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नकली रेमडेसिविर केस: आरोपी पुनीत शाह, कौशल बोरा को लेकर मुंबई पहुंची पुलिस, गुजरात-महाराष्ट्र में भी पड़ताल

नकली रेमडेसिविर केस में पुलिस बारीकी से जांच कर रही है. पुलिस लोगों को बुलाकर आरोपियों की पहचान करा रही है. वहीं मुख्य आरोपी कौशल बोरा और पुनीत शाह को लेकर पुलिस की टीम मुंबई पहुंची है. वहीं दो अन्य टीम पड़ताल के लिए गुजरात और महाराष्ट्र गई हैं.

close investigation into fake remedesvir injection case indore
नकली रेमडेसिविर केस की जांच तेज
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Published : May 24, 2021, 2:08 AM IST

इंदौर। नकली रेमडेसिविर मामले में बारीकी से जांच जारी है. आरोपी सुनील मिश्रा और कुलदीप से विजय नगर पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. दोनों आरोपी 26 मई तक पुलिस रिमांड पर हैं. तो वहीं इन आरोपियों के दो साथी कौशल बोरा और पुनीत शाह को लेकर पुलिस की टीम मुंबई पहुंची है. जहां तमाम व्यापारियों के ठिकानों पर छानबीन की गई, कुछ से पुलिस ने पूछताछ भी की है. जहां से इन आरोपियों ने नकली इंजेक्शन बनाने के लिए सामग्री खरीदी थी, वहां भी पुलिस ने पूछताछ की है. आदेश के बाद पुलिस लगातार गंभीरता से जांच कर रही है. पुलिस की अन्य दो टीम पड़ताल के लिए गुजरात और महाराष्ट्र भी गई हैं.

मुख्य आरोपी से 70 लोगों का सामना

पकड़े गए आरोपियों से पुलिस सख्ती से पूछताछ में जुटी हुई है. मामले के मास्टरमाइंड सुनील मिश्रा से अब तक पुलिस ने 70 लोगों को बुलाकर सामना कराया है, जिन्हें इसने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई किए थे. सभी ने आरोपी को पहचान लिया है. पुलिस ने कुलदीप से भी इन लोगों का सामना करवाया है. कुलदीप ने इंदौर में ही करीब 100 इंजेक्शन सप्लाई करने की बात कबूली थी. वहीं आने वाले दिनों में इसमें और बड़े खुलासे हो सकते हैं.

आरोपियों से सख्ती से पुलिस कर रही पूछताछ

मुह मांगी कीमत पर सामग्री कराई थी तैयार

मामले में पकड़े गए आरोपी पुनीत और कौशल बोरा ने बताया है कि आरोपियों ने जब नकली इंजेक्शन बनाने का प्लान बनाया, तो इसके लिए उन्होंने आवश्यक सामग्री इकट्ठा करना शुरू किया. सबसे पहले शीशे जुटाए गए, फिर इसके लिए रेपर डिजाइन करवाया गया. पहली बार जो प्रिंट निकली उसमें कई गलतियां थी. जिसके चलते नागेश से संपर्क किया गया. पहले तो उसने यह काम फर्जी बताकर करने से मना कर दिया, जिसके लिए उसे मुंह मांगी कीमत देकर सामग्री तैयार की गई. इसी के साथ इंजेक्शन में भरने के लिए पहले आरोपियों ने सिर्फ ग्लूकोज को ही चुना था. लेकिन ग्लूकोज भरने के बाद देखा तो वह असली इंजेक्शन की तरह नहीं दिखाई दिया. जिसके बाद आरोपियों ने उसमें नमक का मिश्रण डाला और उसके बाद शीशी में पैक कर बाजार में खपा दिया.

नकली रेमडेसिविर केस: मुंबई से भी जुड़े तार, पूछताछ में आरोपियों ने किए खुलासे

मामले में अब तक 150 पीड़ित आए सामने

वहीं पकड़े गए आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ में जुटी हुई है. वहीं नकली रेमडेसिविर मामले में जैसे ही आरोपियों की जानकारी पीड़ितों तक पहुंची, तो पूरे मामले में अभी तक 150 से अधिक लोग सामने आ चुके हैं. वहीं पुलिस पकड़े गए आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की योजना बना रही है. नकली इंजेक्शन में लगने वाली सामग्री के साक्ष्य भी जुटाने की लगातार कोशिश की जा रही है, ताकि मामले को और मजबूत किया जाए. पुलिस आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए ठोस सबूत ढूंढ रही है.

इंदौर। नकली रेमडेसिविर मामले में बारीकी से जांच जारी है. आरोपी सुनील मिश्रा और कुलदीप से विजय नगर पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. दोनों आरोपी 26 मई तक पुलिस रिमांड पर हैं. तो वहीं इन आरोपियों के दो साथी कौशल बोरा और पुनीत शाह को लेकर पुलिस की टीम मुंबई पहुंची है. जहां तमाम व्यापारियों के ठिकानों पर छानबीन की गई, कुछ से पुलिस ने पूछताछ भी की है. जहां से इन आरोपियों ने नकली इंजेक्शन बनाने के लिए सामग्री खरीदी थी, वहां भी पुलिस ने पूछताछ की है. आदेश के बाद पुलिस लगातार गंभीरता से जांच कर रही है. पुलिस की अन्य दो टीम पड़ताल के लिए गुजरात और महाराष्ट्र भी गई हैं.

मुख्य आरोपी से 70 लोगों का सामना

पकड़े गए आरोपियों से पुलिस सख्ती से पूछताछ में जुटी हुई है. मामले के मास्टरमाइंड सुनील मिश्रा से अब तक पुलिस ने 70 लोगों को बुलाकर सामना कराया है, जिन्हें इसने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई किए थे. सभी ने आरोपी को पहचान लिया है. पुलिस ने कुलदीप से भी इन लोगों का सामना करवाया है. कुलदीप ने इंदौर में ही करीब 100 इंजेक्शन सप्लाई करने की बात कबूली थी. वहीं आने वाले दिनों में इसमें और बड़े खुलासे हो सकते हैं.

आरोपियों से सख्ती से पुलिस कर रही पूछताछ

मुह मांगी कीमत पर सामग्री कराई थी तैयार

मामले में पकड़े गए आरोपी पुनीत और कौशल बोरा ने बताया है कि आरोपियों ने जब नकली इंजेक्शन बनाने का प्लान बनाया, तो इसके लिए उन्होंने आवश्यक सामग्री इकट्ठा करना शुरू किया. सबसे पहले शीशे जुटाए गए, फिर इसके लिए रेपर डिजाइन करवाया गया. पहली बार जो प्रिंट निकली उसमें कई गलतियां थी. जिसके चलते नागेश से संपर्क किया गया. पहले तो उसने यह काम फर्जी बताकर करने से मना कर दिया, जिसके लिए उसे मुंह मांगी कीमत देकर सामग्री तैयार की गई. इसी के साथ इंजेक्शन में भरने के लिए पहले आरोपियों ने सिर्फ ग्लूकोज को ही चुना था. लेकिन ग्लूकोज भरने के बाद देखा तो वह असली इंजेक्शन की तरह नहीं दिखाई दिया. जिसके बाद आरोपियों ने उसमें नमक का मिश्रण डाला और उसके बाद शीशी में पैक कर बाजार में खपा दिया.

नकली रेमडेसिविर केस: मुंबई से भी जुड़े तार, पूछताछ में आरोपियों ने किए खुलासे

मामले में अब तक 150 पीड़ित आए सामने

वहीं पकड़े गए आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ में जुटी हुई है. वहीं नकली रेमडेसिविर मामले में जैसे ही आरोपियों की जानकारी पीड़ितों तक पहुंची, तो पूरे मामले में अभी तक 150 से अधिक लोग सामने आ चुके हैं. वहीं पुलिस पकड़े गए आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की योजना बना रही है. नकली इंजेक्शन में लगने वाली सामग्री के साक्ष्य भी जुटाने की लगातार कोशिश की जा रही है, ताकि मामले को और मजबूत किया जाए. पुलिस आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए ठोस सबूत ढूंढ रही है.

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