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इंदौर: कजलीगढ़ मंदिर में लगा भक्तो का तांता, 71 सौ किलो खिचड़ी का लगाया गया भोग

देश भर में सोमवार को महाशिवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया. इस बार शिवरात्रि का पर्व सोमवार को पड़ा है, जिसे विशेष संयोग वाला दिन माना गया. भगवान शिव के इस विशेष दिन इंदौर से 24 किलोमीटर दूर विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसे कजलीगढ़ महादेव मंदिर में भी शिवरात्रि पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया

महाशिवरात्री
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Published : Mar 4, 2019, 10:48 PM IST

इंदौर। देश भर में सोमवार को महाशिवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया. इस बार शिवरात्रि का पर्व सोमवार को पड़ा है, जिसे विशेष संयोग वाला दिन माना गया. भगवान शिव के इस विशेष दिन इंदौर से 24 किलोमीटर दूर विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसे कजलीगढ़ महादेव मंदिर में भी शिवरात्रि पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया.


दरअसल, इंदौर से 24 किलोमीटर दूर विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसे कजलीगढ़ महादेव मंदिर में शिवरात्रि के मौके पर एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. यहां हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किये. कजलीगढ़ महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था, शिवरात्रि के महापर्व पर यहां आयोजित किए गए फलाहारी भंडारे में 7100 किलो से ज्यादा खिचड़ी का प्रसाद बनवाया गया. मंदिर में दोपहर तक 40 हजार से ज्यादा लोग दर्शन करने पहुंचे.

महाशिवरात्री की धूम

कजलीगढ़ महादेव मंदिर में गुफा के अंदर स्वयंभू रूप में प्रकट हुए भगवान भोलेनाथ भक्तों की आस्था के केंद्र हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां आने पर उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शिवरात्रि पर यहां मेले का भी आयोजन किया गया. बताया जा रहा है कि इस मंदिर में पिछले 21 सालों से लगातार फलाहारी भंडारे का आयोजन किया जाता है.

इंदौर। देश भर में सोमवार को महाशिवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया. इस बार शिवरात्रि का पर्व सोमवार को पड़ा है, जिसे विशेष संयोग वाला दिन माना गया. भगवान शिव के इस विशेष दिन इंदौर से 24 किलोमीटर दूर विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसे कजलीगढ़ महादेव मंदिर में भी शिवरात्रि पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया.


दरअसल, इंदौर से 24 किलोमीटर दूर विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसे कजलीगढ़ महादेव मंदिर में शिवरात्रि के मौके पर एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. यहां हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किये. कजलीगढ़ महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था, शिवरात्रि के महापर्व पर यहां आयोजित किए गए फलाहारी भंडारे में 7100 किलो से ज्यादा खिचड़ी का प्रसाद बनवाया गया. मंदिर में दोपहर तक 40 हजार से ज्यादा लोग दर्शन करने पहुंचे.

महाशिवरात्री की धूम

कजलीगढ़ महादेव मंदिर में गुफा के अंदर स्वयंभू रूप में प्रकट हुए भगवान भोलेनाथ भक्तों की आस्था के केंद्र हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां आने पर उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शिवरात्रि पर यहां मेले का भी आयोजन किया गया. बताया जा रहा है कि इस मंदिर में पिछले 21 सालों से लगातार फलाहारी भंडारे का आयोजन किया जाता है.

Intro:एंकर - महाशिवरात्रि पर शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है और भक्त भगवान शिव की आराधना और पूजन अर्चन करते हैं इस बार शिवरात्रि सोमवार के दिन आना विशेष संयोग वाला दिन माना जा रहा है वैसे तो सोमवार हमेशा ही भगवान भोलेनाथ का दिन माना जाता है इस दिन शिवरात्रि का आना विशेष महत्व वाला होता है सुबह से ही शिवालयों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था जगह-जगह शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की विशेष शृंगार मंदिरों में विशेष श्रंगार और सात सज्जा की गई इंदौर से 24 किलोमीटर दूर विंध्याचल की पहाड़ियों पर बसें कजलीगढ़ महादेव मंदिर पर भी शिवरात्रि को लेकर एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया शिवरात्रि के मौके पर हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने पहुंचे


Body:कजलीगढ़ महादेव मंदिर पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था शिवरात्रि के महापर्व पर यहां आयोजित किए गए फलाहारी भंडारे में 7100 किलो से अधिक खिचड़ी प्रसादी का निर्माण किया गया और भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया मंदिर पर दोपहर तक लगभग 40,000 से अधिक लोग दर्शन करने पहुंच चुके थे वही और भी भक्तों का आना लगातार जारी था कजलीगढ़ महादेव मंदिर पर गुफा के अंदर स्वयंभू रूप में प्रकट। हुए भगवान भोलेनाथ भक्तों की आस्था का एक बड़ा केंद्र है


Conclusion:कजलीगढ़ महादेव पहुंचने वाले लोग बताते हैं कि यहां आने पर हमारी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और आज सोमवार के दिन शिवरात्रि का विशेष महत्व वाला है जिसके लिए हम यहां दर्शन और पूजन करने पहुंचे शिवरात्रि पर यहां एक मेले का भी आयोजन किया गया जिसमें बच्चों के लिए झूले और अलग-अलग सामान की दुकान में भी लगी कजलीगढ़ महादेव ऐसे तो प्राचीन पर्यटन स्थलों में शामिल है और धर्म की दृष्टि से इसका अपना ही एक अलग महत्व है आयोजन से जुड़े अशोक कंछल और राम चौरसिया ने बताया कि यह भंडारे का 21 वां वर्ष है यह भंडारा लगातार 21 वर्षों से अनवरत जारी है हर साल यहां भक्तों की संख्या और भंडारे की सामग्री में इजाफा किया जाता है दिन पर दिन इस स्थान से भक्तों की आस्था बढ़ती ही जा रही है

विज्वल - स्वयंभू भोलेनाथ कजलीगढ़ मंदिर भक्तों की भीड़ प्रसादी वितरण करते
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