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थम गए प्रदेश के डेढ़ लाख ट्रक और टैंकरों के पहिए, व्यापारी हो रहे परेशान

मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालक की अनिश्चितकालीन हड़ताल से व्यापार व्यवसाय प्रभावित होने लगा है.

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Published : Oct 7, 2019, 2:26 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 3:16 PM IST

ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालक की अनिश्चितकालीन हड़ताल से व्यापार व्यवसाय प्रभावित

इंदौर। मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालक 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. प्रदेश के करीब 1.50 लाख ट्रक और टैंकरों के पहिए थमने से पेट्रोल डीजल की आपूर्ति नहीं होने से व्यापार व्यवसाय प्रभावित होने लगा है.

ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालक की अनिश्चितकालीन हड़ताल से व्यापार व्यवसाय प्रभावित

ट्रांसपोर्टरों ने परिवहन विभाग पुरानी और नई गाड़ियों पर की गई आजीवन शुल्क वृद्धि को वापस लेने के लिए कहा है. साथ ही प्रदेश सरकार के पेट्रोल-डीजल पर लगाए गए 5 प्रतिशत वैट हटाने की भी मांग की गई है. वहीं सरकार से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालकों ने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था. हड़ताल को इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, लोहा मंडी पार्सल एवं फ्लीट ऑनर्स एसोसिएशन और देवास नाका ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन का भी समर्थन मिला है.

संगठन के अध्यक्ष सीएल मुकाती और प्रांतीय ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव कमल पंजवानी ने बताया कि वह संघर्ष का रास्ता नहीं अपनाना चाहते लेकिन सरकार ने उनकी बातों को नहीं सुना. इसलिए उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि आज ट्रांसपोर्ट उद्योग डी ग्रोथ में जा रहा है. बिजनेस नहीं होने से कई ट्रांसपोर्टर बैंकों का कर्ज नहीं दे पा रहे हैं. सड़कों की हालत खराब होने से स्पेयर पाट्र्स, टायर आदि खराब हो रहे हैं. इन सब परेशानियों के बावजूद सरकार ने डीजल-पेट्रोल महंगा कर दिया है. कमल पंजवानी ने बताया कि जिन वाहनों की लाइफ दो-चार साल बची है, उन पर आजीवन शुल्क वृद्घि का कोई औचित्य नहीं है. यदि हड़ताल लंबी खिंचती है तो लोगों को दैनिक उपभोग की वस्तुओं के अलावा डीजल-पेट्रोल के संकट का भी सामना करना पड़ेगा.

इंदौर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से पेट्रोल डीजल की आपूर्ति प्रभावित होने के साथ ही व्यापार व्यवसाय पर भी असर पड़ने लगा है. शहर के सियागंज व्यापारी संघ के अलावा सियागंज के व्यापारी भी अब कराने समेत त्योहार के सीजन में अन्य सामग्री की आपूर्ति नहीं होने के कारण परेशान हैं. लिहाजा अब कई व्यापारिक संगठन भी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को समर्थन देने का मन बना चुके हैं. इधर जिला प्रशासन ने पेट्रोल डीजल की समानांतर आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों को तैनात किया है जिससे कि पेट्रोल-डीजल जैसी आम जनता के अत्यावश्यक उपयोग की सामग्री का परिवहन सुचारू रूप से किया जा सके.

इंदौर। मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालक 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. प्रदेश के करीब 1.50 लाख ट्रक और टैंकरों के पहिए थमने से पेट्रोल डीजल की आपूर्ति नहीं होने से व्यापार व्यवसाय प्रभावित होने लगा है.

ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालक की अनिश्चितकालीन हड़ताल से व्यापार व्यवसाय प्रभावित

ट्रांसपोर्टरों ने परिवहन विभाग पुरानी और नई गाड़ियों पर की गई आजीवन शुल्क वृद्धि को वापस लेने के लिए कहा है. साथ ही प्रदेश सरकार के पेट्रोल-डीजल पर लगाए गए 5 प्रतिशत वैट हटाने की भी मांग की गई है. वहीं सरकार से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालकों ने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था. हड़ताल को इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, लोहा मंडी पार्सल एवं फ्लीट ऑनर्स एसोसिएशन और देवास नाका ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन का भी समर्थन मिला है.

संगठन के अध्यक्ष सीएल मुकाती और प्रांतीय ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव कमल पंजवानी ने बताया कि वह संघर्ष का रास्ता नहीं अपनाना चाहते लेकिन सरकार ने उनकी बातों को नहीं सुना. इसलिए उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि आज ट्रांसपोर्ट उद्योग डी ग्रोथ में जा रहा है. बिजनेस नहीं होने से कई ट्रांसपोर्टर बैंकों का कर्ज नहीं दे पा रहे हैं. सड़कों की हालत खराब होने से स्पेयर पाट्र्स, टायर आदि खराब हो रहे हैं. इन सब परेशानियों के बावजूद सरकार ने डीजल-पेट्रोल महंगा कर दिया है. कमल पंजवानी ने बताया कि जिन वाहनों की लाइफ दो-चार साल बची है, उन पर आजीवन शुल्क वृद्घि का कोई औचित्य नहीं है. यदि हड़ताल लंबी खिंचती है तो लोगों को दैनिक उपभोग की वस्तुओं के अलावा डीजल-पेट्रोल के संकट का भी सामना करना पड़ेगा.

इंदौर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से पेट्रोल डीजल की आपूर्ति प्रभावित होने के साथ ही व्यापार व्यवसाय पर भी असर पड़ने लगा है. शहर के सियागंज व्यापारी संघ के अलावा सियागंज के व्यापारी भी अब कराने समेत त्योहार के सीजन में अन्य सामग्री की आपूर्ति नहीं होने के कारण परेशान हैं. लिहाजा अब कई व्यापारिक संगठन भी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को समर्थन देने का मन बना चुके हैं. इधर जिला प्रशासन ने पेट्रोल डीजल की समानांतर आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों को तैनात किया है जिससे कि पेट्रोल-डीजल जैसी आम जनता के अत्यावश्यक उपयोग की सामग्री का परिवहन सुचारू रूप से किया जा सके.

Intro:मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर और टैंकर चालको ने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल से प्रदेश के करीब 1.50 लाख ट्रक और टैंकरों के पहिए थमने से पेट्रोल डीजल की आपूर्ति समय व्यापार व्यवसाय प्रभावित होने लगा है Body:दरअसल ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि परिवहन विभाग द्वारा पुरानी एवं नई गाडिय़ों पर की गई आजीवन शुल्क वृद्धि वापस ली जाए। साथ ही प्रदेश सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर जो 5 प्रतिशत वैट (कर) लगाया है, उसे वापस लिया जाए। हालांकि ट्रांसपोर्टरों को सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। हड़ताल को इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, लोहा मंडी पार्सल एवं फ्लीट ऑनर्स एसोसिएशन तथा देवास नाका ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन का भी समर्थन मिला है।
संगठन के अध्यक्ष सीएल मुकाती एवं प्रांतीय ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव कमल पंजवानी ने बताया कि हम संघर्ष का रास्ता नहीं अपनाना चाहते, लेकिन सरकार ने हमारी बातों को नहीं सुना। इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि आज ट्रांसपोर्ट उद्योग डी ग्रोथ में जा रहा है। बिजनेस नहीं होने से कई ट्रांसपोर्टर बैंकों का कर्ज नहीं पटा पा रहे हैं। सड़कों की हालत खराब होने से स्पेयर पाट्र्स, टायर आदि खराब हो रहे हैं। इन सब परेशानियों के बावजूद सरकार ने डीजल-पेट्रोल महंगा कर दिया है।इसके अलावा नए के साथ पुराने वाहनों का लाइफ टाइम टैक्स में वृद्धि कर दी है। जिन वाहनों की लाइफ दो-चार साल बची है, उन पर आजीवन शुल्क वृद्घि का कोई औचित्य नहीं है। पंजवानी ने बताया कि अगर हड़ताल लंबी खिंचती है तो लोगों को दैनिक उपभोग की वस्तुओं के अलावा डीजल-पेट्रोल के संकट का भी सामना करना पड़ेगा। इधर प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से पेट्रोल डीजल की आपूर्ति प्रभावित होने के साथ ही व्यापार व्यवसाय पर भी असर पड़ने लगा है इंदौर के सियागंज व्यापारी संघ के अलावा सियागंज के व्यापारी भी अब कराने समेत त्योहार के सीजन में अन्य सामग्री की आपूर्ति नहीं होने के कारण परेशान हैं लिहाजा अब कई व्यापारिक संगठन भी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को समर्थन देने का मन बना चुके हैं इधर जिला प्रशासन ने पेट्रोल डीजल की समानांतर आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों को तैनात किया है जिससे कि पेट्रोल-डीजल जैसी आम जनता के अत्यावश्यक उपयोग की सामग्री का परिवहन सुचारू रूप से किया जा सके

बाईट - Conclusion:जगदीश जाम लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवसाई
Last Updated : Oct 7, 2019, 3:16 PM IST
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