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स्वच्छता सर्वेक्षण की गाइड लाइन में बदलाव से इंदौर की बढ़ी चुनौती

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए केंद्र द्वारा तय की गई गाइड लाइन अब पहले के मुकाबले और भी जटिल हो गई है. जिसके चलते देश के सबसे साफ शहर इंदौर के लिए चुनौतियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं.

आशीष सिंह, निगमायुक्त
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Published : May 17, 2019, 2:26 PM IST

इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए केंद्र द्वारा तय की गई गाइड लाइन अब पहले के मुकाबले और भी जटिल हो गई है. जिसके चलते देश के सबसे साफ शहर के लिए चुनौतियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए नई गाइड लाइन के मुताबिर खरा उतरना इंदौर नगर निगम के लिए काफी जटिल दिख रहा है.

इंदौर शहर

इस बार के सर्वेक्षण में वार्षिक पैटर्न को हटाकर तिमाही प्रणाली को लागू किया गया है. इसके तहत जहां पहले हर साल की शुरुआत में केंद्रीय दल द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर अंक निर्धारित किए जाते थे. उसमें अब यह सर्वे हर 3 महीने में किया जाएगा, जिसके आधार पर ही साल की शुरुआत से लेकर अंत तक अंक तय किए जाएंगे. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इंदौर में पूर्व में हुए सर्वे को लेकर काफी काम किया गया है. इसलिए इस बार भी सर्वे में परेशानी नहीं आएगी, लेकिन कहीं न कहीं पूरे साल अंको को लेकर चौकस रहना निगम के लिए चुनौती साबित होगा.


इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के दौरान 3 आर कॉन्सेप्ट पर खूब काम किया गया था, जिसका फायदा सर्वे में नगर निगम को मिला है. इंदौर लगातार तीन बार स्वच्छता में नंबर वन शहर बना हुआ है.

इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए केंद्र द्वारा तय की गई गाइड लाइन अब पहले के मुकाबले और भी जटिल हो गई है. जिसके चलते देश के सबसे साफ शहर के लिए चुनौतियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए नई गाइड लाइन के मुताबिर खरा उतरना इंदौर नगर निगम के लिए काफी जटिल दिख रहा है.

इंदौर शहर

इस बार के सर्वेक्षण में वार्षिक पैटर्न को हटाकर तिमाही प्रणाली को लागू किया गया है. इसके तहत जहां पहले हर साल की शुरुआत में केंद्रीय दल द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर अंक निर्धारित किए जाते थे. उसमें अब यह सर्वे हर 3 महीने में किया जाएगा, जिसके आधार पर ही साल की शुरुआत से लेकर अंत तक अंक तय किए जाएंगे. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इंदौर में पूर्व में हुए सर्वे को लेकर काफी काम किया गया है. इसलिए इस बार भी सर्वे में परेशानी नहीं आएगी, लेकिन कहीं न कहीं पूरे साल अंको को लेकर चौकस रहना निगम के लिए चुनौती साबित होगा.


इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के दौरान 3 आर कॉन्सेप्ट पर खूब काम किया गया था, जिसका फायदा सर्वे में नगर निगम को मिला है. इंदौर लगातार तीन बार स्वच्छता में नंबर वन शहर बना हुआ है.

Intro:स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए केंद्र द्वारा तय की गई गाइडलाइन आप पहले के मुकाबले और भी जटिल हो गई है जिसके बाद देश के सबसे साफ शहर के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं जिसमें खरा उतरना इंदौर नगर निगम के लिए काफी जटिल दिख रहा है


Body:दरअसल इस बार के सर्वेक्षण में वार्षिक पैटर्न को हटाकर तिमाही प्रणाली को लागू किया गया है जिसके तहत जहां पहले हर साल की शुरुआत में केंद्रीय दल के द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर अंक निर्धारित किए जाते थे उसमें अब यह सर्वे हर 3 महीने में किया जाएगा जिसके आधार पर ही साल की शुरुआत से लेकर अंत तक अंक तय किए जाएंगे इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इंदौर में पूर्व में हुए सर्वे को लेकर काफी काम किया गया है इसलिए इस बार भी सर्वे में परेशानी नहीं आएगी लेकिन कहीं ना कहीं पूरे साल अंको को लेकर चौकस रहना निगम के लिए चुनौती साबित होगा हालांकि इंदौर अन्य शहरों के लिए एक बड़ा प्रतिनिधि बना हुआ है गौरतलब है कि इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के दौरान 3 आर कॉन्सेप्ट पर खूब काम किया गया था जिसका फायदा सर्वे में नगर निगम को मिलता है अब देखना होगा कि हर 3 महीने में होने वाली सर्वेक्षण की प्रक्रिया से देश के सबसे साफ शहर में स्वच्छता को लेकर और क्या परिवर्तन आता है

बाईट - आशीष सिंह, निगमायुक्त


Conclusion:इंदौर लगातार तीन बार स्वच्छता में नंबर वन शहर बना हुआ है यही कारण है की हर 3 महीने में होने वाले सर्वेक्षण के लिए निगम को अत्यधिक काम नहीं करना होगा लेकिन फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर अधिकारियों की चौक से लगातार बनी रहना जरूरी है और स्वच्छता सर्वेक्षण अधिकारियों के व्यस्त होने के कारण अन्य कामों पर इसका प्रभाव पड़ता है
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