इंदौर। मध्यप्रदेश में उपचुनाव के पहले बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर विरोध झेल रही शिवराज सिंह चौहान सरकार ने आखिरकार बिजली के तमाम बढ़े हुए बिलों को निरस्त कर दिया है. इतना ही नहीं कोरोना महामारी के नाम पर वसूली में जुटे निजी अस्पतालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना इलाज के निर्धारण के साथ जांचों के भी रेट तय करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं, गौरतलब है इस मामले को ईटीवी भारत द्वारा लगातार प्रमुखता से उठाया जा रहा था. बता दें कि शुक्रवार को इंदौर में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल समेत अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस से चर्चा के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना काल में उपभोक्ताओं को बिजली के जो बढ़े हुए बिल प्राप्त हुए हैं राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त करती है.
सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि अगले महीने केवल एक महीने का बिजली बिल आएगा. जबकि शेष बिलों का परीक्षण के बाद समायोजन किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने कोरोना की जांच और इलाज के नाम पर जारी निजी अस्पतालों की वसूली की शिकायतों के सवाल पर स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने सक्षम लोगों के लिए निजी अस्पतालों में जांच और उपचार की व्यवस्था दी थी. लेकिन कई निजी अस्पताल इस सुविधा का दुरुपयोग कर संबंधित मरीजों से ओवर बिलिंग कर इलाज के नाम पर भारी-भरकम राशि वसूल रहे हैं. ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सीएम ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
वहीं देशभर में नीट और जेईई की परीक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच शिवराज सिंह चौहान ने कहा छात्रों की मांग के मुताबिक नीट और जेईई की परीक्षा समय पर होनी चाहिए. जिससे की छात्र छात्राओं का साल बर्बाद ना हो.