इंदौर। लॉकडाउन के चलते इंदौर में फंसे कई छात्रों को लेकर इंदौर कोचिंग एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है. इंदौर कोचिंग एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जिस तरह कोटा से छात्रों को वापस उनके प्रदेश लाया गया. उसी तरह इंदौर में कोचिंग पढ़ने के लिए आए हजारों छात्रों को उनके घर तक पहुंचाया जाए.
एसोसिएशन का कहना है कि इन छात्रों के माता-पिता इंदौर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के कारण चिंता में हैं और लगातार कोचिंग संचालकों से इन्हें घर भेजने की मांग कर रहे हैं. दरअसल, इंदौर मध्यप्रदेश का एजुकेशन हब माना जाता है, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों के अलावा यहां पर कई बड़ी कोचिंग क्लासेस भी हैं, जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाती हैं. इन कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी हजारों में है.
देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होने पर कई छात्र अपने घर लौट गए थे, लेकिन कई छात्र ऐसे भी थे जो कि इंदौर में पढ़ाई करने के लिए आए लेकिन लॉकडाउन के कारण अब अपने घर नहीं जा पा रहे हैं, इंदौर शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के चलते छात्रों के परिजनों को चिंता सताने लगी है, लिहाजा अब छात्रों के परिजन कोचिंग संचालकों से बच्चों को सुरक्षित अपने घर पहुंचाने की गुहार लगा रहे हैं,
परिजनों की मांग के बाद इंदौर कोचिंग एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, इंदौर कलेक्टर और इंदौर सांसद को पत्र लिखकर मांग की है कि इंदौर में फंसे हुए हजारों छात्रों को सुरक्षित उनके घर भेजने की व्यवस्था करवाई जाए.
कोचिंग एसोसिएशन की मांग है कि जिस तरह से हजारों छात्रों को कोटा से सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया है, उसी तर्ज पर इंदौर के अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी उनके घर तक भिजवाया जाए, इसके लिए कोचिंग संचालकों ने कुछ दिनों पहले एक लिंक जारी कर ऐसे छात्रों की सूची भी तैयार की है, 2 दिन में यह सूची लगभग 3 हजार की संख्या तक पहुंच गई है.
फिलहाल, इन छात्रों को कोचिंग संचालकों और हॉस्टल संचालकों के द्वारा भोजन और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. 3 मई के बाद भी इंदौर में लॉकडाउन जारी रखने की बात कही जा रही है, जिसके चलते अब इन छात्रों के परिजनों की चिंता और बढ़ गयी है.