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आंखफोड़वा कांड के जिम्मेदारों पर पुलिस ने की करवाई, दो डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज

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Published : Aug 29, 2019, 7:45 PM IST

आंखफोड़वा कांड में आई अस्पताल के जिम्मेदारों के खिलाफ कमिश्रर और कलेक्टर ने आखंफोड़वा कांड के जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया था. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दोषी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज करने देर रात छत्री पूरा थाने पहुंचे.

सन्तोष सिंह यादव

इंदौर। आंखफोड़वा कांड में फंसे इंदौर के आई हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जहां कमिश्रर और कलेक्टर ने आखंफोड़वा कांड के जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया था. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दोषी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज करने देर रात छत्री पूरा थाने पहुंचे.


पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते अधिकारियों को घंटों थाने पर बिठाकर कई तरह के सवाल पूछने के बाद उन्हें रवाना कर दिया गया. जब यह बात उच्च अधिकायरियों तक पहुंची, तो उन्होंने फरमान जारी कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. तब कहीं जाकर आरोपी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज हुआ.


कुछ दिन पहले इंदौर के छतरीपुरा थाना क्षेत्र में स्थित आई हॉस्पिटल में 11 लोगों की इलाज के दौरान आंखों की रोशनी चली गई थी. जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी. उच्च अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की, साथ ही आई हॉस्पिटल के जिन डॉक्टरों की निगरानी में ऑपरेशन किए गए थे उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए.

जिम्मेदार डॉक्टरों पर पुलिस ने की कार्रवाई


जिसके बाद बुधवार रात को इंदौर कलेक्टर और कमिश्नर के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी छत्रीपुरा थाने में प्रकरण दर्ज करवाने पहुंचे. लेकिन जब अधिकारी प्रकरण दर्ज करवाने के लिए छतरीपुरा पहुंचे, तो थाना प्रभारी सहित आला अधिकारी उनसे कई तरह के सवाल जवाब करने लगे. वहीं दस्तावेजों में खामियां निकालकर स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को रवाना कर दिया.


जब स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर और कमिश्नर को पूरे मामले की जानकारी दी, तो तत्काल में गुरूवार को दोषी डॉक्टरों पर मामला दर्ज हुआ. जिसके बाद आई हॉस्पिटल के प्रबंधक सुधीर महाशब्दे और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर सुहाग वन डे के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है. वहीं दो अन्य डॉक्टरों की भी तलाश की जा रही है.

इंदौर। आंखफोड़वा कांड में फंसे इंदौर के आई हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जहां कमिश्रर और कलेक्टर ने आखंफोड़वा कांड के जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया था. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दोषी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज करने देर रात छत्री पूरा थाने पहुंचे.


पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते अधिकारियों को घंटों थाने पर बिठाकर कई तरह के सवाल पूछने के बाद उन्हें रवाना कर दिया गया. जब यह बात उच्च अधिकायरियों तक पहुंची, तो उन्होंने फरमान जारी कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. तब कहीं जाकर आरोपी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज हुआ.


कुछ दिन पहले इंदौर के छतरीपुरा थाना क्षेत्र में स्थित आई हॉस्पिटल में 11 लोगों की इलाज के दौरान आंखों की रोशनी चली गई थी. जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी. उच्च अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की, साथ ही आई हॉस्पिटल के जिन डॉक्टरों की निगरानी में ऑपरेशन किए गए थे उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए.

जिम्मेदार डॉक्टरों पर पुलिस ने की कार्रवाई


जिसके बाद बुधवार रात को इंदौर कलेक्टर और कमिश्नर के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी छत्रीपुरा थाने में प्रकरण दर्ज करवाने पहुंचे. लेकिन जब अधिकारी प्रकरण दर्ज करवाने के लिए छतरीपुरा पहुंचे, तो थाना प्रभारी सहित आला अधिकारी उनसे कई तरह के सवाल जवाब करने लगे. वहीं दस्तावेजों में खामियां निकालकर स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को रवाना कर दिया.


जब स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर और कमिश्नर को पूरे मामले की जानकारी दी, तो तत्काल में गुरूवार को दोषी डॉक्टरों पर मामला दर्ज हुआ. जिसके बाद आई हॉस्पिटल के प्रबंधक सुधीर महाशब्दे और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर सुहाग वन डे के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है. वहीं दो अन्य डॉक्टरों की भी तलाश की जा रही है.

Intro:एंकर -इंदौर के आई हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस ने भी शिकंजा कसना शूरू कर दिया है। जहा कमिश्नर और कलेक्टर ने आँख फोड़ी कांड के जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज करने के फरमान जारी कर दिए थे वही स्वास्थय विभाग के अधिकारी दोषी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज करवाने देर रात छत्री पूरा थाने भी पहुचे लेकिन छत्री पूरा पुलिस के गेर जिम्मेदाराना रवैये के चलते क्लाज एक अधिकारी को घण्टो थाने पर बैठकर विभिन्न तरह के सवाल पूछ कर रवाना कर दिया गया , जब यह बात उच्च अधिकायरियो तक पहुची तो उन्होंने फरमान जारी कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए जब जाकारी दोषी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज हुआ।


Body:वीओ - बता दे कुछ दिन पहले इंदौर इंदौर के छतरीपुरा थाना क्षेत्र में स्थित आई हॉस्पिटल में 11 लोगों की इलाज के दौरान आंखें चली गई थी जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने पूरे मामले में जांच कर जांच रिपोर्ट तैयार की और उसे अधिकारियों को सौंपी जिसके बाद उच्च अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच करते हुए जिन आई हॉस्पिटल के डॉक्टरों की निगरानी में ऑपरेशन किए गए थे उन डॉक्टरों पर प्रकरण दर्ज करने करवाने के आदेश दिए गए जिसके बाद बुधवार रात को इंदौर कलेक्टर और कमिश्नर के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी छत्रीपुरा थाने पर प्रकरण दर्ज करवाने पहुंचे लेकिन जब अधिकारी प्रकरण दर्ज करवाने के लिए छतरीपुरा थाने पर पहुंचे तो थाना प्रभारी सहित आला अधिकारी उनसे विभिन्न तरह के सवाल जवाब करने लगे वही दस्तावेजों में खामियां निकालकर स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को रवाना कर दिया जब स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर और कमिश्नर को पूरे मामले की जानकारी दी तो तत्काल में आज दोपहर में दोषी डॉक्टरों पर प्रखंड दर्ज हुआ बता दे आई हॉस्पिटल के प्रबंधक सुधीर महाशब्दे और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर सुहाग वन डे के खिलाफ प्रखंड दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है वहीं दो अन्य डॉक्टरों की भी तलाश की जा रही है।

बाईट - डॉक्टर प्रवीण जड़िया , सीएमएचओ , स्वास्थय विभाग ,इंदौर

बाईट - सन्तोष सिंह यादव , थाना प्रभारी , थाना छत्री पूरा


Conclusion:वीओ - एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में हैं क्योंकि जिस तरह से प्रदेश सरकार आँख फोड़ो कांड के दोषियों पर कार्रवाई कर रही है और जब शासन ने जांच कर दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए तो पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी उस मामले में लेटलतीफी कर रहे हैं फिलहाल जब पूरा मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो पुलिस ने कार्रवाई की नहीं तो पुलिस पूरे मामले में लीपापोती का काम करने में जुटी हुई थी।
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