इंदौर। प्रदेश में चावल को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. हाल ही में चावल खरीदी कांड को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर कई आरोप लगाए थे, जिसके बाद बीजेपी ने इस खरीदी में लिप्त रसूखदार कांग्रेसियों को जेल जाने की तैयारी करने की सलाह दी है.
इंदौर में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता जेपी मूलचंदानी ने दावा किया है कि खराब चावल की खरीदी कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में हुई थी. इस घोटाले में मंडला-बालाघाट के चावल मिलों के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों और कांग्रेस के रसूखदार भी लिप्त हैं, जिनके खिलाफ जांच के बाद कठोर कार्रवाई की तैयारी है.
बता दें, राशन की दुकानों से PDS के तहत गरीबों को वितरित किए जाने वाले चावलों की जांच में ज्यादातर जगह गोदामों और खरीदी केंद्रों में मौजूद चावल स्टार हीन श्रेणी के पाए गए हैं. फिलहाल जांच में मंडला और बालाघाट की चावल मिलों से घटिया चावल खरीदे जाने के प्रमाण भी मिले हैं. जिसके बाद यह चावल जिन खरीदी केंद्र और गोदामों में रखवाए गए हैं, उनकी भी जांच कराई जा रही है.
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जांच में प्रथम दृष्टया घटिया क्वालिटी के चावल पाए गए हैं. इस मामले में हालांकि कांग्रेस ने गरीबों को दूषित और घटिया स्तर के चावल वितरित करने के आरोप लगाते हुए शिवराज सरकार पर गरीबों को धोखा देने के आरोप लगाए थे.
हालांकि अब बीजेपी ने दावा किया है कि चावल खरीदी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में हुई थी, जिसमें कांग्रेस के कई रसूखदार भी लिप्त हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता जेपी मूलचंदानी ने कहा कि इस मामले में शिवराज सरकार कठोर कार्रवाई करने जा रही है.
लिहाजा कांग्रेस के जो रसूखदार इस खरीदी में लिप्त हैं, उन्हें जेल जाने की तैयारी कर लेनी चाहिए. बीजेपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि शिवराज सरकार में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का कोई भी घोटाला सहन नहीं किया जाएगा, सभी मामलों में दोषियों पर कठोर कार्रवाई तय है.
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कमलनाथ ने की थी CBI जांच की मांग
- केंद्रीय जांच टीम द्वारा लिए गए सैंपलों की जांच में मंडला और बालाघाट जिले के वेयरहाउस में PDS के लिए रखे गए चावलों को गुणवत्ताहीन पाया गया था.
- कृषि भवन नई दिल्ली ने जब केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी, तब केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के सभी सार्वजनिक वितरण केंद्रों के चावल बांटने पर रोक लगा दी.
- केंद्रीय उपायुक्त की टीम ने मंडला और बालाघाट जिले की PDS की दुकानों से 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच 32 नमूने लिए थे. इनकी जांच कृषि भवन नई दिल्ली स्थित सेंट्रल लैब में कराई गई.
- केंद्रीय समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे अमानवीय कृत्य करार दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की थी.
- बालाघाट में चावल में घोटाला का मामला सामने आने के बाद बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य ने 18 राइस मिलर्स और 9 नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए थे.