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वैक्सीनेशन के बाद भी बेकाबू संक्रमण, कोरोना के नए स्ट्रेन की आशंका

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Published : Apr 6, 2021, 12:27 PM IST

वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है, जहां कोरोना के नए स्ट्रेन की आशंका जताई जा रही है. वहीं कुल 193 कोरोना मरीजों के सैंपल दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब भेजे गए हैं, जहां से अभी रिपोर्ट आना बाकी है.

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इंदौर। एक बार फिर प्रदेश के कोरोना हॉटस्पॉट बने इंदौर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बेकाबू होती जा रही है. यहां कई मरीज ऐसे भी मिले हैं, जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज लग गए है. ऐसी स्थिति में डॉक्टरों ने यूके स्ट्रेन के अलावा नए वेरिएंट के संक्रमण की भी आशंका जताई है. लिहाजा तमाम लोगों के सैंपल अब दिल्ली भिजवाए गए हैं, जहां से रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है. इधर मंगलवार को फिर 805 नए पॉजिटिव मरीज पाए गए.

कोरोना को काबू करने की तमाम कोशिशों के बावजूद संक्रमण बेकाबू होता नजर आ रहा है. बीते कुछ दिनों में यहां प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या 500 से बढ़कर अब 800 के पार हो गई है. इनमें ऐसे भी मरीज पाए जा रहे हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं, लेकिन फिर भी वह संक्रमित हुए हैं. इधर डॉक्टरों ने इस स्थिति को लेकर कोरोना के यूके स्ट्रेन के अलावा नए वेरिएंट के संक्रमण की आशंका जताई है, जिसे लेकर अलग से ऐसे मरीजों के सैंपल कलेक्शन कर जांच के लिए दिल्ली स्थित लैब भेजे गए है.

गौरतलब है कि, शहर में पूर्व में भी कोरोना के यूके स्ट्रेन के मरीज मिले थे, जिन्हें उपचार के लिए अलग से आइसोलेट किया गया था. हालांकि कुछ दिनों में इन मरीजों की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी. उस दौरान जिला प्रशासन ने इन मरीजों के संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच की थी. कॉन्टैक्ट हिस्ट्री पर भी फोकस किया गया था. उस वक्त इन मरीजों की संख्या करीब 6 तक पहुंची थी, जिनमें यूके स्ट्रेन होने की पुष्टि हुई थी. वहीं कुल 193 कोरोना मरीजों के सैंपल दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब भेजे गए हैं, जहां से अभी रिपोर्ट आना बाकी है.

वैक्सीनेशन के बाद भी बेकाबू संक्रमण

इंदौर एयरपोर्ट पर कोरोना जांच अनिवार्य, 'मौत पर ब्रेक' लगाने की तैयारी

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के नए म्युटेंट से भी ज्यादा खतरे की आशंका नहीं है. यह वायरस भी पुराने वायरस का ही म्युटेंट है. हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं, वह ज्यादा गंभीर मरीजों की श्रेणी में नहीं है. हालांकि दिल्ली से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.

जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट का इंतजार

दरअसल, दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब से प्राप्त होने वाली जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट इंदौर मेडिकल कॉलेज को मिलने के बाद ही संक्रमण के कारणों का पता लग सकेगा. इधर यह भी माना जा रहा है कि वैक्सीन से 100 फीसदी बचाओ नहीं किया जा सकता.

सैंपलिंग बढ़ते ही 800 पार हुई मरीजों की संख्या
सोमवार देर रात जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, शहर में संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है, जो 12.70 प्रतिशत हो चुकी है. लिहाजा यहां एक-एक दिन में 700 से 800 मरीज पाए जा रहे हैं. इस स्थिति के चलते सभी प्रमुख अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. जिला प्रशासन को गंभीर संक्रमित मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए अस्पतालों में भर्ती सामान्य मरीजों को अधिकतम 5 दिनों में ही डिस्चार्ज करना पड़ रहा है. फिलहाल 6100 बेड कैपेसिटी है, जिसे 1000 तक और बढ़ाया जा रहा है.

इंदौर। एक बार फिर प्रदेश के कोरोना हॉटस्पॉट बने इंदौर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बेकाबू होती जा रही है. यहां कई मरीज ऐसे भी मिले हैं, जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज लग गए है. ऐसी स्थिति में डॉक्टरों ने यूके स्ट्रेन के अलावा नए वेरिएंट के संक्रमण की भी आशंका जताई है. लिहाजा तमाम लोगों के सैंपल अब दिल्ली भिजवाए गए हैं, जहां से रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है. इधर मंगलवार को फिर 805 नए पॉजिटिव मरीज पाए गए.

कोरोना को काबू करने की तमाम कोशिशों के बावजूद संक्रमण बेकाबू होता नजर आ रहा है. बीते कुछ दिनों में यहां प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या 500 से बढ़कर अब 800 के पार हो गई है. इनमें ऐसे भी मरीज पाए जा रहे हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं, लेकिन फिर भी वह संक्रमित हुए हैं. इधर डॉक्टरों ने इस स्थिति को लेकर कोरोना के यूके स्ट्रेन के अलावा नए वेरिएंट के संक्रमण की आशंका जताई है, जिसे लेकर अलग से ऐसे मरीजों के सैंपल कलेक्शन कर जांच के लिए दिल्ली स्थित लैब भेजे गए है.

गौरतलब है कि, शहर में पूर्व में भी कोरोना के यूके स्ट्रेन के मरीज मिले थे, जिन्हें उपचार के लिए अलग से आइसोलेट किया गया था. हालांकि कुछ दिनों में इन मरीजों की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी. उस दौरान जिला प्रशासन ने इन मरीजों के संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच की थी. कॉन्टैक्ट हिस्ट्री पर भी फोकस किया गया था. उस वक्त इन मरीजों की संख्या करीब 6 तक पहुंची थी, जिनमें यूके स्ट्रेन होने की पुष्टि हुई थी. वहीं कुल 193 कोरोना मरीजों के सैंपल दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब भेजे गए हैं, जहां से अभी रिपोर्ट आना बाकी है.

वैक्सीनेशन के बाद भी बेकाबू संक्रमण

इंदौर एयरपोर्ट पर कोरोना जांच अनिवार्य, 'मौत पर ब्रेक' लगाने की तैयारी

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के नए म्युटेंट से भी ज्यादा खतरे की आशंका नहीं है. यह वायरस भी पुराने वायरस का ही म्युटेंट है. हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं, वह ज्यादा गंभीर मरीजों की श्रेणी में नहीं है. हालांकि दिल्ली से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.

जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट का इंतजार

दरअसल, दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब से प्राप्त होने वाली जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट इंदौर मेडिकल कॉलेज को मिलने के बाद ही संक्रमण के कारणों का पता लग सकेगा. इधर यह भी माना जा रहा है कि वैक्सीन से 100 फीसदी बचाओ नहीं किया जा सकता.

सैंपलिंग बढ़ते ही 800 पार हुई मरीजों की संख्या
सोमवार देर रात जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, शहर में संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है, जो 12.70 प्रतिशत हो चुकी है. लिहाजा यहां एक-एक दिन में 700 से 800 मरीज पाए जा रहे हैं. इस स्थिति के चलते सभी प्रमुख अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. जिला प्रशासन को गंभीर संक्रमित मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए अस्पतालों में भर्ती सामान्य मरीजों को अधिकतम 5 दिनों में ही डिस्चार्ज करना पड़ रहा है. फिलहाल 6100 बेड कैपेसिटी है, जिसे 1000 तक और बढ़ाया जा रहा है.

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