इंदौर। शहर के एक निजी हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई, परिजनों ने बच्चे की मौत के बाद हॉस्पिटल पर लापरवाही के कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं पूरे मामले की शिकायत पुलिस को भी की गई है.
चुंबक निगलने से 3 साल के बच्चे की मौत
इंदौर में रहने वाला 3 साल का बच्चा खेलते खेलते मैग्नेटिक स्टार निगल लिया था, जिससे उसे काफी दर्द महसूस हो रहा था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन के बाद उसके सीने से चुंबक निकाला गया, बच्चे के परिजनों के मुताबिक डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिये चुम्बक तो निकाल लिया, लेकिन बेहोशी की दवा के ओवरडोज और ऊपर से ऑपरेशन के तुरंत बाद देखभाल नहीं करने के चलते बच्चे की मौत हुई.
परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ दर्ज की शिकायत
इंदौर के गुमास्ता नगर स्थित अरिहंत हॉस्पिटल में सोमवार सुबह 3 साल के मासूम कबीर तिवारी की मौत हो गई, परिजनों ने एनेस्थीसिया (बेहोशी) के ओवरडोज और ऑपरेशन के बाद देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाते हुए चंदननगर थाने में शिकायत दर्ज की है, जिसके बाद बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है.
बच्चे ने खेल-खेल में निगला था चुंबक
बता दें कि सुनील तिवारी के बेटे कबीर तिवारी ने 29 जुलाई को खेलते-खेलते चुम्बक निगल लिया था, परिजनों को पता चलते ही उन्होंने उसे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिखाया, तो वहां से मासूम को अरिहंत हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया, जहां हॉस्पिटल में एक्सरे रिपोर्ट में चुम्बक बच्चे के गले में फंसा होना पाया गया.
डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी के जरिये निकाला चुम्बक
इसके बाद बच्चे की हालत को देखते हुए अस्पताल ने दवाई देकर इलाज करने की ठानी, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ, फिर परिजन 4 अगस्त और 7 अगस्त को डॉक्टर्स के कहे मुताबिक इलाज कराते रहे, आखिरकार 9 अगस्त सोमवार को एंडोस्कोपी के जरिये चुम्बक निकालने का निर्णय लिया गया.
हंसता-हंसता ऑपरेशन थिएटर गया बच्चा फिर उठा नहीं
आज सुबह बच्चा हंसता खेलता हुआ अपनी मम्मी और पापा के साथ अस्पताल पहुंचा, तो ऑपरेशन शुरू हुआ, करीब 8.30 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन 9.20 तक चला, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर मयंक जैन और डॉ. सोनल निवसारकर और अन्य स्टॉफ की मदद से बच्चे के शरीर से चुम्बक निकाल लिया गया, उसके बाद उसे चाइल्ड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया.
ऑपरेशन के 4 घंटे बाद ठंडा पड़ने लगा शरीर
ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे को होश आने में करीब 45 मिनट लगेगा, लेकिन कुछ ही देर बाद डॉक्टर वापस बाहर आए, तो कहा कि अभी नहीं बच्चे को होश आने में अभी तीन से चार घंटे लगेगे, करीब आधे घंटे बाद जब कबीर की मां विमला ने बच्चे को टच किया, तो उसका शरीर ठंडा पड़ने लगा, लेकिन इस बीच किसी ने देख रेख नहीं की, कुछ देर बाद मासूम की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन परिजनों को जानकारी देने में आनाकानी करते रहा.
गलत इलाज से मासूम की मौत, परिजनों ने शव रखकर किया चक्काजाम
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप
परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है, पुलिस भी पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है, वहीं परिजनों ने हॉस्पिटल और डॉक्टरों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं, साथ ही यह मांग भी की है, कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, साथ ही दोषी डॉक्टरों और हॉस्पिटल पर उचित कार्रवाई की जाए, अब देखना होगा कि पुलिस इस पूरे मामले में किस तरह की कार्रवाई करती है.फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर ही पूरे मामले की कार्रवाई होगी.