इंदौर। नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को अब राहत मिलती हुई नजर आ रही है. बुधवार को कंप्यूटर बाबा को गांधीनगर और एरोड्रम थाना के मामले में जमानत मिल गई थी. जैसे ही जमानत मिलने की खबर प्रशासन और पुलिस को मिली तो कंप्यूटर बाबा के खिलाफ एक और रिपोर्ट इंदौर के गांधीनगर थाने में दर्ज कर लिया गया था. उस पूरे ही मामले में गुरुवार को एक बार फिर कंप्यूटर बाबा को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों पक्षों को सुनने के बाद कंप्यूटर बाबा को जमानत दे दी गई और उन्हें रिहा कर दिया गया है. पेशी के दौरान कंप्यूटर बाबा कोरोना से बचाव के लिए मास्क नहीं बल्कि अपनी धोती का सहारा लेते नजर आए. इसके अलावा जब मीडिया ने उनसे बात करनी चाही तो उन्होंने मुंह पर उंगली रख ली और वहां से बिना कुछ कहे निकल गए.
8 नवंबर को जिला प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा पर शिकंजा कसा था. उनके गोम्मटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई को अंजाम दिया था. उसके बाद एक के बाद एक उनके कई आश्रमों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी. कार्रवाई के दौरान ही कंप्यूटर बाबा को धारा 151 के तहत मामले में गिरफ्तार कर जेल पहुंचा दिया गया था. जेल में बंद कंप्यूटर बाबा के खिलाफ लगातार जिला प्रशासन के पास और कई थाना पर शिकायतें पहुंच रही थीं.
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कंप्यूटर बाबा के खिलाफ चार मामले थे दर्ज
कंप्यूटर बाबा के खिलाफ चार मामले शहर के अलग-अलग थाना दर्ज थे. इनमें दो मामले गांधीनगर थाना, एक मामला एरोड्रम थाना और एक मामला SDM कोर्ट में दर्ज था. जहां SDM कोर्ट, एरोड्रम और गांधीनगर थाना के SC-ST (एट्रोसिटी एक्ट) और सरकारी काम में बाधा डालने के मामलों में कोर्ट ने बाबा को जमानत दे दी थी. जमानत मिलने की सूचना जैसे ही प्रशासन के पास पहुंची मंगलवार देर रात कंप्यूटर बाबा के खिलाफ गांधीनगर पुलिस ने एक और प्रकरण दर्ज कर लिया. प्रकरण दर्ज होने के बाद एक बार फिर कंप्यूटर बाबा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आईं. गांधीनगर पुलिस ने सेंट्रल जेल में जाकर उनकी गिरफ्तारी ली, जिसके बाद गुरुवार को कंप्यूटर बाबा को कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया गया. यहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद कंप्यूटर बाबा को कोर्ट ने जमानत दे दी है और शाम को उन्हें जेल से रिहा भी कर दिया गया है.
धोती बन गई मास्क
जब कंप्यूटर बाबा जेल से पेशी के लिए कोर्ट पहुंचे तो उनके पास मास्क नहीं था. अब क्योंकि वो कोर्ट में जज के सामने पेश होने जा रहे थे, तो उन्होंने अपने मुंह को अपने पास मौजूद धोती से लपेट लिया.
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फिलहाल, जिस तरह से प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा के खिलाफ शिकंजा कसा था, उससे यही उम्मीद लगाई जा रही थी कि कंप्यूटर बाबा के खिलाफ आगे भी इसी तरह से कार्रवाई जारी रहेगी. लेकिन एक के बाद एक चार प्रकरण दर्ज होने के बाद कंप्यूटर बाबा ने पूरे मामले में एक याचिका इंदौर हाईकोर्ट के समक्ष लगा दी, जिसके बाद कंप्यूटर बाबा की ओर से कई वकीलों ने कोर्ट के समक्ष कंप्यूटर बाबा का पक्ष रखा. जहां से दोनों पक्षों को सुनने के बाद कंप्यूटर बाबा की मुसीबतें कम होने का नाम ले रही हैं. वही जिस तरह से कंप्यूटर बाबा को राहत दी गई है, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में भी कई और लोगों पर भी प्रशासन इसी तरह से शिकंजा कस सकता है.
इन मामलों में गए जेल -
- आठ नवंबर को पहला मामला दर्ज
पूर्व राज्यमंत्री और संत समाज के प्रदेश अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा के खिलाफ सबसे पहले आठ नवंबर को अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की गई. जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर गोमटगिरी टेकरी पर कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर जो अवैध अतिक्रमण किया था, उसे जमींदोज कर दिया. वहीं कार्रवाई के दौरान कई तरह की जब्ती भी पुलिस ने की है. पुलिस ने कंप्यूटर बाबा के आश्रम से बाइक के साथ कार भी जब्त की है.
- नौ नवंबर को भी दूसरे कब्जों को ढहाया था
प्रशासन ने सुपर कॉरिडोर पर करीब पांच करोड़ मूल्य की 20 हजार वर्गफीट जमीन मुक्त कराई थी. इसके लिए इस जमीन पर दो कमरे और करीब 1200 वर्गफीट पर निर्माण था. बाकी जमीन खुली थी. इसका कब्जा मुक्त होते ही आईडीए ने अफसरों को भेज दिया था. जानकारी के मुताबिक वहां सड़क बनाई जाएंगी.
- पुलिस ने बाबा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा की भादवि की धारा 353, मारपीट व धमकी 323, 294, 506, 186, 34 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की कई धारा के तहत केस दर्ज किया था. बाबा ने पंचायत के अतिमक्रमण हटाने के प्रयास के दौरान सचिव को धमकाया था. उसके साथ मारपीट भी की थी. वहीं, अतिक्रमण हटाने के पहले भी बाबा ने उसे धमकाया था.
- कंप्यूटर बाबा को जमानत मिलने की सूचना जैसे ही प्रशासन तक पहुंची, प्रशासन ने आनन-फानन में एक और प्रकरण इंदौर के गांधीनगर थाने पर दर्ज कर लिया. जिस पर उन्हें जमानत मिल गई है.