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पुलवामा हमले पर बढ़ता जा रहा विरोध, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35-A हटाने की मांग

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जवानों के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. कहीं विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो कहीं पुतला फूंका जा रहा है. इसी कड़ी में शहर की संघमित्र संस्था और वकीलों ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35-A को हटाने की मांग की है, जिसके लिए राष्ट्रपति के नाम इंदौर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है.

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Published : Feb 21, 2019, 11:04 PM IST


इंदौर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जवानों के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. कहीं विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो कहीं पुतला फूंका जा रहा है. इसी कड़ी में शहर की संघमित्र संस्था और वकीलों ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35-A को हटाने की मांग की है, जिसके लिए राष्ट्रपति के नाम इंदौर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है.

वकीलों का कहना है कि पुलवामा में हुआ आतंकी हमला भी धारा 370 अनुच्छेद 35-A का ही परिणाम है. उनका कहना है कि यह धारा भारत के लिए खतरा बनता जा रहा है. जल्द से जल्द राष्ट्रपति आदेश जारी कर जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले. अभी देश में दो विचारधारा और दो चिन्ह की स्थिति बन गई है. जब देश एक है तो दो विचारधारा और दो चिन्ह वाली स्थिति क्यों बन रही है. इसलिए लोगों की मांग है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले और लोकसभा राज्यसभा में प्रस्ताव पारित कर धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव पारित करें, ताकि कश्मीर अपनी मूल स्थिति में बना रहे और वहां से पाकिस्तानी हस्तक्षेप कम किया जा सके.

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article 35A

बता दें कि अनुच्छेद 35A से जम्मू-कश्मीर सरकार और वहां की विधानसभा को स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है. इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे. अनुच्छेद 35-A, धारा 370 का ही हिस्सा है. इस धारा की वजह से कोई भी दूसरे राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है.


इंदौर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जवानों के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. कहीं विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो कहीं पुतला फूंका जा रहा है. इसी कड़ी में शहर की संघमित्र संस्था और वकीलों ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35-A को हटाने की मांग की है, जिसके लिए राष्ट्रपति के नाम इंदौर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है.

वकीलों का कहना है कि पुलवामा में हुआ आतंकी हमला भी धारा 370 अनुच्छेद 35-A का ही परिणाम है. उनका कहना है कि यह धारा भारत के लिए खतरा बनता जा रहा है. जल्द से जल्द राष्ट्रपति आदेश जारी कर जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले. अभी देश में दो विचारधारा और दो चिन्ह की स्थिति बन गई है. जब देश एक है तो दो विचारधारा और दो चिन्ह वाली स्थिति क्यों बन रही है. इसलिए लोगों की मांग है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले और लोकसभा राज्यसभा में प्रस्ताव पारित कर धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव पारित करें, ताकि कश्मीर अपनी मूल स्थिति में बना रहे और वहां से पाकिस्तानी हस्तक्षेप कम किया जा सके.

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बता दें कि अनुच्छेद 35A से जम्मू-कश्मीर सरकार और वहां की विधानसभा को स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है. इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे. अनुच्छेद 35-A, धारा 370 का ही हिस्सा है. इस धारा की वजह से कोई भी दूसरे राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है.

Intro:एंकर - कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग भारत वासियों की आस्था से जुड़ा एक स्थान है कश्मीर में धारा 370 और 1954 में संविधान में संशोधन किए गए 35a के अनुच्छेद को संशोधित कर हटाने और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने की मांग को लेकर संस्था संघमित्र और वकीलों द्वारा राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन इंदौर कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन में मांग की गई थी लोगो का आरोप है कि वर्तमान में पुलवामा में हुआ हमला भी धारा 370 अनुच्छेद 35aका परिणाम है


Body:ज्ञापन के माध्यम से आरोप लगाया कि अनुच्छेद 35a और धारा 370 के प्रावधानों के चलते भारत के अन्य भागों के नाम इतना तो जम्मू कश्मीर में संपत्ति खरीद सकते हैं नहीं नौकरियां पा सकते हैं इन्हीं अधिकारों के दुरुपयोग के चलते कश्मीर में अलगाववाद एवं पाकिस्तानी हस्तक्षेप को बढ़ावा मिल रहा है जो कि भारत के लिए खतरा बनता जा रहा है जल्द से जल्द राष्ट्रपति आदेश जारी कर जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले देश में अभी दो विचारधारा और दो चिन्ह की स्थिति बन गई है जब देश है है तो दो विचारधारा और दो चिन्ह वाली स्थिति क्यों बने


Conclusion:संस्था के लोगों द्वारा राष्ट्रपति से यह भी मांग की गई थी वह विशेष अधिकार के तहत विशेष राज्य का दर्जा वापस ले और लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रस्ताव पारित कर विशेष शस्त्र बुलाकर धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पारित करें ताकि कश्मीर अपनी मूल स्थिति में बना रहे और वहां से पाकिस्तानी हस्तक्षेप कम किया जा सके

विज्वल - नारे लगाते लोग , ज्ञापन देते संस्था के सदस्य और वकील
बाइट - सपना शिवाले उपयुक्त
बाइट - भारत पारिख संस्था संघमित्र
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