इंदौर। जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कोरोना से होने वाली मौते के आंकड़े छुपाने का दावा किया है.
आज इंदौर में प्रेस से चर्चा के दौरान अजय दुबे ने कहा जिस दिन मरीज की मृत्यु हो रही है उस दिन मौत की जानकारी सार्वजनिक करने की बजाय स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा मौत को बीते दिनों में अपनी सुविधानुसार घोषित किया जा रहा है. इस संबंध में जो दस्तावेज और आंकडे सामने आए हैं उसमें ऐसे कई उदाहरण है कि मृत्यु के दिन से लेकर 20 दिन और दो माह बाद मरीज की मौत की घोषणा की गई.
अजय दुबे ने बताया कोरोना संकट में मौत के आंकडों का सार्वजनिक होना और डेथ ऑडिट होना बेहद जरूरी है, इन आंकडों में लेटलतीफी और लापरवाही स्वीकार नहीं होना चाहिए. इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह के द्वारा पान-मसाला के कारोबार और उसके परिवहन को लेकर जारी की गई अनुमतिया विवाद के घेरे में है, इस मामले की भी न्यायिक जांच की आवश्यकता है. रहा सवाल इंदौर कोरोना काल में किए गए कार्य का तो अधिकारियों को चाहिए कि वह जनता के साथ कम्युनिकेशन रखें और सही पारदर्शिता के साथ जानकारी उपलब्ध कराएं. यदि जनता को कोई शंका या प्रश्न उठाएं तो इसे कोरोना की जानकारी उजागर करने पर गिरफ्तारी के नाम पर प्रताड़ित ना किया जाए.