इंदौर। कोरोना महामारी के चलते एक ओर जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं शिक्षा प्रणाली पर भी कोरोना महामारी का खासा असर देखने को मिल रहा है. वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर छात्र परेशान हो रहे हैं. वर्तमान में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में होने वाली सीईटी को लेकर कोर्ट ने अब तक कोई निर्देश जारी नहीं किया है. हालांकि विश्वविद्यालय ने सीईटी की परीक्षाओं को निरस्त कर दिया है, लेकिन कोर्ट में मामला लंबित है.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने राज्य शासन के निर्देशों के बाद मैरिट के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं सीईटी को कोरोना महामारी के चलते निरस्त कर दिया गया है. आज शहर कांग्रेस कमेटी के कुछ लोग कुलपति से मिलने पहुंचे और एडमिशन कमेटी में शामिल सदस्यों पर आरोप लगाया कि सदस्य और चेयरमैन RSS की मानसिकता के लोग हैं, जो कि प्रवेश प्रक्रिया में भेदभाव करेंगे. इन आरोपों के आधार पर कुलपति से सदस्यों को हटाने की मांग की गई है.
मीडिया से बात करते हुए कुलपति ने कहा कि यह बात हास्यास्पद है, क्योंकि पहले तो इन्हीं लोगों के चलते पिछले साल प्रवेश प्रक्रिया के दौरान संस्था की और कमेटी की तारीफ की गई थी. अब कमेटी के लोगों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, फिलहाल सीईटी के मामले में कोर्ट के जवाब का इंतजार है.
प्रदर्शन के दौरान छात्र नेताओं ने शासन के कोरोना महामारी के लिए बनाई गई गाइडलाइन का उल्लंघन किया, जिसके बारे में कुलपति ने इन नेताओं को हिदायत दी. छात्र नेता जैसे ही कुलपति से मिलने पहुंचे तो नेताओं ने मास्क नहीं लगाया था. इसी को लेकर कुलपति ने सवाल खड़े किए और नेताओं को मास्क लगाने और शारीरिक दूरी बनाए रखने की हिदायत दी.