इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय(DAVV) में आयोजित कार्यपरिषद की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ अनिल शर्मा और उच्च शिक्षा विभाग इंदौर के अतिरिक्त संचालक डॉक्टर सुरेश सिलावट के बीच जमकर बहस हुई. बता दें, कि कार्यपरिषद में बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर कार्यपरिषद सदस्यों द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई थी.
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसरों पर लगाए थे आरोप
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तक्षशिला परिसर में संचालित किए जाने वाले विभिन्न विभागों में प्रोफेसरों द्वारा ठीक से पढ़ाई नहीं कराए जाने को लेकर अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग डॉ सुरेश सिलावट द्वारा सवाल खड़े किए गए थे. डॉक्टर सिलावट ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के विभिन्न वरिष्ठ प्रोफेसर अध्यापन कार्य को ठीक से संपन्न नहीं करा रहे हैं. गेस्ट फैकल्टी और विजिटिंग फैकल्टी के माध्यम से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है.
विभाग में निरीक्षण करने को लेकर हुई रजिस्ट्रार और डॉक्टर सिलावट में नोकझोंक
बैठक के दौरान जहां डॉक्टर सिलावट ने वरिष्ठ प्रोफेसर द्वारा लापरवाही किए जाने को लेकर आरोप लगाए थे, उसी दौरान डॉ सिलावट में विभागों का निरीक्षण भी करने की बात कही थी. जिस पर रजिस्ट्रार अनिल शर्मा द्वारा आपत्ति ली गई थी और यह बताया गया था कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है उनके द्वारा निरीक्षण नहीं किया जा सकता है. मामले में डॉ सुरेश सिलावट का कहना है कि वे शासन के प्रतिनिधि हैं और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय भी शासन का एक अंग है ऐसे में निरीक्षण करना उनका अधिकार है.
आने वाले समय में निरीक्षण कर देखेंगे वस्तु स्थिति
डॉ सुरेश सिलावट का कहना है कि आने वाले दिनों में उनके द्वारा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया जाएगा. वहीं लापरवाही सामने आने पर मामले से कुलपति और रजिस्ट्रार को अवगत कराया जाएगा. लापरवाही करने वाले लोगों पर अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो पूरे मामले को लेकर उच्च शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा मंत्री को भी अवगत कराया जाएगा.
शासन के प्रतिनिधि के रुप में निरीक्षण करने का है अधिकार
डॉ सुरेश सिलावट का कहना है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में प्रोफेसरों की लापरवाही की शिकायतें कई बार सामने आती है. ऐसे में अध्यापन कार्य ठीक से संपादित हो इसके लिए निरीक्षण करने का अधिकार उन्हें हैं. वह शासन के प्रतिनिधि हैं, साथ ही वह अतिरिक्त संचालक भी है ऐसे में उनके द्वारा निरीक्षण किया जा सकता है, ताकि यह देखा जा सके कि प्रोफेसर द्वारा ठीक से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है या नहीं.