इंदौर। हनी ट्रैप मामले के शिकायतकर्ता निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को एक बार फिर से निलंबित कर दिया गया है. निगमायुक्त प्रतिभा पाल की अनुशंसा पर ये निलंबन की कार्रवाई की गई है, साथ ही हरभजन सिंह के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है. निलंबन की अवधि के दौरान हरभजन सिंह को रीवा स्थानांतरित करने के लिए शासन स्तर पर पत्र भी भेजा गया है. हरभजन सिंह को कुछ दिनों पहले ही हाईकोर्ट से निलंबन में राहत मिली थी.
कमिश्नर और निगम प्रशासक के निर्देश पर इंदौर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने इंजीनियर हरभजन सिंह के संबंध में आए न्यूज और सोशल मीडिया से मिले वीडियो को देखते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. निगमायुक्त के मुताबिक प्रथम दृष्टया ये प्रतीत होने पर कि उनके द्वारा निगम के वरिष्ठ अधिकारी होने के बाद भी शासकीय सेवक की गरिमा के खिलाफ कार्य करने और मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत इंजीनियर हरभजन सिंह पर ये कार्रवाई की गई है.
विभागीय जांच के लिए अपर आयुक्त और उपायुक्त को अधिकारी नियुक्त करते हुए 15 दिन में जांच पूरी करने की निर्देश भी दिए गए हैं. इसके साथ ही निगम प्रशासन ने मध्यप्रदेश शासन को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें इनके इंदौर में रहने पर जांच प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की गई है और इनका मुख्यालय मूल निकाय नगर पालिका निगम रीवा में किए जाने की बात कही गई है.
हरभजन सिंह प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में शिकायतकर्ता हैं. हनी ट्रैप मामले के कारण ही प्रदेश में कई बड़े आईएएस और आईपीएस के नाम सामने आने की बात कही जा रही थी. कुछ दिनों पहले हनी ट्रैप मामले में आरोपी महिलाओं के लिए भी जेल विभाग ने बीमारी के चलते जमानत देने का प्रस्ताव भी भेजा था, हालांकि मामला सामने में सामने आने के बाद जेल विभाग ने इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है.