी

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 23 जून को परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की गई थी और उसमें हुई गड़बड़ियों के चलते 24 जून को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लगा दी गई थी. जिसके चलते कुलपति को भी अपने पद से हटना पड़ा. 23 जून को ली गई प्रवेश परीक्षा का परिणाम 28 जून को विश्वविद्यालय की तरफ से जारी किया जाना था, लेकिन अभी तक वेबसाइट से परीक्षा परिणाम गायब है. इसका सबसे बड़ा कारण कुलपति का हटाया जाना और मौजूदा अधिकारियों द्वारा कोई निर्णय नहीं ले पाना है.

शासन के आदेश के बाद एकेडमिक कैलेंडर को ध्यान में रखकर यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया समय से शुरू की थी, लेकिन सीईटी में हुई गड़बड़ियों के बाद हजारों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया. कुलपति के नहीं होने से भी विश्वविद्यालय में निर्णय लेने के लिए कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं है, जिसका खामियाजा लगभग 17 हजार से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.

इंदौर| देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ली जाने वाली कॉमन इंटरेस्ट टेस्ट परीक्षा मजाक बनकर रह गई है. पहले चरण में कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक ये तय नहीं कर पाया है कि प्रवेश के लिए छात्रों को कौन सी प्रक्रिया से गुजरना होगा. विश्वविद्यालय की परीक्षा में करीब 1300 से अधिक छात्र गड़बड़ियों के कारण परीक्षा नहीं दे पाए थे. जिन्हें लेकर अभी तक विश्वविद्यालय ने कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि कुलपति के नहीं होने से ये समस्या और भी जटिल होती जा रही है.

देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बड़ी

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 23 जून को परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की गई थी और उसमें हुई गड़बड़ियों के चलते 24 जून को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लगा दी गई थी. जिसके चलते कुलपति को भी अपने पद से हटना पड़ा. 23 जून को ली गई प्रवेश परीक्षा का परिणाम 28 जून को विश्वविद्यालय की तरफ से जारी किया जाना था, लेकिन अभी तक वेबसाइट से परीक्षा परिणाम गायब है. इसका सबसे बड़ा कारण कुलपति का हटाया जाना और मौजूदा अधिकारियों द्वारा कोई निर्णय नहीं ले पाना है.

शासन के आदेश के बाद एकेडमिक कैलेंडर को ध्यान में रखकर यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया समय से शुरू की थी, लेकिन सीईटी में हुई गड़बड़ियों के बाद हजारों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया. कुलपति के नहीं होने से भी विश्वविद्यालय में निर्णय लेने के लिए कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं है, जिसका खामियाजा लगभग 17 हजार से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.

Intro:इंदौर की ए ग्रेड यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ली जाने वाली कॉमन इंटरेस्ट टेस्ट परीक्षा मजाक बनकर रह गई है परीक्षा के पहले चरण में कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि प्रवेश के लिए छात्रों को कौन सी प्रक्रिया से गुजरना होगा विश्वविद्यालय के द्वारा ली गई परीक्षा में भी करीब 13 सौ से अधिक छात्र गड़बड़ियों के कारण परीक्षा नहीं दे पाए थे जिन्हें लेकर भी अभी तक विश्वविद्यालय ने कोई निर्णय नहीं लिया है वहीं विश्वविद्यालय में कुलपति के ना होने से यह समस्या और भी जटिल होती जा रही है


Body:देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट में नए सत्र में प्रवेश लेने के लिए ली गई प्रवेश परीक्षा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट अब लगता है की मजाक बनकर रह गई है, दरअसल 23 जून को परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित की गई थी और उस में हुई गड़बड़ियों के कारण 24 जून को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लगा दी गई जिसके चलते कुलपति को भी अपने पद से हटना पड़ा, 23 जून को ली गई प्रवेश परीक्षा का परिणाम 28 जून को विश्वविद्यालय की तरफ से जारी किया जाना था लेकिन अभी तक वेबसाइट से परीक्षा परिणाम गायब है इसका सबसे बड़ा कारण कुलपति का हटाया जाना और मौजूदा अधिकारियों द्वारा कोई निर्णय नहीं ले पाना है, शासन के आदेश के बाद एकेडमिक कैलेंडर को ध्यान में रखकर यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया समय से शुरू की थी लेकिन सीईटी में हुई गड़बड़ियों के बाद हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में आ गया एक ओर जहां सीईटी का रिजल्ट अभी तक जारी नहीं किया जा सका है वहीं बी ग्रुप की प्रवेश परीक्षा होना भी बाकी है इन सभी मामलों के लिए विश्वविद्यालय के पास ना तो जवाब है ना ही कोई ठोस निर्णय पर अभी तक अधिकारी पहुँचे है, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के द्वारा सभी विभागों के अध्यक्षों को बुलाकर सीईटी परीक्षा प्रक्रिया फेल होने के बाद प्रवेश के लिए चर्चा की गई लेकिन उसके बावजूद विश्वविद्यालय अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा है, विश्वविद्यालय में धारा 52 हुई है और अभी तक कुलपति की नियुक्ति भी नहीं हुई है कुलपति के ना होने से भी विश्वविद्यालय में निर्णय लेने के लिए कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं है जिसका खामियाजा लगभग 17 हज़ार से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ रहा है

बाईट - अनिल शर्मा, रजिस्टार, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय


Conclusion:यूनिवर्सिटी में कुलपति के ना होने से उपाधि और परीक्षाओं के परिणामों पर भी असर पड़ रहा है यह समस्या लगातार अब विकराल रूप लेती जा रही है लेकिन अभी तक जिम्मेदारों के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है
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