इंदौर। देवास जिले के खातेगांव में चमकी बुखार के संदिग्ध मरीज की मौत हो गयी. जामनेर गांव निवासी आठ साल के बच्चे को गंभीर हालत में इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने चमकी बुखार से बच्चे की मौत से साफ इनकार कर दिया है.
डॉक्टरों का कहना है कि जब तक रिपोर्ट में चमकी बुखार की पुष्टि नहीं की जाती, तब तक ये कहना गलत है कि बच्चे की मौत चमकी बुखार से हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे में चमकी बुखार जैसे कोई लक्षण नहीं थे. जांच रिपोर्ट आने के बाद कारण साफ हो जाएगा.
डॉक्टरों ने कहा कि चमकी बुखार के संदिग्ध मरीज बोलकर भ्रम फैलाया जा रहा है, जो सरासर गलत है. मस्तिष्क ज्वर के कई केस आते हैं, लेकिन इसे चमकी बुखार कहना गलत है. डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि घबराने की जरूरत नहीं है. भ्रामक खबर से लोगों को बचने की सलाह भी दी है.
जामनेर निवासी बच्चे को पहले नजदीकी खातेगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. वहां के डॉक्टर चंपा बघेल ने कहा था कि मरीज को उल्टी-दस्त के साथ बुखार की शिकायत थी. रात भर उल्टी-दस्त से परेशान रहा. इसकी वजह से उसके शरीर में पानी की कमी हो गई, तभी उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी. हालत गंभीर होने पर बच्चे को इंदौर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.