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कोरबा की प्रेम कहानी का इंदौर में दुखद अंत, पति की मौत के बाद पत्नी ने लगाई फांसी - इंदौर

इंदौर में कोरोना ने एक प्रेम कहानी का ही अंत कर दिया, नेहा और पवन की 18 साल पहले कोरबा में दोस्ती हुई थी, अचानक ये दोस्ती प्यार में बदली और दोनों ने शादी कर ली, तब से नेहा और पवन इंदौर में रह रहे थे, लेकिन पवन कोरोना की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई. इसके बाद पत्नी ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

The end of Korba's love story
कोरबा की प्रेम कहानी का अंत
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Published : Apr 29, 2021, 7:59 AM IST

Updated : Apr 29, 2021, 12:18 PM IST

इंदौर। छत्तीसगढ़ के कोरबा से शुरू पवन और नेहा की प्रेम कहानी इंदौर में खत्म हो गई. पवन का हाल ही में पीएससी के जरिये रेंजर के लिए चयन हुआ था. वहीं नेहा एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी. पवन ट्रेनिंग के लिए देहरादून जाने वाले थे, लेकिन वो कोरोना से संक्रमित हो गए, और उन्हे भंवरकुआं के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन पवन की हालत में सुधार आने की बजाए, उनकी तबीयत और भी बिगड़ती गई, और इलाज के दौरान बुधवार को 36 साल के पवन ने दम तोड़ दिया. पवन की मौत का सदमा नेहा को इस कदर लगा की. वो कुछ बोल तक नहीं पा रही थी.

अपने फ्लैट में नेहा ने लगाई फांसी

पवन की मौत के करीब ढाई घंटे बाद परिजन पवन का शव अस्पताल से बड़वानी ले जाने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच नेहा ने कहा कि उसे अपने फ्लैट से कुछ कपड़े लेने हैं. वह भाई अनुराग को लेकर अपने फ्लैट के अपार्टमेंट पहुंची, और अपने भाई को नीचे ही रहने को कहा, नेहा लिफ्ट के जरिए अपने कमरे में पहुंचे. इसके बाद उसने फांसी लगा ली, और उसका भाई नेहा का इंतजार करता रहा, काफी वक्त बीत जाने के बाद नेहा का भाई अनुराग फ्लैट में गया, जहां नेहा फांसी के फंदे पर लटकी मिली. जिसके बाद अनुराग ने इसकी सूचना पुलिस को दी.

पवन को बचा लो... नहीं तो मैं जान दे दूंगी

नेहा और पवन के बीच प्यार इतना गहरा था, कि वो अपने परिजनों से हमेशा कहती रहती थी. कुछ भी करो, लेकिन पवन को बचा लो, नहीं तो मैं खुद को कुछ कर लुंगी. नेहा ने उस वक्त जैसा परिजनों से कहा था. वैसा ही किया. निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात नेहा ने आत्महत्या कर ली.

छत्तीसगढ़ के कोरोबा से शुरू हुई प्रेम कहानी का इंदौर में दुखद अंत

पवन की मां राजश्री पंवार बड़वानी के पाटी में खंड शिक्षा अधिकारी हैं, पिता भी शिक्षा विभाग में हैं. 18 साल पहले पवन और नेहा की पहली मुलाकात हुई थी. दोनों में काफी अच्छी दोस्ती भी हो गई. नेहा के पिता का बिलासपुर तबादला हुआ, तो पवन भी वहां पहुंच गया. दोनों की दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई. दोनों ने शादी का फैसला किया, और पांच साल पहले शादी कर ली. पवन इंदौर में थे और उनका रेंजर के लिए चयन हुआ था. उसी के दौरान नेहा भी इंदौर आ गई. और वो एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई. तब से दोनों का जीवन अच्छा गुजर रहा था. लेकिन कोरोना ने परिवार की खुशीया छींन ली. पवन की कोरोना से मौत के बाद ये सदमा नेहा नहीं झेल सकी. और आखिरकार सुबह करीब 10:30 बजे नेहा ने अपने ही फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

इंदौर। छत्तीसगढ़ के कोरबा से शुरू पवन और नेहा की प्रेम कहानी इंदौर में खत्म हो गई. पवन का हाल ही में पीएससी के जरिये रेंजर के लिए चयन हुआ था. वहीं नेहा एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी. पवन ट्रेनिंग के लिए देहरादून जाने वाले थे, लेकिन वो कोरोना से संक्रमित हो गए, और उन्हे भंवरकुआं के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन पवन की हालत में सुधार आने की बजाए, उनकी तबीयत और भी बिगड़ती गई, और इलाज के दौरान बुधवार को 36 साल के पवन ने दम तोड़ दिया. पवन की मौत का सदमा नेहा को इस कदर लगा की. वो कुछ बोल तक नहीं पा रही थी.

अपने फ्लैट में नेहा ने लगाई फांसी

पवन की मौत के करीब ढाई घंटे बाद परिजन पवन का शव अस्पताल से बड़वानी ले जाने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच नेहा ने कहा कि उसे अपने फ्लैट से कुछ कपड़े लेने हैं. वह भाई अनुराग को लेकर अपने फ्लैट के अपार्टमेंट पहुंची, और अपने भाई को नीचे ही रहने को कहा, नेहा लिफ्ट के जरिए अपने कमरे में पहुंचे. इसके बाद उसने फांसी लगा ली, और उसका भाई नेहा का इंतजार करता रहा, काफी वक्त बीत जाने के बाद नेहा का भाई अनुराग फ्लैट में गया, जहां नेहा फांसी के फंदे पर लटकी मिली. जिसके बाद अनुराग ने इसकी सूचना पुलिस को दी.

पवन को बचा लो... नहीं तो मैं जान दे दूंगी

नेहा और पवन के बीच प्यार इतना गहरा था, कि वो अपने परिजनों से हमेशा कहती रहती थी. कुछ भी करो, लेकिन पवन को बचा लो, नहीं तो मैं खुद को कुछ कर लुंगी. नेहा ने उस वक्त जैसा परिजनों से कहा था. वैसा ही किया. निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात नेहा ने आत्महत्या कर ली.

छत्तीसगढ़ के कोरोबा से शुरू हुई प्रेम कहानी का इंदौर में दुखद अंत

पवन की मां राजश्री पंवार बड़वानी के पाटी में खंड शिक्षा अधिकारी हैं, पिता भी शिक्षा विभाग में हैं. 18 साल पहले पवन और नेहा की पहली मुलाकात हुई थी. दोनों में काफी अच्छी दोस्ती भी हो गई. नेहा के पिता का बिलासपुर तबादला हुआ, तो पवन भी वहां पहुंच गया. दोनों की दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई. दोनों ने शादी का फैसला किया, और पांच साल पहले शादी कर ली. पवन इंदौर में थे और उनका रेंजर के लिए चयन हुआ था. उसी के दौरान नेहा भी इंदौर आ गई. और वो एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई. तब से दोनों का जीवन अच्छा गुजर रहा था. लेकिन कोरोना ने परिवार की खुशीया छींन ली. पवन की कोरोना से मौत के बाद ये सदमा नेहा नहीं झेल सकी. और आखिरकार सुबह करीब 10:30 बजे नेहा ने अपने ही फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

Last Updated : Apr 29, 2021, 12:18 PM IST
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