इंदौर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की आशंका जताई है. इंदौर में कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने आरोप लगाते हुए कहा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स की टीम छापामार कार्रवाई करने के लिए डेरा डाल चुकी है. अलका लांबा ने आरोप लगाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग पर भी केंद्र सरकार का भारी दबाव है.
बिजली उपभोक्ताओं से धोखा : यही वजह है कि कांग्रेस प्रत्याशियों की छोटी-मोटी गलतियों पर भी उनके नामांकन रद्द किए जा सकते हैं. लिहाजा कांग्रेस की लीगल सेल और वरिष्ठ नेता प्रदेश की 230 विधानसभा सीट के प्रत्याशियों के नामांकन खुद भरवा रही है. उन्होंने आज शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करते हुए अधिक वसूली अधिरोपित की है. प्रदेश में 18 से 20 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके कनेक्शन को 2 किलोवाट कर दिया गया है, जिससे कि वह गरीबों की श्रेणी में ना आ सकें इसके अलावा धोखाधड़ी करते हुए उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के नाम पर ठगने का प्रयास किया गया है.
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कैलाश विजयवर्गीय को दिया जवाब : इस दौरान उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कमलनाथ पर टिकट बेचने के आरोप का जवाब दिया. कहा कि खुद विजयवर्गीय पर रंजना बघेल ने इसी तरह के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के साथ भाजपा ने अन्याय किया है. केंद्र की मोदी सरकार ने तो राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को लोकसभा के उद्घाटन कार्यक्रम में ही नहीं बुलाया. यही स्थिति रामनाथ कोविंद को लेकर रही. उन्होंने कहा अब कांग्रेस मांग करती है कि भगवान राम के मंदिर में जो उद्घाटन की तैयारी मोदी सरकार कर रही है, उसमें कम से कम पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान राष्ट्रपति को बुलाया जाना चाहिए.